कविता : यूपी की पाती

कविता : यूपी की पाती

   कविता : यूपी की पाती

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इक तो कोहिरा करे बा,

हमरा के बेहाल

दुसरे बरखा करत बा,

सइयां हमइ हलाल

सइयां हमइ हलाल,

काम ना करइ रजाई

सिसके हिया पिया

कउड़ा जस जरे लुगाई

कह 'सुरेश' परदेसी अस

जिनि करा नदानी

पानी-पानी करे अहइ

बरखा का पानी

 * कवि : सुरेश मिश्र

_हास्य-व्यंग्य कवि एवं मंच संचालक (मुम्बई)