गिरगांव चौपाटी भूमि को "स्वराज्य भूमि" नाम देकर विकसित करने की सांसद गोपाल शेट्टी ने दोहराई अपनी मांग

गिरगांव चौपाटी भूमि को "स्वराज्य भूमि" नाम देकर विकसित करने की सांसद गोपाल शेट्टी ने दोहराई अपनी मांग

गिरगांव चौपाटी भूमि को "स्वराज्य भूमि" नाम देकर विकसित करने की सांसद गोपाल शेट्टी ने दोहराई अपनी मांग

* अमित मिश्रा

     बोरीवली ( मुंबई :) : उत्तर मुंबई के लोकप्रिय सांसद गोपाल शेट्टी ने गिरगांव चौपाटी की भूमि का नामांतरण कर उसे "स्वराज्य भूमि"  नाम देकर  विकसित करने की वर्ष 2012 की अपनी पुरानी मांग को दोहराते हुए अपना प्रयास पुन: आरंभ कर दिया है।
    सांसद श्री शेट्टी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़वणीस , उप मुख्यमंत्री अजित दादा पवार तथा पालक मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा के नाम पत्र लिखकर इस संदर्भ में अपनी मांग को दोहराया है।
    सांसद श्री शेट्टी ने वर्ष 2012 में मुंबई के तत्कालीन मेयर श्री सुनील प्रभु  को लिखे पत्र को भी अपने पत्र के साथ संलग्न करते हुए कहा है कि उक्त पत्र के माध्यम से गिरगांव चौपाटी की भूमि को "स्वराज्य भूमि" के रूप में विकसित करने के संदर्भ में मैंने वर्ष 2012 में ही अपना मत व्यक्त कर अपनी इस संदर्भ में मांग रखी थी।
    श्री शेट्टी ने अपने पत्र में लिखा  है कि लोकमान्य तिलक ने महाराष्ट्र राज्य में सार्वजनिक गणेशोत्सव के माध्यम से उत्सव को एक नई दिशा दी थी। जिससे इतने वर्षों के बाद भी न केवल महाराष्ट्र में बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी सार्वजनिक गणेश उत्सव धूमधाम से अनवरत जारी है।  यह हम महाराष्ट्र के निवासी सभी नागरिकों के लिए गर्व की बात है।'
     लोकमान्य तिलक ने "स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा" का नारा देकर ब्रिटिश शासन को बड़ा झटका दिया था।  कई वर्षों तक स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करने वाले, देश के लिए कठोर कारावास की यातना सहने वाले, अपने विचारों और कलम से भारतीय समाज में अंग्रेजों के खिलाफ असंतोष की चिंगारी भड़काकर आजादी का जज्बा सबके दिलों में भरने वाले  इस महान नेता का उनके निधन के बाद गिरगांव चौपाटी पर ही अंतिम संस्कार किया गया था। इतिहास गवाह है कि 1 अगस्त 1920 को दिवंगत लोकमान्य तिलक के अंतिम दर्शन के लिए हजारों नर-नारी इस स्थान पर उमड़ पड़े थे, जिसे आज भी गिरगांव चौपाटी भूमि कहा जाता है।
    सांसद श्री शेट्टी ने पत्र में आगे लिखा है कि लोकमान्य तिलक की पुण्य स्मृति में गिरगांव चौपाटी भूमि को "स्वराज्य भूमि" के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है ताकि इस प्रेरणा स्थल से लोकमान्य तिलक के विचारों और देश की आजादी के लिए उनके कार्यों को  विशेषकर नई पीढ़ी के लोग व अन्य सभी नागरिक सदा याद रख सकें।
     सांसद श्री शेट्टी ने आगे लिखा है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में युद्ध स्मारक विकसित कर देश के सैनिकों का सम्मान बढ़ाने का काम किया है और पुलिस स्मारक विकसित कर पुलिसकर्मियों का भी सम्मान बढ़ाया है। उसी प्रकार महाराष्ट्र में आजादी की लड़ाई लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों की याद में स्मृति स्थल बनाने से आने वाली पीढ़ियों के मन में स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति बनी रहेगी। भविष्य में बड़ी संख्या में महाराष्ट्र और देश के विकास के लिए प्रयास करने वाले लोगों के लिए यह स्थल एक प्रेरणा स्थल बन सकता है।
    सांसद गोपाल शेट्टी ने पत्र के अंत में कहा है कि कृपया मेरे द्वारा उठाए गए इस महत्वपूर्ण मामले पर नेतागण गंभीरता से विचार करें और मुंबई महानगरपालिका आयुक्त के लिए ऐसा आदेश भी जारी करें ताकि भविष्य में गिरगांव चौपाटी स्थल को "स्वराज्य भूमि"  नाम दिया जाए।