कवयित्री चंद्रिका व्यास के प्रथम काव्य संग्रह ’पृथ्वी सम नारी’ का लोकार्पण

कवयित्री चंद्रिका व्यास के प्रथम काव्य संग्रह ’पृथ्वी सम नारी’ का लोकार्पण

कवयित्री चंद्रिका व्यास के प्रथम काव्य संग्रह ’पृथ्वी सम नारी’ का लोकार्पण

* संवाददाता

   नवी मुंबई : अग्निशिखा मंच के तत्वावधान में कोपर खैराने सेक्टर 1 स्थित अखिल भारतीय अग्नि शिखा मंच के कार्यालय में कवयित्री श्रीमती चंद्रिका व्यास के पहले काव्य संग्रह 'पृथ्वी सम नारी' का लोकार्पण संपन्न हुआ।
 कार्यक्रम का आरम्भ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इसके पश्चात कवयित्री वंदना श्रीवास्तव ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

   समारोह की अध्यक्षता प्रसिद्ध युवा साहित्यकार एवं चिंतक पवन तिवारी ने की। मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ नव गीतकार अरविंद राही तथा विशेष अतिथि के रूप में वरिष्ठ रचनाकार श्रीमती अलका पांडेय, वरिष्ठ साहित्यकार सेवा सदन प्रसाद, वरिष्ठ कवि विजय भटनागर, लखनऊ से पधारे वरिष्ठ कवि डॉक्टर सुरेश,ए. पी. सिंह उपस्थित थे।

   अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में पवन तिवारी ने कहा कि प्रत्येक कवि में एक आलोचक होता है। जिसके पास जितनी बड़ी आलोचनात्मक दृष्टि होगी उसकी कविता में उतनी ही विविधता होगी। चंद्रिका व्यास की रचनाओं में विविधता है। इससे ज्ञात होता है कि कवि अपने समय और समाज को लेकर सतर्क है। समाज के व्यवहार और विद्रुपताओं पर उसकी पैनी दृष्टि है। यह एक सच्चे कवि के मौलिक गुण हैं।

  सभी अतिथियों ने चंद्रिका व्यास को उनके प्रथम कविता संग्रह के लिये अनेक शुभकामनायें प्रदान की।

   अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच की अध्यक्ष श्रीमती अलका पांडेय ने चंद्रिका व्यास की साहित्यिक यात्रा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बधाई दी।

  चंद्रिका व्यास ने अपने लेखकीय वक्तव्य में कहा कि जो मैं देखती हूँ, महसूस करती हूँ, वह लिखती हूँ। मैं अधिक बोल नहीं पाती किन्तु लेखनी के माध्यम से स्वयं को व्यक्त करने का प्रयास करती हूँ।
   इस अवसर पर आये हुए सभी साहित्यकारों ने चंद्रिका व्यास की लोकर्पित पुस्तक पृथ्वी सम नारी की कविताओं का पाठ किया। जिनमें वरिष्ठ कवि नन्दलाल क्षितिज, रामस्वरूप साहू, दिलीप ठक्कर, शोभना ठक्कर, मंजू गुप्ता, अलका पांडेय, सेवा सदन प्रसाद, विशंभर दयाल तिवारी, ओम प्रकाश पांडेय, ओम प्रकाश सिंह, नंदलाल थापर, भारत भूषण शारदा, वंदना श्रीवास्तव, मुन्ना यादव, कुमकुम वेद सेन, चित्रा गुप्ता ,लता तेजेश्वार आदि प्रमुख थे।

   कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कवि विश्वम्भरदयाल तिवारी ने किया।