नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर कार्यशाला का आयोजन हुआ

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर कार्यशाला का आयोजन हुआ

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर कार्यशाला का आयोजन हुआ

* संवाददाता

         मुंबई :  विलेपार्ले इंटरनेशनल होटल में मुंबई के सभी बोर्डों के अध्यापकों के लिए जी राम पब्लिकेशन की ओर से एक कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला के मुख्य अतिथि कंपनी के एमडी श्री सुनील कुमार मंगल थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में सुश्री टेनसी मंगल मौजूद थीं। दीप प्रज्ज्वलन द्वारा कार्यशाला का आरंभ किया गया।कंपनी के वॉयस प्रेसिडेंट विक्रांत शर्मा ने कार्यशाला की प्रस्ताविकी में हिंदी के प्रचार-प्रसार में अपनी कंपनी की प्रतिबद्धता ज़ाहिर की। उन्होंने कहा कि कंपनी हिंदी में अपना व्यवसाय नहीं देखती बल्कि हिंदी भाषा की सेवा में गर्व का अनुभव करती है।

 मशहूर शिक्षाविद एवं समालोचक डॉ. जितेन्द्र पाण्डेय और दिल्ली से पधारे डॉ. डी. वी. सिंह ने विषय विशेषज्ञ की भूमिका निभाते हुए शिक्षकों का मार्गदर्शन किया। 'नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, हिंदी की मानक वर्तनी और हिंदी शिक्षण में नवाचार विषय पर खुलकर चर्चा हुई। डॉ. सिंह ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति से संबंधित मुद्दों एवं हिंदी की मानक वर्तनी पर अपनी बात रखी जबकि डॉ जितेन्द्र ने हिंदी शिक्षण में नवाचार पर कहा कि शिक्षण की कोई विधि त्याज्य नहीं है बल्कि उसमें नवाचार की ज़रूरत है। इसके द्वारा हम अपने शिक्षण को रुचिकर एवं प्रभावी बना सकते हैं। डॉ. मनसा मिश्रा ने अपने शिक्षण अनुभवों को सबके सामने रखा। 
इस अवसर पर शिक्षाविद श्री रामनयन दुबे, श्रीमती प्रतिभा मिश्रा, श्री अजीत उपाध्याय, श्री अशोक यादव एवं डॉ मनसा मिश्रा को शिक्षा जगत में उनकी उपलब्धियों को देखते हुए सारस्वत सम्मान से विभूषित किया गया। सम्मान प्राप्त सभी विभूतियों ने अपने विचार व्यक्त किए। भोजनोपरांत  इस सत्र का सम्यक संचालन कवि श्री अजीत उपाध्याय और श्री विक्रांत शर्मा ने किया। श्री उपाध्याय की 'बेटी' शीर्षक कविता ने सबके आँखों में आँसू ला दिए। कार्यक्रम की सफलता का आलम यह था कि समापन के बाद भी शिक्षक सभागृह से प्रस्थान नहीं करना चाहते थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में गुजरात और महाराष्ट्र के प्रतिनिधियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आमन्त्रित अतिथियों के प्रति रीजनल सेल्स प्रबंधक श्री दिनेशचंद्र श्रीवास्तव ने आभार व्यक्त किया । इस अवसर पर मीडिया जगत से मुन्ना यादव मयंक, धनुषधारी यादव और रितेश तिवारी उपस्थित थे।