हस्ताक्षरम् द्वारा सेवानिवृत्त शिक्षक हरिप्रसाद राय का सम्मान एवं मासिक काव्यगोष्ठी 

हस्ताक्षरम् द्वारा सेवानिवृत्त शिक्षक हरिप्रसाद राय का सम्मान एवं मासिक काव्यगोष्ठी 

हस्ताक्षरम् द्वारा सेवानिवृत्त शिक्षक हरिप्रसाद राय का सम्मान एवं मासिक काव्यगोष्ठी 

* संवाददाता

     मुंबई : साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था हस्ताक्षरम् द्वारा मीरा रोड स्थित विरूंगला केंद्र में वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद हरिप्रसाद राय का सेवानिवृत्त होने पर सम्मान किया गया एवं मुंबई की साहित्यकारों की उपस्थिति में मासिक काव्यगोष्ठी हुई।

  संस्था के हितचिंतक,वरिष्ठ विचारक व कलमकार  हरिप्रसाद राय के शिक्षण सेवा से निवृत्ति उपरांत कौतुकार्थ व संस्था के सदस्यों छगनलाल मुथा, राजेश दुबे "अल्हड़ असरदार" व संदीप प्रजापति "राजा" के सम्मान में उक्त गोष्ठी समर्पित रही।

  पहले सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार हरि मृदुल ने की।अतिथियों में हौसिला प्रसाद "अन्वेषी", सुशील दुबे, प्रमोद त्रिपाठी,अशोक ओस्तवाल,बी. के. द्विवेदी आदि ने राय साहब के व्यक्तित्व को शब्दों के माध्यम से परिभाषित किया।अध्यक्ष हरि मृदुल ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान को कर्मयोगी सापेक्ष बताते हुए निवृत्ति उपरांत समाज को उनसे संभावित लाभ का भी उल्लेख किया।

  द्वितीय सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि हौसिला प्रसाद "अन्वेषी" ने किया।पत्रकार विनय शर्मा दीप ने बताया कि मुख्य अतिथि दैनिक सामना में डंक कालम के उत्कृष्ट लेखक,वरिष्ठ कवि कमलेश पांडे "तरूण", अर्चना "उर्वशी", शिवप्रकाश "जमदग्निपुरी" आदि अतिथियों की उपस्थिती में महानगर के कवि समाज ने विभिन्न रसों से भरपूर अपनी रचनाओं का पाठ किया।

   डाॅ. संगीता तिवारी,पवन यादव, छगन लाल मुथा, जाकिर हुसैन "रहबर", अमरनाथ द्विवेदी, रूस्तम "घायल", सत्येंद्र सोनार, गुरू प्रसाद गुप्ता, रोशनी किरण, लक्ष्मीकांत कमलनयन, हरिश शर्मा "यमदूत", राहुल सिंह "ओज", डाॅ. मृदुल "महक", राजाराम मिश्रा,सुर्यजीत मौर्य आदि कवियों ने काव्यपाठ किया। इस गोष्ठी का संचालन अल्हड़ असरदार ने, सरस्वती वंदना कल्पेश यादव ने किया। राय साहब का पुष्पगुच्छ,अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह् देकर अभिनंदन किया गया।

   इस अवसर पर तरूण तन्हा द्वारा गीत, संगीत व नृत्य प्रस्तुतियों के बाद साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। अंत में संस्थाध्यक्ष वाचस्पति तिवारी ने आभार प्रदर्शित किया।