अटल-टनल की दमदार कहानी लेकर आ रहा है 'हिस्ट्रीटीवी18' 

अटल-टनल की दमदार कहानी लेकर आ रहा है 'हिस्ट्रीटीवी18' 

 अटल-टनल की दमदार कहानी लेकर आ रहा है 'हिस्ट्रीटीवी18' 

* बॉलीवुड रिपोर्टर

        जी हाँ , पॉवरफुल डॉक्यूमेंट्री 'मॉडर्न मार्वल:अटल टनल' लेकर आ रहा है  'हिस्ट्रीटीवी18'  जिसके माध्यम से इस दर्शक देख पाएंगे अटूट जज़्बा और अद्भुत इंजीनियरिंग के मेल की सच्ची कहानी | इसको बनाकर न केलव लद्दाख क्षेत्र में स्थित लेह को हिमाचल प्रदेश में केलांग के रास्ते मनाली से जोड़ा गया बल्कि एक वर्ल्ड रिकार्ड भी बनाया गया | इसे बनाने में बहुत ही कठिन परिस्थियों का सामना करना पड़ा जिसे देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे |

   भारत के पश्चिमी हिमालय में पीर पंजाल रेंज से गुज़रने वाली इस सुरंग को 3 अक्टूबर, 2020 को राष्ट्र को समर्पित किया गया था। यह दुनिया की हाई अल्टीट्यूड पर स्थित सबसे लंबी हाईवे सुरंग है। समुद्र तल से 10,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर, 9.02 किलोमीटर लंबी है ।

     इस सुरंग का विचार तब आया था जब नई सहस्राब्दी की शुरुआत में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लाहौल निवासी उनके बचपन के दोस्त अर्जुन गोपाल से मिले। पर इस परियोजना के शुरू होने में कई साल लग गए। और इसने रफ़्तार सिर्फ तब पकड़ी जब मोदी सरकार ने इसके निर्माण की गति को पिछली सरकारों के तहत रही गति से पांच गुना कर दिया। अटल टनल के उदघाटन पर प्रधानमंत्री मोदी ने देश के उत्थान और प्रग्रति को और तेज़ करने की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा, कि "जब विकास के पथ पर तेज़ी से आगे बढ़ना हो, जब देश के लोगों की विकास की प्रबल इच्छा हो तो रफ़्तार बढ़ानी ही पड़ती है। "  

         बर्फ़ीले तूफ़ान, हिमस्खलन, और प्रकृति के प्रकोप के बीच हिमालय में 10,000 फीट की ऊँचाई पर सुरंग बनाना ना केवल एक महत्वाकांक्षी विचार था, बल्कि दुनिया में इससे पहले कहीं भी ऐसा कुछ करने का प्रयास नहीं किया गया था। लेकिन यह ठीक उसी तरह का मिशन था जिसे पूरा करने के लिए भारतीय सेना की एक विशेष शाखा, बॉर्डर रोड्स आर्गेनाइजेशन (BRO) की स्थापना की गई थी। साल 1960 से, BRO भारत के दूर-दराज स्थित चुनौतीपूर्ण स्थानों और सीमाओं को जोड़ने का काम करता आ रहा है। सुरंग का निर्माण और और इस पर चलने वाला नया राजमार्ग बनाना इस संगठन का मुख्य मिशन था। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर बढ़ती चुनौतियों और देश की रक्षा की दृष्टि से, प्रोजेक्ट की विफलता सोची भी नहीं जा सकती थी। दुनिया के कुछ सबसे कठिन इलाकों में से एक क्षेत्र में कड़ी चुनौतियों का सामना करने के एक दशक के बाद, हाई अल्टीट्यूड पर सबसे लम्बी सुरंग परियोजना को सभी के सहयोग से सफलतापूर्वक पूरा किया गया।  

  HistoryTV18 का आधे घंटे का रोमांच से भरपूर शो, उन तथ्यों को उजागर करता है जिनसे लोग अनजान हैं और इस प्रोजेक्ट की विशालता पर प्रकाश डालते हुए बताता है कि यह मिशन कैसे पूरा हुआ। यह डॉक्यूमेंट्री हिमालय जैसी चुनौतियों से हार ना मानने वाली भावना की विजय गाथा है। इस डॉक्यूमेंट्री में सिर्फ़ सफलता नहीं बल्कि परीक्षण और असफलताओं को भी दर्शाया गया है - जैसे एक ढह गई छत से लेकर मूसलाधार बाढ़ और कोरोना महामारी के कारण आई बाधाएं। प्रकृति की परीक्षाओं और बड़ी-बड़ी बाधाओं को दूर करते हुए, परियोजना के 750 अधिकारी, इंजीनियर, भूवैज्ञानिक, भूकंप विशेषज्ञ, ड्रिलिंग विशेषज्ञ और 3,000 से अधिक कर्मचारियों के अथक प्रयासों ने इस सपने को हकीकत में बदल डाला।

 सुरंग के महत्व के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कहते हैं, “मैं इसकी स्ट्रैटेजिक और नॅशनल इम्पॉर्टन्स के लिए कहूँ तो सचमुच ये हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ा वरदान है। सुरंग के बनने का आर्थिक लाभ भी है और साथ ही साथ सामाजिक दृष्टिकोण से भी ये बहुत ही महत्वपूर्ण है।”  

   'मॉडर्न मार्वल:अटल टनल' को देखिये  २० अक्टूबर को रात 9 बजे, सिर्फ़ HistoryTV18 और HistoryTV18 HD पर।