आज अपना 74 वाँ जन्मदिन मना रहे हैं बॉलीवुड के दमकते हुए ध्रुव तारे व अभिनय की दुनिया के भीष्म पितामह वरिष्ठ अभिनेता अंजन श्रीवास्तव 

आज अपना 74 वाँ जन्मदिन मना रहे हैं बॉलीवुड के दमकते हुए ध्रुव तारे व अभिनय की दुनिया के भीष्म पितामह वरिष्ठ अभिनेता अंजन श्रीवास्तव 

आज अपना 74 वाँ जन्मदिन मना रहे हैं बॉलीवुड के दमकते हुए ध्रुव तारे व अभिनय की दुनिया के भीष्म पितामह वरिष्ठ अभिनेता अंजन श्रीवास्तव 

* अमित मिश्रा

      बॉलीवुड की विशेषता रही है कि असली टैलेंट को लोकप्रिय बनाने के  साथ-साथ वह हमेशा उनके काम की कद्र करने से कभी नहीं चूका। बॉलीवुड में अभिनय करके बहुत से कलाकार फर्श से अर्श तक पहुंच गए । कुछ आम इंसान अपनी प्रतिभा के बल पर सितारे का तमगा पाकर बुलंदियों के आकाश में चमकने लगे। तो कुछ इसी राह पर संघर्ष से मंजिल की तलाश में अब भी हैं।

 फिल्मी आकाश में दमकते हुए सितारों में एक ध्रुव तारा भी है, जिसने एक्टिंग को सिर्फ कमाई का जरिया या मात्र नेम-फेम का गुणा-गणित नहीं माना बल्कि अभिनय को , दर्शकों में और कला-जगत में अपने कौशल के अद्भुत हुनर का मखमली प्रकाश फैलाने की जिम्मेदारी मानी। जी हां, हम बात कर रहे हैं अभिनय की दुनिया में भीष्म पितामह माने जाने वाले वरिष्ठ चरित्र अभिनेता अंजन श्रीवास्तव जी की। जिनके अभिनय का आकाश सदा ऊर्जा से भरा हुआ प्रकाशवान रहा है। वही अंजन जी आज अपना 74 वां जन्मदिन मनाने जा रहे हैं। 

   बता दें कि अंजन श्रीवास्तव का जन्म 2 जून 1948 को कोलकाता में हुआ था। वे भारतीय फिल्म, टेलीविजन और मंच के संवेदनशील, समर्पित व अत्यंत ख्यातनाम चरित्र अभिनेता हैं । वे बहुत पहले से मुंबई के इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन (इप्टा) से जुड़े रहे हैं। कई वर्षों तक वे ' इप्टा ' के उपाध्यक्ष रहे ।  थिएटर के अलावा उन्हें मराठी और हिंदी फिल्मों व सीरियलों की दुनिया के बेमिसाल चरित्र अभिनेता के रूप में जाना और पहचाना जाता है।

- नाटक....

उन्होंने 40 से भी अधिक नाटकों में अभिनय किया है । उनमें से कई नाटक सुपर-डुपर हिट रहे हैं ।  बकरी, मोटेराम का सत्याग्रह, शतरंज के मोहरे, एक और द्रोणाचार्य , चक्कर पे चक्कर सहित अनेकों नाटकों की वे शान रहे  हैं। उनके द्वारा अभिनीत कुछ अन्य नाटक इस प्रकार हैं- कायाकल्प, बाटी घर, द चाइनीज़ वाल, आल माय सन्स, नील दर्पण, आषाढ़ का एक दिन, चक्कर पे चक्कर, कछुवा और खरगोश,  आसमान से गिरा, किसी एक फूल का नाम लो, बर्फ की मीनार, एक और द्रोणाचार्य, द गुड वूमेन ऑफ सेटजुआन, द घोस्ट, एक मामूली आदमी, कुरुक्षेत्र से कारगिल तक, बकरी, हम फरिश्ते नहीं, होरी, देखा-अनदेखा, राजदर्शन, सैयां भये कोतवाल, आखिरी पेशी, ताजमहल का टेंडर, आखिरी शमा, रात, दूध किंग, कशमकश, ऑरेंज जूस, हम दीवाने-हम परवाने, दरिंदे : द विलेन्स और रिश्तों का लाइव टेलिकास्ट सहित अन्य कई नाटकों ने उन्हें दर्शकों का चहेता व नाट्य-जगत का अद्भुत व अनोखा सितारा बना दिया। 

