श्रीमदभागवत कथा के अंतिम दिन कृष्ण सुदामा की कथा सुनकर भावुक हुए भक्त गण

श्रीमदभागवत कथा के अंतिम दिन कृष्ण सुदामा की कथा सुनकर भावुक हुए भक्त गण

श्रीमदभागवत कथा के अंतिम दिन कृष्ण सुदामा की कथा सुनकर भावुक हुए भक्त गण

* उत्तर प्रदेश संवाददाता

         रानीगंज (प्रतापगढ़):  श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के विश्राम दिवस सोमवार को कथा पंडाल में भक्तों की भारी भीड़ रहीl कथाव्यास परम पूज्य डॉ. श्यामसुंदर पाराशर जी महाराज के मुखार विंद से कथा श्रवण कर श्रोता मंत्रमुग्ध रहे l महाराज जी ने श्री रामजानकी मंदिर बरहदा, रानीगंज में सोमवार की कथा को जाम्वती और श्रीकृष्ण के विवाह से प्रारंभ कियाl किस तरह से भगवान श्री कृष्ण के 16108 विवाह संपन्न हुए उसका वर्णन कियाl

   उन्होंने कहा कि श्री कृष्णावतार परब्रह्म परमेश्वर का अलौकिक स्वरूप हैl विभिन्न लीलाओं से श्री कृष्ण ने अपने परब्रह्म होने का प्रमाण भी दियाl उन्होंने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण के बाल सखा सुदामा बचपन से ही श्री कृष्ण के परम प्रेमी थे l भक्त सुदामा का गृहस्थ जीवन कष्ट में बीत रहा थाl ईश्वर पग-पग पर सुदामा की कड़ी परीक्षा ले रहे थेl पत्नी के कहने पर सुदामा द्वारकाधीश से मिलने पहुंचे और जब भगवान के समक्ष कोई पहुंचता है तो उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैंl सुदामा की भी दशा बदल गई, ईश्वर ने उन्हें साधन संपन्न बना दियाl महाराज जी ने कथा के आखिरी दिवस मुख्य यजमान पंकज मिश्रा की प्रशंसा करते हुए उपस्थित भक्तों को भी ढेर सारा आशीर्वाद भी दिया l

    सुप्रसिद्ध भागवताचार्य डॉ. श्यामसुंदर पाराशर महाराज की यह रानीगंज क्षेत्र में प्रथम भागवत कथा हैl जिससे क्षेत्र के भागवत प्रेमियों में काफी उत्साह रहाl कथा श्रवण के साथ-साथ महाराज जी से आशीर्वाद प्राप्त करने व दर्शन के लिए भी भक्तों की लाइन लगती रहीl

  आयोजक प्रसिद्ध समाजसेवक एवं दिग्गज व्यवसायी पंकज मिश्र ने बताया कि प्रतिदिन कथा के पश्चात महाराज जी द्वारा सबसे मुलाकात कर कृष्ण भक्तों को आशीर्वाद दिया जाता हैl भक्त भी अपनी बारी का इंतजार करते रहते थेl यहां पाराशर जी के गुरु भाइयों की भी उपस्थिति रहती थीl पाराशर महाराज ने बताया कि मंगलवार से उनकी कथा वाराणसी में होना सुनिश्चित हैl