Baksar में बिस्मिल्लाह खां महोत्सव का हुआ भव्य आयोजन

Baksar में बिस्मिल्लाह खां महोत्सव का हुआ भव्य आयोजन

Baksar में बिस्मिल्लाह खां महोत्सव का हुआ भव्य आयोजन ...

-अल्ताफ की गायकी पर झूमे श्रोता तो मुरली की उस्ताद श्रद्धा की जमकर हुई तारीफ

* संवाददाता

       डुमरांव (बक्सर):  उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की याद में कला संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार सरकार और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में राज हाई विद्यालय-डुमरांव के खेल मैदान में बिस्मिल्लाह खाँ महोत्सव-2024 का आयोजन किया गया।  कार्यक्रम का शुभारंभ राज्य मंत्री (उपभोक्ता मामले,खाद्य सह) सांसद अश्विनी कुमार चौबे, डीएम अंशुल अग्रवाल, डीडीसी डॉ महेंद्र पाल, एसडीएम,डुमरांव कुमार पंकज, एसडीपीओ अफाक अख्तर अंसारी सहित अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर किया। अधिकारियों ने आगत अतिथियों को बुके, अंग वस्त्र और प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया।

  कार्यक्रम की शुरुआत के बाद शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह पुस्तक के लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव ने उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला और उनके जीवन के कई अनछुए पहलूओं से भी लोगों को रूब-रू कराया।

  बिस्मिल्लाह खां पर शोधपरक पुस्तक लिखने वाले और पिछले 30 वर्षों से उस्ताद की स्मृतिंयो को स्थापित करने के लिए लगातार काम करने वाले लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव ने मंच से संबोधित करते हुए बिस्मिल्लाह खां साहब के साथ गुजारे अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उस्ताद गंगा-जमुनी तहजीब के प्रतीक थे। बिस्मिल्लाह खां साहब का नाम बिस्मिल्लाह खां कैसे पड़ा इसकी एक मात्र वजह है कि एक समय ऐसा भी आया कि जीविकोपार्जन के लिए कमरुद्दीन और शम्सुद्दीन यानि दोनों भाईयों को बिस्मिल्लाह एंड पार्टी खोलनी पड़ी। जब आगे कदम बढ़े, 1962 में गूंज उठी शहनाई में म्यूजिक डायरेक्शन देने का मौका मिला । कमरुद्दीन जिनके भाई शम्सुद्दीन थे का निधन पहले ही हो चुका था। फिर क्या उस्ताद ने फिल्म में नाम बिस्मिल्लाह खां ही रखवा दिया, जिससे दोनों भाई अमर हो गए और वही आगे चलकर शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां होकर रह गए।        अपने सम्बोधन में सांसद अश्विनी चौबे ने कहा कि यह मेरे लिए गर्व कि बात है कि मेरे संसदीय जिले में से बिस्मिल्लाह खान जैसी महान विभूतियों को जन्म हुआ है। एक छोटे से घर में पैदा हुए बिस्मिल्लाह खान ने अपनी उपलब्धियों से ही उस्ताद की पदवी प्राप्त की और उन्हें भारत रत्न सहित अन्य कई सम्मानों से नवाजा गया।

    वहीं अपने संबोधन में डीएम अंशुल अग्रवाल ने कहा कि बिस्मिलाह खान के पैतृक गांव में बिस्मिल्लाह खाँ महोत्सव आयोजित होना, गर्व की बात है। जिस उस्ताद को पूरी देश दुनिया आज भी अपना आदर्श मानती है, उनकी जन्मभूमि पर सेवा दे पाना, यह अपने में अविस्मरणीय है। 

  कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत शिव तांडव से हुई, जिसके बाद लोक गायिका नीतू कुमारी नवनीत ने कजरा मोहब्बत वाला गीत से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

   रोबोट डांस, अईसन आपन ह बिहार, कांच ही बांस के बहंगिया, बच्चा नसीम कौसर की कव्वाली, मगध संगीत का डांस ग्रुप, नबेंदु भट्टाचार्य की गजल, बिस्मिल्लाह खां के सबसे छोटे पुत्र नाजिम हुसैन और पौत्र का शहनाई प्रदर्शन और सिंगर अल्ताफ राजा के 'तुम तो ठहरे परदेशी साथ क्या निभाओगे' जैसे गीतों भरे रंगारंग कार्यक्रमों से दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। कलाकारों के प्रदर्शन पर दर्शकों द्वारा तालियों की गड़गड़ाहट ने महफिल में एक अलग रंग का उत्साह भर दिया। दर्शक इस कार्यक्रम लगातार झूमते रहे।

   कलाकारों एवं प्रतिभागियों को अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। एसडीएम कुमार पंकज के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई।डीएम द्वारा भी कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु सभी पदाधिकारियाें, कर्मियों एवं प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी गई। कार्यक्रम में डीएम के माता पिता ने भी शिरकत की। मौके पर एसडीपीओ अफाक अख्तर अंसारी, एसपीजीआरओ कृष्णा कुमार, बीडीओ संदीप कुमार पाण्डेय, सीओ अंकिता सिंह, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी विभा कुमारी, बीपीआरओ रोहिणी कुमारी, प्रशिक्षु डीएसपी सह थानाध्यक्ष अनिशा राणा, नप ईओ अनिरुद्ध कुमार आदि शामिल थे।