Asian Games की रिले दौड़ में पदक के लिए ट्रैक पर करिश्मा : ऐश्वर्या मिश्रा को संस्था ‘परिश्रम’  करेगी सम्मानित 

Asian Games की रिले दौड़ में पदक के लिए ट्रैक पर करिश्मा : ऐश्वर्या मिश्रा को संस्था ‘परिश्रम’  करेगी सम्मानित 

 Asian Games की रिले दौड़ में पदक के लिए ट्रैक पर करिश्मा : ऐश्वर्या मिश्रा को संस्था ‘परिश्रम’  करेगी सम्मानित 

* संवाददाता

     मुंबई : एशियन गेम्स में भारत को महिलाओं की 4 गुणा 400 मीटर रिले दौड़ प्रतियोगिता में सिल्वर पदक दिलाने वाली टीम का हिस्सा रही ऐश्वर्या मिश्रा को ‘परिश्रम’ संस्था सम्मानित करेगी। ऐश्वर्या संभवतः 10 अक्टूबर को स्वदेश लौटेंगी तब उनका भव्य ढंग से स्वागत समारोह आयोजित किया जाने वाला है।
      ‘परिश्रम’ संस्था के वरिष्ठ समाजसेवी कृपाशंकर सिंह ने बताया कि महिला खिलाड़ियों की शानदार सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विट कर सभी को बधाई भी दी है। उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी मुंबई में रहनेवाली ऐश्वर्या मिश्रा की शानदार सफलता पर अपनी शुभकामनाएं दी हैं। 

  पिता कैलाश आज भी फल बेचकर बेटी के सपनों को कर रहे हैं पूरा :

     मुंबई के दहिसर (पूर्व) स्थित स्लम  इलाके धारखाड़ी जैसे परिसर के निवासी और फल बेच कर गुजारा करते हुए अपनी लाड़ली बेटी के सपनों को पंख देनेवाले कैलाश मिश्रा को इन दिनों लगातार बधाई संदेश मिल रहे हैं। उनकी बेटी ऐश्वर्या मिश्रा ने एशियाई खेलों में  महिलाओं की 4 गुणा 400 मीटर रिले स्पर्धा में भारत को रजत पदक दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। भारत की विथ्या, ऐश्वर्या, प्राची और सुभा की जबरदस्त तालमेल वाली इस रिले रनर टीम ने देश को रजत पदक दिलाकर भारत वासियों का सम्मान बढ़ा दिया ।

  ऐश्वर्या मिश्रा की कामयाबी के पीछे पिता की कठोर तपस्या :
     देश को रजत पदक दिलाने वाली टीम का हिस्सा रही ऐश्वर्या आज भी दहिसर (पूर्व) स्थित एक स्लम में 10 बाय 10 के छोटे से कमरे में रहती है। उसके पिता कैलाश मिश्रा ने बेटी ऐश्वर्या को एथलीट बनाने में कड़ी तपस्या की है। चूंकि ऐश्वर्या बचपन से ही दौड़ने में बहुत तेज थी लिहाजा उसके पिता ने उसकी प्रतिभा को देखते हुए उसे घर से 10-12 किमी दूर एक स्पोर्ट्स एकादमी में दाखिल कराया। वे रोज सुबह करीब 5.30 बजे बेटी को छोड़ने स्पोर्ट्स एकादमी जाते थे इसके बाद वापसी में मार्केट से फल खरीदते और फिर उसे बेचने दिन भर बैठा रहा करते थे। कई बार बेटी को एथलीट बनाने की उनकी कोशिश का लोगों ने मजाक भी उड़ाया, परंतु वे अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने में पूरी ईमानदारी और दृढ़ता से लगे रहे। 
   अब जब 4 गुणा 400 मीटर रिले स्पर्धा में बेटी ऐश्वर्या वाली टीम ने सिल्वर पद जीतकर देश का नाम रोशन किया तो कैलाश मिश्रा की आंखें खुशी से नम हैं।

   गौरतलब है कि मुंबई के स्लम में रहने वाली ऐश्वर्या मिश्रा नेशनल फेडरेशन कप एथलेटिक्स स्पर्धा में 400 मीटर रेस में पहले गोल्ड जीत चुकी है। उसने 51.18 सेकेंड में 400 मीटर की रेस पूरी की थी। इसी तरह बैंकाक में हुई 25वीं एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में भी  ऐश्वर्या का प्रदर्शन शानदार रहा था।  

      जौनपुर जिले के सुल्तानपुर गांव की माटी से ऐश्वर्या मिश्रा का अटूट रिश्ता :
      मुंबई के दहिसर इलाके में फल विक्रेता का काम करने वाले कैलाश मिश्रा मूल रूप से पूर्वांचल के जौनपुर जिले के मूल निवासी हैं। इस जिले की मड़ियाहूं तहसील के सुरेरी पुलिस थाना अंतर्गत आनेवाले ग्राम सुल्तानपुर के वे मूल निवासी हैं,  इसी वजह से ऐश्वर्या का मुंबई के साथ साथ  जौनपुर से भी अटूट रिश्ता है।