श्वेता बच्चन नंदा द्वारा मनसा कल्याण की कला प्रदर्शनी ‘कलियुग’ ट्रॉयोलॉजी - ‘वर्ल्ड थ्रू माई आइज़’ का  उद्घाटन

श्वेता बच्चन नंदा द्वारा मनसा कल्याण की कला प्रदर्शनी ‘कलियुग’ ट्रॉयोलॉजी - ‘वर्ल्ड थ्रू माई आइज़’ का  उद्घाटन

श्वेता बच्चन नंदा द्वारा
मनसा कल्याण की कला प्रदर्शनी ‘कलियुग’ ट्रॉयोलॉजी - ‘वर्ल्ड थ्रू माई आइज़’ का  उद्घाटन

* संवाददाता

      मुंबई, 5 सितंबर : कलाकार मनसा कल्याण की ऐक्रेलिक पेंटिंग्स की श्रृंखला ‘कलियुग’ ने मुंबई में अपने तीसरे और आखिरी संस्करण को लॉन्च करने की घोषणा की है। मुंबई के कमलनयन बजाज हॉल और आर्ट गैलरी में लेखिका और स्तंभकार श्वेता बच्चन नंदा ने 5 दिवसीय कला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

   श्वेता बच्चन नंदा, ने अपने उद्घाटन भाषण के दौरान कहा कि,‘‘कला प्रदर्शनियों के तहत आज हम मंत्रमुग्ध कर देनेवाली ‘कलियुग 3.0’ के रूबरू खड़े हैं और इस अवसर पर मुझे कला स्वरूपों की वह शक्ति याद आती है जहां हम तमाम सीमाओं से परे जाकर अपने अस्तित्व के मूल को छूने में कामयाब होते हैं। मनसा कल्याण की जीवंत कला और उसमें झलकने वाली गहन भावनाएं हमें याद दिलाती हैं कि रचनात्मकता एक ऐसी सार्वभौमिक भाषा है, जो हम सभी को एकजुट करती है।"

   उन्होंने आगे कहा कि "यह प्रदर्शनी कलाकार की उल्लेखनीय यात्रा और अपनी कला के माध्यम से परिवर्तन को प्रेरित करने की उसकी क्षमता का प्रमाण है। इस असाधारण उपलब्धि के लिए मनसा को मेरी हार्दिक बधाई।’’

  प्रदर्शनी में ‘वर्ल्ड थ्रू माई आइज़’ शीर्षक के तहत ऐक्रेलिक पेंटिंग रंगों और भावनाओं के माध्यम से कलाकार की मनोरम यात्रा पर प्रकाश डाला गया है। कैनवास पर ऐक्रेलिक के अपने कुशल उपयोग के माध्यम से, कलाकार मनसा कल्याण अपने विषयों में जान फूंक देती हैं और दर्शकों को एक ऐसी अद्भुत दुनिया में ले जाती हैं जहां रंग नृत्य करते हैं और भावनाएं गहराई से गूंजती हैं। जहांगीर आर्ट गैलरी की श्रीमती मेनन ने भी इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और कलाकार को अपनी शुभकामनाएं दीं।

  अपनी कला कलियुग श्रृंखला के बारे में बात करते हुए मनसा कल्याण ने कहा कि,‘‘वर्तमान युग में, मानवता खुद को एक चौराहे पर पाती है, जो कई परस्पर जुड़ी वैश्विक चुनौतियों से जूझ रही है। इस पृष्ठभूमि के बीच, मैंने दुनिया और रोजमर्रा की जिंदगी की खूबसूरती को प्रदर्शित करने का लक्ष्य रखा है, जिसे आज की तेजी से भागते युग में पीढ़ी अक्सर नजरअंदाज कर देती है। इन रंगों के माध्यम से, मेरा लक्ष्य परिवर्तन की उस शक्ति को प्रदर्शित करना है, जो समुदायों और लोगों की सामूहिक चेतना में निहित है।’’

   श्री बालाजी (चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर- अक्षय पात्र फाउंडेशन ) ने कहा कि,‘‘कलियुग 3.0 के साथ जुड़ना हमारे लिए बेहद गर्व की बात है। यह कला प्रदर्शनी बदलाव के धागे बुनने वाली आधुनिक पीढ़ी का प्रतिनिधित्व कर रही है। आज, अपनी कुशल करुणा से, मनसा कल्याण परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं। इस रूप में उनका उद्देश्य समाज का उत्थान करना है। गहरी कृतज्ञता के साथ, हम कलाकार के प्रयास और दृढ़ संकल्प की सराहना करते हैं, जिनकी उदारता जरूरतमंद लोगों को सशक्त और पोषित करेगी।’’

   कलाकार शाइन करुणाकरन की छत्र-छाया में पिछले आठ वर्षों से प्रशिक्षित मनसा कल्याण ने कला कृति का त्रिशूर, केरल और बेंगलुरु, कर्नाटक में आयोजित प्रदर्शनी श्रृंखला के पहले दो सफल संस्करण के बाद मुंबई में इस बिल्कुल नए संस्करण के साथ अपनी कलाकृतियों को एक नया रूप दिया है। जिनमें से अधिकांश का निर्माण पिछले वर्ष के दौरान किया गया था।