स्ट्रीटस्मार्ट प्रोडक्शन्स द्वारा निर्मित फ़िल्म 'फर्स्ट सेकंड चांस' का पहला पोस्टर जारी

स्ट्रीटस्मार्ट प्रोडक्शन्स द्वारा निर्मित फ़िल्म 'फर्स्ट सेकंड चांस' का पहला पोस्टर जारी

स्ट्रीटस्मार्ट प्रोडक्शन्स द्वारा निर्मित फ़िल्म 'फर्स्ट सेकंड चांस' का पहला पोस्टर जारी

- कभी-कभी रिश्तों का अंत इसलिए‌ ज़रूरी होता है ताकि इश्क़ की शुरुआत हो सके

* बॉलीवुड संवाददाता

      स्ट्रीटस्मार्ट प्रोडक्शन्स की संस्थापक और सीईओ लक्ष्मी आर. अय्यर ने हाल ही में फ़िल्म‌ 'फ़र्स्ट सेकंड चांस' बनाने‌ का ऐलान किया था. एक‌ बेहद अलग विषय पर‌ बन रही इस फ़िल्म में बेहद प्रतिभाशाली कलाकारों के अभिनय से दर्शक रू-ब-रू हो सकेंगे.

    फ़िल्म के ऐलान‌ के बाद स्ट्रीटस्मार्ट प्रोडक्शन्स ने‌ अब अपने‌ बैनर तले बनी इस फ़िल्म का एक आकर्षक पोस्टर भी जारी कर दिया है. इस पोस्टर में कलाकारों के उम्र के‌ अंतर को बड़े ही रूचिपूर्ण तरीके से श्याम‌-श्वेत रंगों के माध्यम से पेश किया गया है जिसे देखकर  गुज़रे हुए ज़माने‌ का भरपूर एहसास भी होता है.

   फ़िल्म‌ में 'हम आपके हैं कौन' फ़ेम‌ अभिनेत्री रेणुका शहाणे,‌ 'दिल मांगे मोर: जैसी फ़िल्म के ज़रिए लोगों का मनोरंजन कर‌नेवाले अभिनेता अनंत महादेवन, टीवी शो 'साथ निभाना साथिया' में गोपी बहू का किरदार निभाकर मशहूर हुईं देवोलिना भट्टाचार्य, सीरियल 'स्वाभिमान-एक श्रृंगार' में कुणाल सिंघानिया का रोल निभानेवाले साहिल उप्पल और 'नीरजा' और 'डियर ज़िंदगी' जैसी फ़िल्मों में काम‌ कर चुके निखिल संघा अहम किरदारों में दिखाई देंगे. 

    फ़िल्म‌ की निर्माता और डायरेक्टर लक्ष्मी आर. अय्यर कहती हैं, "रेणुका, अनंत, देवोलिना और‌ अन्य कलाकारों के साथ फ़िल्म‌ के लिए शूट करना मेरे लिए एक बेहद अद्भुत अनुभव था. सभी बहुत ही प्रतिभाशली हैं जिन्होंने फ़र्स्ट सेकंड चांस में काम करने‌ को लेकर पूरा समर्पण दिखाया. मेरे लिए बेहद गर्व की बात है कि मुझे इन सभी जुनूनी कलाकारों के साथ काम करने‌ का मौका मिला. फ़िल्म में मोहब्बत से जुड़े जज़्बे, गुज़रे हुए वक्त और इंसानी जज़्बात को बड़े ही नाज़ुक अंदाज़ में एक ही धागे में पिरोया गया है. फ़िल्म की स्क्रिप्ट भी अपने आप में बड़ी ही ख़ूबसूरत है. मुझे यकीन है कि यह फ़िल्म दर्शकों के‌ दिलों को गहरे तक छू जाएगी."

