दंडी स्वामी श्री देवानंद जी महाराज का  मुंबई आगमन पर हुआ भव्य स्वागत....

दंडी स्वामी श्री देवानंद जी महाराज का  मुंबई आगमन पर हुआ भव्य स्वागत....

दंडी स्वामी श्री देवानंद जी महाराज का  मुंबई आगमन पर हुआ भव्य स्वागत....

_राजपुरोहित समाज जालौर छात्रावास  निर्माण के लिए सहयोग करें -देवानंद महाराज
_सभी आदरणीय संतों का सम्मान करें- राज के. पुरोहित 

* संवाददाता


    मुंबई : दण्डी स्वामी श्री 1008 श्री देवानंद सरस्वती महाराज का गुरुवार सुबह अरावली एक्सप्रेस से बांद्रा, मुंबई पहुंचने पर राजपुरोहित समाज मुंबई द्वारा भव्य स्वागत किया गया।
  इस अवसर पर पुखराज पुरोहित साकरना,हेमाराज सांथू,हनुमानसिंह सांथू, मांगीलाल सांकरना, अर्जुनसीह डूडसी, अर्जुनसीह नारणावास, मुकेश पराखिया, दिनेशसिंह सांकरना व मारवाड़ से पधारे एडवोकेट नेनसीह सांकरना,नेनसीह राजपुरोहित सांथू,लालसीह भागली पुरोहितान, एडवोकेट गोपालसीह सांकरना, शिवनाथसिंह बॉसड़ा तथा धनजी आदि का भी फूल माला पहनाकर सत्कार किया गया।
     उसके बाद दोपहर दो बजे मारवाड़ी पंचायत वाड़ी,दूसरी पांजरापोल उनको ससम्मान ले जाया गया।
  पूज्य श्री देवानंद जी महाराज के मुंबई आगमन का मुख्य उद्देश्य जालौर स्थित स्वामी आत्मानंद जी सरस्वती गुरु मंदिर ट्रस्ट एवं स्वामी आत्मानंद सरस्वती राजपुरोहित शिक्षा संस्थान ,राजेंद्र नगर जालोर के नव निर्माणधीन छात्रावास के लिए राजपुरोहित समाज से सहयोग करने की मंशा रही। इस दौरान सामाजिक कुरीतियों को उखाड़ फेंकनें एवं फैशन-व्यसन के खिलाफ विचार विमर्श किया गया।
    बता दें कि स्वामी जी के मुंबई प्रवास पर दक्षिण मुंबई मे दो दिवसीय विभिन्न कार्यक्रमों  का आयोजन किया गया है।
      श्री 1008 दंडी स्वामी देवानंद सरस्वती जी महाराज ने अपने प्रवचन के दौरान श्री आत्मानंद जी महाराज की जीवनी पर प्रकाश डाला। उन्होंने  समाज के लिए शिक्षा की जो ज्योत जलाई थी उसके बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि समाज के लिए जालौर में बहुत बड़े और भव्य छात्रावास का निर्माण होने जा रहा है । जिससे  समाज के बच्चे छात्रावास में रहकर शिक्षा का लाभ ले सकें।  उसके लिए आप समाज अग्रजों को तन मन धन से सहयोग करना चाहिए। 
  महाराज श्री ने आगे कहा कि समाज के बालक बालिकाओं में पाश्चात्य फैशन व व्यसन का चलन चल रहा है जिससे भारतीय संस्कृति का हनन हो रहा है ।अतः राजपुरोहित समाज के लोग अपने बालक व बालिकाओं को इनसे दूर रखने का पूर्ण प्रयास करें।
    गुरुदेव ने आगे बताया कि हमारे समाज में बच्चों की शादी के समय बकरा दाढ़ी का जो क्रेज चल रहा है वह बंद होना चाहिए। इससे हमारे समाज की भावनाओं  को ठेस पहुँचती है।  हमारे राजपुरोहित समाज में बिना किसी वजह से आज शादियां टूट रही हैं, वह गलत है ।  दोनों परिवार वाले आपस में बैठकर तालमेल बिठाने का काम करें जिससे लड़का लड़की का घर टूटने से बचाया जा सकता है।
   गुरुदेव ने सभी राजपुरोहित समाज को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि आप अपनी कर्म भूमि मे खूब मेहनत कर धन कमाएं और उसमें से कुछ भाग गौ सेवा व समाज सेवा में खर्च करें, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए पुण्य के दरवाज़े खुलेंगे।

  इसी कड़ी मे महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री राज के.पुरोहित ने कहा कि जो ज्योत श्री आत्मानंद जी महाराज ने जलाई थी वह ज्योत हमारे क्रांतिकारी संत श्री देवानंद जी महाराज ने अनवरत जारी रखा है । सभी संत आदरणीय हैं और सभी संतों का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है।
   उनके बाद एडवोकेट नेनसीह राजपुरोहित सांथू ने भी राजपुरोहित समाज को सम्बोधित किया. 
  कार्यक्रम मे पूर्व नगरसेवक आकाश पुरोहित,जोगसिंह सांकरना,जयसिह मुलेवा, भीखसिंह हरजी, गोरजी वेरठ, झालमसीह ओडवाड़ा, जोरजी रेवतडा, दिनेश सांथू, जीतूसिंह बाकरा, घेवरसिंह भागली, भरतसिंह सांथू, रुपसीह बीरबल, राजू क्लापुरा, मांगीलाल सोढ़ा, फूलचंद फूंगनी, विक्रम सिलदर,रमेश बरलूट, कानाराम मेरमंडवाड़ा,गोविंद सरतरा, हितेश कलापुरा, अशोक चादना, गणपतलाल खिरोड़ी,अर्जुनसीह लूंभावास,श्रवण तातडा, जैसाराम रोड़ा,दिनेश भटाना,रमेश सीलदर, रतनलाल पुरोहित,नाथूलाल पुरोहित,रमेश वाटेरा, दलपतसिंह सियाणा,सुभाष पुरोहित,भरत सिलोईया, अनिल कालंदरी, राहुल पुरोहित,भावेश पुरोहित, छगनलाल दौलपुरा, गवराराम खांडादेवल,मंगलाराम खांडा देवल,नयन खिरोड़ी,ईश्वर सिलोईया, पारस वाली, हरिसिंह मुलेवा, किशोरसिंह नोरवा, भरत बरलूट, एडवोकेट प्रकाश मंडवाड़ा, सुरेशसिंह वेरठ, तुलसीराम कैलाशनगर, जसवंतसिंह मोकलसर, पूनमाराम खिरोड़ी समेत सैकड़ों राजपुरोहित समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।