दैनिक जीवन में मोबाइल फोन का इस्तेमाल कम करने की कोशिश कर रही हैं अंगूरी भाभी 'शुभांगी अत्रे' !

दैनिक जीवन में मोबाइल फोन का इस्तेमाल कम करने की कोशिश कर रही हैं अंगूरी भाभी 'शुभांगी अत्रे' !

 दैनिक जीवन में मोबाइल फोन का इस्तेमाल कम करने की कोशिश कर रही हैं अंगूरी भाभी 'शुभांगी अत्रे' !

* प्रतिनिधि

  एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में अंगूरी भाबी का किरदार निभा रहीं टेलीविजन की जानी-मानी अभिनेत्री शुभांगी अत्रे का कहना है कि इन दिनों ब्रेक लेना काफी मुश्किल काम हो गया है। वह कहती हैं आजकल शेड्यूल अक्सर इतना सख्त रहता है कि अपने लिये भी समय नहीं मिल पाता। शुभांगी अत्रे ऊर्फ अंगूरी भाबी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमें मुश्किल से ही गर्मी की कोई लंबी छुट्टी या छोटा-मोटा ब्रेक मिल पाता है, जोकि काफी मायने रखता है। जिंदगी की रफ्तार इतनी बढ़ गई है कि कभी-कभी तो मुझे लगता है कि हमारे पास सांस लेने की भी फुर्सत नहीं है। हमारे शेड्यूल अक्सर पैक्ड होते हैं, जिससे चाहकर भी हम छुट्टी नहीं ले पाते। गर्मी की लंबी छुट्टियां अब बचपन की बातें बनकर ही रह गई हैं। जब मैं छोटी थी, तो दो महीनों की गर्मी की छुट्टी अपनी नानी के घर में बिताया करती थी। हम बहुत मस्ती करते थे और मेरी नानी मां हमारे लिये स्वादिष्ट खाना बनाया करती थीं। छुट्टियां खत्म होने के बाद भी मेरा कभी घर वापस लौटने का मन नहीं होता था। मुझे हमेशा अगली गर्मी की छुट्टियों का बेसब्री से इंतजार रहता था, जब मैं अपनी नानी के पास फिर से जा सकूं।‘‘ उन्होंने आगे कहा, ‘‘हममें से अधिकतर लोग लंबी छुट्टियां लेने में हिचकिचाते हैं, फिर चाहे शादियों के लिये हो, प्रेगनेंसी के लिये या फिर बीमारी में। सिर्फ ऐक्टर्स ही नहीं, बल्कि हर प्रोफेशन से जुड़े लोग इस तनाव को महसूस करते हैं। मैंने देखा है कि यहां तक कि गर्भवती महिलायें भी अक्सर अपनी प्रेगनेंसी के आठवें महीने तक काम करती हैं। व्यक्तिगत तौर पर मुझे लगता है कि लोगों के लिये अपनी रफ्तार को थोड़ा कम करना और खासतौर से चुनौतीपूर्ण समय में अपने लिये कुछ समय निकालना बेहद जरूरी है। जिंदगी अपनी गति से आगे बढ़ती रहती है और भागदौड़ से भरी से इस दुनिया में तनाव-मुक्त रहने के लिये खुद के लिये थोड़ा समय निकालना बहुत महत्वपूर्ण है।‘‘ 

उन्होंने कहा कि खुद को तरोताजा करने के लिये ब्रेक लेना अनिवार्य होता है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मेरे लिये अपने दैनिक जीवन के तनाव और समस्याओं से खुद को बाहर निकालने और तरोताजा होने के लिये कम से 2-3 दिनों का ब्रेक लेना जरूरी है। हालांकि, कोई ब्रेक जादुई रूप से मुझे तनाव-मुक्त नहीं कर सकता, लेकिन इससे उन कुछ दिनों के दौरान दिमाग को थोड़ी शांति तो मिलती ही है। अपने काम के दौरान मैं अक्सर दिन में 10-15 घंटे काम करती हूं और कभी-कभी तो नॉन-स्टॉप काम चलता रहता है, ऐसे में ब्रेक लेना और भी जरूरी हो जाता है। इसलिये आप चाहे किसी भी प्रोफेशन में हों, मेरा मानना है कि ऑफ लेना बहुत महत्वपूर्ण है।‘‘ उन्होंने आगे कहा, ‘‘और इन ब्रेक्स के दौरान, टेक्नोलॉजी से दूर रहें। हमारे प्रोफेशन में हमें अपने फोन पर उपलब्ध रहने की जरूरत होती है, यहां तक कि ब्रेक के दिनों में भी, क्योंकि कभी भी कुछ भी हो सकता है। हालांकि, मैं इस बात से सहमत हूं कि ब्रेक में मोबाइल फोन से भी ब्रेक लेना शामिल होना चाहिये। वास्तव में, मैं खुद भी अपने दैनिक जीवन में मोबाइल का इस्तेमाल कम करने की कोशिश कर रही हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि हम हमेशा अपने फोन से चिपके रहते हैं। हालांकि, फोन पर हमें पॉजिटिव कंटेंट भी मिलते हैं, लेकिन निगेटिविटी से भी बच नहीं पाते, इसलिये मानसिक शांति के लिये और दिमाग की सकारात्मक स्थिति को बनाये रखने के लिये फोन का इस्तेमाल कम करना जरूरी है।‘‘ 

  शुभांगी अत्रे को अंगूरी भाबी के रूप में देखिये, ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में 
हर सोमवार से शुक्रवार, रात 10ः30 बजे, सिर्फ एण्डटीवी पर!