झाँसी की रानी उद्यान परिसर के तालाब को लेकर मनपा की लापरवाही : सांसद गोपाल शेट्टी ने उपायुक्त को पत्र देकर चेताया !

झाँसी की रानी उद्यान परिसर के तालाब को लेकर मनपा की लापरवाही : सांसद गोपाल शेट्टी ने उपायुक्त को पत्र देकर चेताया !

झाँसी की रानी उद्यान परिसर के तालाब को लेकर मनपा की लापरवाही : सांसद गोपाल शेट्टी ने उपायुक्त को पत्र देकर चेताया !

- मनपा अधिकारियों को पत्र द्वारा अल्टीमेटम , नागरिकों के घर क्यों हो रहा मातम ?

* अमित मिश्रा

     बोरीवली : बोरीवली (पश्चिम) स्थित झाँसी की रानी उद्यान परिसर के खूनी तालाब में डूबकर निर्दोष नागरिकों की मौतों के सिलसिलों जैसी दु:खद घटनाएं रोकने के लिए  प्रयत्नशील और महानगरपालिका अधिकारियों द्वारा इसके लिए अपने कर्तव्य का निर्वहन करने की बजाय ठोस कदम उठाने में कोताही बरतने के रुख से दुःखी और नाराज उत्तर मुम्बई के लोकप्रिय सांसद गोपाल शेट्टी ने मनपा उपायुक्त डॉ. भाग्यश्री कापसे को अब सीधे पत्र लिखा है। उन्होंने उपायुक्त कापसे के संज्ञान में यह भी लाया है कि महानगरपालिका की इस मामले में लापरवाही से नागरिक दुर्घटना का शिकार बनकर मृत्य का शिकार बन रहे हैं और हालात नहीं सुधरे तो कुछ नागरिक शायद अब कोर्ट जाने की भी तैयारी में हैं।

  सांसद गोपाल शेट्टी ने पत्र में लिखा है कि झाँसी की रानी तालाब के रख-रखाव के लिए न्यायालय के आदेशों/निर्देशों के बावजूद, महानगरपालिका अधिकारियों की लापरवाही के कारण पिछले कुछ महीनों में फिर से यहां दो लोगों की मृत्यु हो गई है। इस तरह की घटना न हो, इसके लिए मैंने स्वयं तत्कालीन मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल के कक्ष में एक संयुक्त बैठक भी की थी, जिसमें आप भी उपस्थित थीं। महानगरपालिका आयुक्त और विशेष रूप से अतिरिक्त आयुक्त पी. वेलारसू ने तब आदेश जारी किया था कि दो साल की लागत योजना बनाकर तुरंत उक्त तालाब की मनपा द्वारा देखभाल करनी चाहिए, लेकिन कई महीने बीत जाने के बावजूद भी अभी तक इस संबंध में कोई समाधानकारक योजना बनाई गई हो ऐसा नजर नहीं आ रहा है।

    पत्र में गोपाल शेट्टी ने आगे उल्लेख किया है कि आज शहर के एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार  में प्रकाशित हुआ है कि उक्त तालाब में दो बच्चों की मौत के लिए महानगरपालिका द्वारा नियुक्त एक उद्यान सुपरवाइजर को जिम्मेदार ठहराया गया और उसको गिरफ्तार भी किया गया है। झाँसी की रानी तालाब में दो नागरिकों की मृत्यु की जिम्मेदारी जबकि संबंधित महानगरपालिका अधिकारियों को लेनी चाहिए। अतः यह पत्र मिलते ही इस मुद्दे को गंभीरता से लें और तालाब की सुरक्षा और रख-रखाव संबंधी आगे की योजना बनाएं अन्यथा मुझे जानकारी मिली है कि कुछ नागरिक इस मामले को लेकर अदालत का दरवाजा भी खटखटाएंगे।