बिट्स वर्क इंटीग्रेटेड लर्निंग प्रोग्राम्स डिवीजन के साथ तेलंगाना पॉलिटेक्निक-इंजीनियरिंग संस्था का गठजोड़ 

बिट्स वर्क इंटीग्रेटेड लर्निंग प्रोग्राम्स डिवीजन के साथ तेलंगाना पॉलिटेक्निक-इंजीनियरिंग संस्था का गठजोड़ 

बिट्स वर्क इंटीग्रेटेड लर्निंग प्रोग्राम्स डिवीजन के साथ तेलंगाना पॉलिटेक्निक-इंजीनियरिंग संस्था का गठजोड़ 

_अनुभवजन्य शिक्षण प्रैक्टिकल असाइनमेंट माध्यम द्वारा बिट्स पिलानीने 10 रिमोट वर्चुअल लैब्स शुरू किए

*बिज़नेस रिपोर्टर

         तेलंगाना सरकार के अधीन गठित बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन ऐंड ट्रेनिंग (एसबीटीईटी) ने बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ऐंड साइंस (बीआईटीएस) पिलानी वर्क इंटीग्रेटेड लर्निंग प्रोग्राम्स (डब्लूआईएलपी) डिवीजन के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। तेलंगाना में पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग संस्थानों के लिये तकनीक समर्थित प्रयोगशालाओं (टीईएल) को डिजाइन करने, विकसित करने और प्रयोग में लाने के लिये यह कदम उठाया गया है। यह टीईएल प्रोजेक्ट का वित्तपोषण एसबीटीईटी द्वारा किया जाएगा और इसे विविध चरणों में दो साल में कार्यान्वित किया जाएगा।

   इसके कार्यान्वयन में चुनिंदा जगहों पर रिमोट और वर्चुअल प्रयोगशाला तैयार करने और सॉफ्टवेयर इंटरफेस तैयार करने के लिये प्रोग्राम बनाने और प्रयोगशाला के लिये उपकरण का चुनाव करने से लेकर प्रयोगशाला के लिये पाठ्यक्रम और संयुक्त डिजिटल कंटेंट तैयार करने तक की गतिविधियाँ सम्मिलित हैं। आखिर में कुछेक फैकल्टी मेंबर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे कुछ चुनिंदा संस्थानों में प्रयोगशाला तैयार कर सकें।

   अनुभवजन्य शिक्षण और नवीन समाधान में सहयोग देने वाली वर्चुअल और रिमोट लैब्स पिछले कई वर्षों के दौरान स्टूडेंट्स को संपूर्ण अनुभवजन्य शिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से, बिट्स पिलानी विल्प ने 10 रिमोट लैब्स (फिजिकल लैब, जहाँ कहीं से भी और कभी भी पहुँचा जा सकता है) और 26 वर्चुअल लैब्स जो विभिन्न घटनाओं के सॉफ्टवेयर सिमुलेशन अध्ययन की अनुमति देता है, जो वास्तविक वातावरण या भौतिक प्रयोगशालाओं में अध्ययन करने के लिये बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

   इन लैब्स का लाभ उठाकर प्राप्त किए गए अनुभवजन्य शिक्षण (सिमुलेशन, व्यावहारिक ज्ञान और अन्य प्रैक्टिकल असाइनमेंट के माध्यम से, जिसमें हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों का उपयोग शामिल होता है स्टूडेंट्स को सिद्धांत के साथ व्यवहार को जोड़ने में मदद मिलती है, और इस प्रकार उन्हें अपने वास्तविक जगत में विविध चुनौतियों और संभावनाओं को संबोधित करने के लिए नवाचारी विचार तथा समाधानों के पोशाल की क्षमता प्राप्त होती है।

    एमओयू पर हस्ताक्षर के अवसर पर, प्रो. जी.सुंदर, डायरेक्टर, ऑफ-कैम्पस प्रोग्राम ऐंड इंडस्ट्री एंगेजमेंट, बिट्स पिलानी ने कहा कि, “पिछले कुछ सालों के दौरान, बिट्स पिलानी में हमने खासकर भारत और दुनियाभर के वर्किंग प्रोफेशनल के लिये वर्क इंटीग्रेटेड लर्निंग प्रोग्राम के लिये कई रिमोट और वर्चुअल लैब्स डिजाइन, विकसित और स्थापित की हैं। इस तरह के लैब्स में साझा संसाधन के रूप में विकसित होने की काफी क्षमता होती है, जिसे कई सारे संस्थानों के स्टूडेंट्स द्वारा प्रयोग किया जा सकता है। एक प्रतिष्ठित संस्थान होने के नाते मुझे इस बात की खुशी है कि हम इस क्षेत्र में बिट्स पिलानी के बाहर की दुनिया में बड़े पैमाने पर अच्छे स्टूडेंट्स, अन्य संस्थानों और समाज के साथ अपने कुछ सबसे बेहतर पद्धतियों और विशेषज्ञताओं को साझा कर पाएंगे। और एसबीटीईटी के साथ यह साझीदारी उस दिशा में बढ़ाया गया हमारा सबसे बड़ा कदम है, जो इस साझीदारी को और भी खास बनाता है।“