    रेणुका शहाणे इस फ़िल्म में काम करने को लेकर कहती हैं, "मैंने फ़र्स्ट सेकंड चांस में काम करने के लिए इसलिए हामी भरी क्योंकि मुझे फ़िल्म की स्क्रिप्ट बेहद पसंद आई. मैं लक्ष्मी की ऊर्जा, उनके उत्साह,  फ़िल्ममेकिंग की कला और उसके प्रति उनकी लगन देखकर बहुत प्रभावित हुई.‌ मैं हमेशा से ही महिला लेखिकों, डायरेक्टरों, छायाकरों, एडिटरों के साथ काम करने‌ के मौकों की तलाश में रहती हूं. ऐसे में सेट पर एक अलग तरह का माहौल का निर्माण होता है. मेरे लिए लक्ष्मी के साथ काम करना बेहद ख़ुशनुमां अनुभव साबित हुआ. वह एक बेहद प्रतिभाशाली निर्देशक है और उन्हें अच्छे से पता होता था कि आखिर उन्हें शूटिंग के दौरान क्या चाहिए होता था. मुझे वह कभी किसी हड़बड़ी में दिखाई नहीं दीं. अगर जज़्बाती सीन्स फ़िल्माने होते थे तो वे कलाकारों को सीन्स को‌ अपने ढंग से पूरा करने‌ के लिए खुला छोड़ देती थीं और वह कलाकारों को ऐसा करने के लिए ख़ासा समय भी देती थीं ताकि कलाकार सीन‌ के संदर्भ में सही तरीके से ख़ुद को एक्सप्रेस कर पाएं. उनकी यह भी एक ख़ासियत है कि वे सेट पर कभी किसी भी चीज़ को हल्के में नहीं लेती हैं. जिस तरह से मेरे चरित्र को फ़िल्माया गया है, उससे मुझे प्यार सा हो गया है. सेट पर हर चीज़ को बेहद सूक्ष्म तरीके से पहले ही प्लान‌ कर लिया जाता था."

    अनंत महादेवन कहते हैं, "अपने‌ जीवन की संध्या बेला‌‌ में अकेले छोड़ दिये जाने से जुड़े जज़्बात से लेकर जिंदगी में फिर से उत्साह से भरने जाने तक, फ़िल्म दो प्रमुख किरदारों की संजीदा भावनाओं से भरी एक संजीदा कहानी है. इस फ़िल्म‌ की कहानी बुज़ुर्गों के‌‌ लिए बने‌ एक आश्रम में आकार लेती है. यहां लोग जीवन के आख़िरी पलों को जीने के एहसास के साथ आते हैं, लेकिन‌ फ़िल्म‌‌ में दिखाया गया है कि जिंदगी की हर शाम अंधियारे की ओर ले जाए, यह कतई ज़रूरी नहीं है. दो दिलों को जोड़नेवाली यह अद्भुत कहानी लक्ष्मी की सोच, उनके प्रयासों और उनके जुनून का नतीजा है.‌ मुझे यकीन है कि आप सभी को फ़िल्म फ़र्स्ट सेकंड चांस ज़रूर पसंद‌ आएगी."

    उल्लेखनीय है कि इस फ़िल्म‌ की कहानी सत्य घटना से प्रेरित है.‌ इस फ़िल्म‌ को स्ट्रीटस्मार्ट प्रोडक्शन के तहत निर्मित किया है और यह फ़िल्म‌ लक्ष्मी‌ आर. अय्यर के बेहतरीन‌ निर्देशन से सजी है. फ़िल्म‌ को प्रभावी ढंग से छायांकित करने‌ की ज़िम्मेदारी एम. रविचंद्रन ने‌ उठाई है. उल्लेखनीय है कि 'स्लमडॉग मिलेनियर' मे बेस्ट साउंड डिज़ाइनिंग के लिए ऑस्कर अवॉर्ड जीतनेवाले रसूल पुकेट्टी ने इस फ़िल्म का बेहतरीन ढंग से साउंड डिज़ाइन‌ किया है. फ़िल्म‌‌ का सुमधुर संगीत दिया है आनंद भास्कर ने जबकि फ़िल्म में 'राब्ता' और 'छम्मक छल्लो' जैसे गीतों को हंसिका अय्यर ने अपनी मीठी आवाज़ देकर उन्हें और भी ख़ूबसूरत बना दिया है.