नवीन कोर्ट खुलने में विलंब को लेकर अधिवक्ताओं ने की बैठक
नवीन कोर्ट खुलने में विलंब को लेकर अधिवक्ताओं ने की बैठक
* संवाददाता
मीरा रोड : महाराष्ट्र दिवस के दिन मीरा-भाईंदर के गोल्डन नेस्ट स्थित ब्लू मून होटल में कोर्ट खुलने को लेकर एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन ने सभी अधिवक्ताओं की एक बैठक बुलाकर विचार विमर्श किया। बैठक में शहर के लगभग सभी प्रतिष्ठित वकीलों ने हिस्सा लिया।
ज्ञात हो कि मीरा-भाईंदर में न्यायालय भवन बनकर लगभग तैयार है फिर भी कोर्ट को कार्यरत होने में देरी हो रही है। इसी बात को लेकर शहर के अधिवक्ताओं की प्रतिष्ठित संस्था एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन ने मिरा-भाईंदर शहर में जल्द से जल्द कोर्ट शुरू करने के लिए बैठक बुलाई।
सभा को संबोधित करते हुए संस्था के अध्यक्ष एच. आर. शर्मा ने कहा की मिरा-भाईंदर से दूर ठाणे शहर मे जाना वकीलों के लिए एक कठिन तपस्या का कार्य है, इसलिए मीरा-भाईंदर में कार्ट का शुरू होना अतिआवश्यक है। उन्होंने दिल्ली साकेत कोर्ट में हुए हत्या की याद ताजा करते हुए अधिवक्ताओं के सुरक्षा व सम्मान की भी बात भी दोहराई।
सभा में उपस्थित एसोसिएशन के सचिव शाहिद अनवर ने कहा कि हमारा कोर्ट फण्ड की कमी के कारण प्रशासनिक पेचीदगियों का शिकार हो रहा है। साथ ही इच्छाशक्ति व कार्यक्षमता की कमी के कारण शहर में कोर्ट खुलने में देरी हो रही है।
सभा में उपस्थित अन्य वकीलों ने अलग पार्किंग सुविधा, बार रुम, लाइब्रेरी तथा ई-फाइलिंग व नए नियमों की जानकारी हेतु विशेष कक्ष उपलब्ध कराने का सुझाव दिया।
इस दौरान संस्था के सदस्यों में उप-सचिव करनी विश्वास, कोषाध्यक्ष धर्मेंद्र पटेल, उप-कोषाध्यक्ष दिलीप जैन सहित वकील वीरेंद्र चौरसिया, अभिमन्यु यादव, महेंद्र चौबे, अनुपमा वेरा, हरिप्रिया सिंह, हर्ष शर्मा इत्यादि उपस्थित रहे।
_ एडवोकेट एच.आर. शर्मा
(अध्यक्ष -एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन) ने कहा...
नए कोर्ट की बिल्डिंग की आरसीसी का काम पूरा हो चुका है अंदर के फर्नीचर का काम बाकी है। कोर्ट का काम 2013 में शुरू हुआ था और 2 साल के अंदर बनकर शुरू हो जाना चाहिए था, लेकिन 10 साल बाद 2023 लग जाने पर भी न्यायालय शुरू नहीं हो पाया है। पिछली बार हम लोगों ने धरना प्रदर्शन किया था जिसके बाद कोर्ट का काम दोबारा शुरू हो सका है।
एक बार बिल्डिंग में पेंट किया था जो खराब हो गया अब फिर से किया जा रहा है। आज हमारे एसोसिएशन के माध्यम से "एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल" सर्वसम्मति से पास करके सरकार के पास भेजा जा रहा है।
_कोर्ट में जरूरी सुविधाओं की मांग
यहां खुलने वाला कोर्ट जूनियर डिवीजन मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) दीवानी और फौजदारी मामले का कोर्ट है। ऐसी अदालतों में सिविल मामले के लिए 5 लाख से नीचे की सुनवाई तथा फौजदारी मामले में 323, 324 तथा चैप्टर, चेक बाउंस जैसे मामले की सुनवाई की जा सकती है। इससे विपरीत 5 लाख से ऊपर 5 लाख 50 हजार रुपए संपत्ति का मामला आया तो उस मामले को ऊपरी कोर्ट (ठाणे) को हंस्तातरित करना होगा। जबकि मिरा-भाईंदर की बढ़ती आबादी के आधार पर सीनियर डिवीजन, डिस्ट्रिक्ट जज व सेशन कोर्ट की जरूरत है।
* वकीलों की बढ़ेगी परेशानियां
जूनियर डिवीजन मजिस्ट्रेट कोर्ट मीरा भाईंदर में आने से वकीलों की समस्या में और भी इजाफा हो सकता है क्योंकि कुछ मामलों के लिए तो मीरा भाईंदर कोर्ट तथा कुछ मामलों के लिए ठाणे कोर्ट का चक्कर लगाना पड़ेगा। ऐसे में वकीलों के स्वास्थ्य, सुरक्षा व मामले पर उपस्थिति को लेकर और भी बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।