नाटकों के अलावा धारावाहिक व फ़िल्म यानि तीनों  विधाओं में अपने उत्कृष्ट अभिनय का परचम लहराते रहनेवाले बेमिसाल कलाकार अंजन श्रीवास्तव द्वारा अभिनीत फिल्मों का सफर भी निराला और रोचक होने के साथ-साथ कलकलाती नदी के बहते हुए चमकदार पानी सा बिल्कुल साफ, स्पष्ट तथा सुकून देता हुआ रहा है। 

 - फिल्में...

उनके द्वारा अभिनीत कुछ फिल्मों पर नजर डालें तो वे हैं- गोलमाल, सजा-ए-मौत, कालिया, आगमन, बेमिसाल, साथ-साथ, लोरी, विवेक , गुलामी, जवाब, लोहा, मिस्टर इंडिया, काश, आखिरी अदालत, शहंशाह, सलाम बॉम्बे, दयावान, अभी तो मैं जवान हूँ, मैं आज़ाद हूँ, अव्वल नम्बर, अग्निपथ, योद्धा, नरसिम्हा, मिस्सीसीपी मसाला, खुदा गवाह, जो जीता वही सिकन्दर, चमत्कार, इसी का नाम ज़िन्दगी, दिल ही तो है, राजू बन गया जेंटलमैन , रूप की रानी-चोरों का राजा, दामिनी, दिलवाले, कभी हाँ-कभी ना, घातक, गुप्त, सनम , चायना गेट, प्यार तो होना ही था, बंधन, चक्रव्यूह, पुकार , रण, आन , चक दे इंडिया, हल्लाबोल, पाठशाला व तीसमारखाँ सहित कई अन्य फिल्मों में  महत्वपूर्ण भूमिकाएं उन्होंने निभाई हैं।

- टेलीविजन सीरियल्स....

बात करें उनके द्वारा अभिनीत धारावाहिकों की तो टेलीविजन श्रृंखला वागले की दुनिया और वागले की नई दुनिया में सर्वोत्कृष्ट "आम आदमी" के रूप में उन्होंने अपनी विशेष पहचान  बनाई है। 
अंजन श्रीवास्तव अभिनीत कुछ अन्य
प्रमुख टेलीविजन धारावाहिक हैं- ये जो है जिंदगी (1984) नुक्कड़ (1986-88), भारत एक खोज (1988), वागले की दुनिया ( 1988-90 ), नया नुक्कड़ (1993-94), पलटन ( 1997 ),  अल्पविराम (1998), वो रहनेवाली महलों की (2005) , विरुद्ध ( 2007 ), मिस्टर एंड मिसेज शर्मा अलाहाबादवाले (2010), ना बोले तुम..ना मैंने कुछ कहा ( 2012), संविधान ( 2014 ), चंद्रशेखर (2018 ), वागले की दुनिया-नई पीढ़ी नए किस्से ( 2021 से अब तक लगातार)। उनका एक बेहद चर्चित धारावाहिक भारत एक खोज भी है, जो पं. नेहरू जी की किताब डिस्कवरी ऑफ इंडिया पर आधारित रहा है। जिसमें उन्होंने विभिन्न तरह की कई भूमिकाएँ निभाईं थीं।


 आज अंजन श्रीवास्तव अपना 74 वां जन्मदिन अपने पारिवारिक मित्रों, इप्टा, फ़िल्म इंडस्ट्री के दिग्गजों व टेलीविजन धारावाहिकों से जुड़े अपने कुछ बेहद खास लोगों के संग मना रहे हैं।  

*   pen-n-lens.in   टीम  की ओर से भी अभिनय की दुनिया के भीष्म पितामह " अंजन श्रीवास्तव जी "  को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं...