विजयादशमी पर भक्ति गीतों की रसधार में भीगा हृदयांगन
विजयादशमी पर भक्ति गीतों की रसधार में भीगा हृदयांगन
* संवाददाता
मुंबई : हृदयांगन साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था मुंबई ने दशहरा पर्व पर भक्तिमय गीतों की संध्या का गूगलमीट पर शानदार आयोजन किया।
इस कार्यक्रम में लखनऊ से अनुपम शुक्ला , डा. प्रमिला पाण्डेय, मीरा दीक्षित एवं धारा त्रिपाठी ,शारदा प्रसाद दुबे 'शरतचंद्र, डा. अरूण प्रकाश मिश्र, 'अनुरागी' , सदाशिव चतुर्वेदी ,रमेशचन्द्र महेश्वरी' राजहंस', नीरजकान्त सोती , कृष्ण कुमार पाठक, मुजफ्फरनगर से पूजा गोयल, अहमदाबाद से मधु प्रसाद एवं देहरादून से हृदयांगन संस्था की अध्यक्षा विद्युतप्रभा चतुर्वेदी आदि सुप्रतिष्ठित कविजनों ने भाग लिया।
बतौर गेस्ट स्पीकर भजनगायक रूपाली मिश्रा ( झांसी ) ने उपस्थित होकर संगीत संध्या की गरिमा में चार चांद लगाया।
कार्यक्रम के शुरुआती दौर में सभी काव्य मनीषियों ने डा. श्रीमती विद्युत प्रभा को नामचीन संस्था हृदयांगन साहित्यिक सामाजिक सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक संस्था का अध्यक्ष नामित होने पर बधाई दी।
कार्यक्रम के पहले चक्र में नवरात्रि की देवियों पर भजन गाये गये।सरस्वती वन्दना अतिथि रूपाली मिश्रा ने प्रस्तुत किया।अन्य सभी कवि कवयित्रियों ने देवी के विभिन्न स्वरूपों का सुमिरन कर अपनी अद्वितीय काव्य प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
दूसरे चक्र में विजयादशमी महोत्सव पर गीत व भजन तथा राम की स्तुतियां गाई गईं। बैसवारी और अवधी लोक भाषाओं मे गाये गये भजन बहुत सराहे गये।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अवधपुरी लखनऊ से श्रीमती अनुपम शुक्ला ने किया जो शास्त्रीय संगीत की जानीमानी गायिका हैं।
कार्यक्रम का संचालन किया श्रीमती धारा त्रिपाठी (सेवानिवृत्त प्रिसिंपल) ने, जिन्होंने भजन संध्या को सहस्रधारा सी प्रवाहित कर एक यादगार भजन संध्या बना दिया।
राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी विनय शर्मा दीप ने बताया कि कार्यक्रम के अंत में विराम देते हुये हृदयांगन के संस्थापक अध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी ने सभी प्रतिभागियों को साहित्यिक आध्यात्मिक नामकरण के साथ सम्मानपत्र देने की घोषणा की।
डा. प्रमिला पाण्डेय ने इस तरह के भक्तिमय संगीतबद्ध कार्यक्रमों को नियमित अन्तराल में आयोजित करने की घोषणा की तथा हंसवाहिनी, रत्नप्रिया, सुर प्रियदर्शिनी ,सुर मोहनी, श्रवणकुमार ,नीलकंठ, विद्यारत्न नामक सम्मानपत्रों से सबको सम्मानित कर कार्यक्रम को आभार के साथ विराम दिया।