फ्रेशर्स की भर्ती में पहली छमाही में 6% की वृद्धि होगी : टीमलीज़

फ्रेशर्स की भर्ती में पहली छमाही में 6% की वृद्धि होगी : टीमलीज़

फ्रेशर्स की भर्ती में पहली छमाही में 6% की वृद्धि होगी : टीमलीज़

* बिज़नेस रिपोर्टर

      मुंबई, 18 फरवरी 2024: भारत की अग्रणी शिक्षण नियोजनीयता समाधान प्रदाता, टीमलीज़ एडटेक ने अपनी व्‍यापक कॅरियर आउटलुक रिपोर्ट छमाही1 (जनवरी-जून 2024) जारी कर दी है। रिपोर्ट से फ्रेशर्स के लिए जॉब मार्केट के विषय में कुछ दिलचस्प जानकारी का पता चलता है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2023 की पहली छमाही (62%) की तुलना में 2024 की पहली छमाही (68%) में फ्रेशर्स की भर्ती (हायरिंग) में 6% की वृद्धि होने वाली है। इसके अलावा, नौकरी चाहने वालों की सभी श्रेणियों के लिए भर्ती की सामान्य मंशा मामूली वृद्धि के साथ 79.3% हो गई है। इस तरह की लगातार वृद्धि से फ्रेशर्स के लिए आगामी महीनों में एक सकारात्मक जॉब मार्केट का संकेत मिलता है।  

    रिपोर्ट के अनुसार, फ्रेशर्स के लिए सर्वोच्च भर्ती मंशा वाले शीर्ष के टीम उद्योग हैं, ई-कॉमर्स एवं टेक्नोलॉजी स्टार्ट-अप (55%), इंजीनियरिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर (53%), तथा टेलीकम्युनिकेशन्स (50%)। आईटी उद्योग में सीओआर छमाही2 2023 की तुलना में फ्रेशर्स की भर्ती के इरादे में कुल मिलाकर गिरावट देखी गई है (2023 की दूसरी छमाही के 49% की तुलना में 2024 की पहली छमाही में 42%)। साथ ही मीडिया और मनोरंजन जैसे क्षेत्रों में 3% की गिरावट जबकि पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी में 4% की वृद्धि (2023 की दूसरी छमाही बनाम 2024 की पहली छमाही) हुई है। 

    फ्रेशर्स के लिए विभिन्न उद्योगों में ग्राफ़िक डिज़ाइनर, लीगल एसोसिएट, केमिकल इंजीनियर और डिजिटल मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव जैसी भूमिकाओं की माँग काफी ज्यादा है। शहरों की बात करें तो, 69% भर्ती मंशा के साथ बैंगलोर सबसे आगे है, जिसके बाद 58% के साथ मुंबई और 51% के साथ चेन्नई का स्थान है । दिल्ली 45% पर है, जो 2023 की दूसरी छमाही से 2% अधिक है। लेकिन, नयी प्रतिभा के लिए माँग अभी 68% पर है जो 2023 की दूसरी छमाही (जुलाई-दिसम्बर 2023) की तुलना में मौजूदा पहली छमाही (जनवरी-जून 2024) के लिए 3% अधिक है।

    इस बार रिपोर्ट में फ्रेशर्स की नौकरी के परिदृश्य पर जेनरेटिव एआई के प्रभाव का भी गहरा अध्ययन किया गया है। इसमें बताया गया है कि सीधे-सीधे स्थानापन्न होने के बजाए, मानव-एआई सहयोग के माध्यम से नौकरियों का विकास हो रहा है। महत्वपूर्ण रूप से, निरंतर शिक्षण और अनुकूलनशीलता अत्यंत आवश्यक होती हैं, क्योंकि फ्रेशर्स जेनरेटिव एआई द्वारा संचालित लगातार तकनीकी प्रगति के दौर में प्रवेश कर रहे हैं। सॉफ्टवेयर डेवेलपर, टेक्निकल राइटर, लीगल असिस्टेंट, मार्केट रिसर्च एनालिस्ट, और ग्राफ़िक डिज़ाइनर जैसी भूमिकाओं के बदलने की उम्मीद है। फ्रेशर्स को प्रासंगिक बने रहने और जेनएआई की ताकत का लाभ उठाने के लिए अग्रसक्रिय होकर अपने कौशल को अपग्रेड करने के लिए जेनरेटिव एआई के साथ काम करने के लिए तैयार रहने की ज़रुरत है। सर्वेक्षण में सम्पूर्ण भारत में 18 उद्योगों की 526 लघु, मँझोले, और बड़ी कंपनियाँ शामिल थीं। सर्वेक्षण में 14 भौगोलिक क्षेत्रों (मेट्रो, टियर-1, टियर-2) के हायरिंग सेंटिमेंट को शामिल किया गया था।

   टीमलीज़ एडटेक की को-फाउंडर और प्रेसिडेंट, नीति शर्मा ने कहा कि, “यह दिलचस्प है कि मैन्युफैक्चरिंग, इंजीनियरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर तथा निर्माण एवं रियल एस्टेट जैसे उद्योग सबसे अधिक उपयुक्त प्रतिभाओं की खोज करने के लिए अप्रेंटिसशिप को प्राथमिकता दे रहे हैं। अग्रसक्रिय रूप से डिग्री अप्रेन्टिस को भर्ती करने में कंपनियाँ कुशलता में लगातार मौजूद कमी को धीरे-धीरे ठीक कर सकती हैं, विशेषज्ञ प्रतिभा का पोषण और उद्योग की ठीक-ठीक ज़रूरतों के अनुरूप अपनी प्रतिभा पाइपलाइन को मजबूत कर सकती हैं। यह अप्रेन्टिसो के लिए अच्छा है क्योंकि वे शैक्षणिक ज्ञान और व्यावहारिक कार्य अनुभव प्राप्त करते हुए एक साथ ‘शिक्षण और कमाई’ कर सकते हैं। इससे वे बेहद नियोजनीय बनेंगे।”

   टीमलीज़ एडटेक के फाउंडर और सीईओ, शांतनु रूज ने कहा कि, “नियोक्ताओं ने कुछ समय से रूढ़िवादी नज़रिया अपना लिया था और वैश्विक उथल-पुथल के बीच भर्ती धीमी हो गई थी। लेकिन, हमारे हाल के सर्वेक्षण से भारत की वृद्धि में नियोक्ताओं का भरोसा पता चलता है। संगठन अपने भविष्‍य की राह को लेकर ज्यादा विश्वास से भरपूर हैं जो फ्रेश टैलेंट को भर्ती करने और अपने टैलेंट पूल को मजबूत करने के लिए उनके उच्‍च भरोसे में परिलक्षित हो रहा है।”