अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर, एण्डटीवी के कलाकारों ने बताया योग करने का कारण

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर, एण्डटीवी के कलाकारों ने बताया योग करने का कारण

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर, एण्डटीवी के कलाकारों ने बताया योग करने का कारण ....

 * बॉलीवुड रिपोर्टर

        प्राचीन काल से ही भारतीय विद्वानों ने शरीर और मन के बीच तालमेल बिठाने के लिये योग को सबसे प्रभावी साधन माना है। हर साल 21 जून को, योग का महत्व और किस तरह यह इंसानी शरीर को आराम पहुंचाता है, यह समझाने के लिये अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।

योग दिवस के मौके पर, एण्डटीवी के कलाकारों मौली गांगुली (महासती अनुसुइया), ‘बाल शिव‘ के सिद्धार्थ अरोड़ा (महादेव), ‘और भई क्या चल रहा है?‘ की फरहाना फातिमा (शांति मिश्रा), ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की हिमानी शिवपुरी (कटोरी अम्मा), ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की विदिशा श्रीवास्तव (अनीता भाबी)  ने बताया कि वे योग क्यों करते हैं और किस तरह यह उन्हें मानसिक, आध्यात्मिक और शारीरिक रूप से मदद करता है।

       मौली गांगुली, एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ में महासती अनुसुइया, कहती हैं, “मेरे तनावपूर्ण जीवन में योग मेरे लिये सुकून है। एक्सरसाइज ना करना, नींद का पैटर्न सही ना हो और खाने की खराब आदतें एक्टर्स के लिये सबसे चिंताजनक है, क्योंकि ये उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित करती हैं। इसलिये, हर दिन योग के लिये मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा ट्रैक पर रहना और अपनी शारीरिक फिटनेस बनाए रखना है। बतौर नियमित योग अभ्यास करने वाले के रूप में मेरा मानना है कि योग और प्राणायाम मुझे मेरे लक्ष्यों तक पहुंचने के लिये सबसे पुराने और सबसे ज्यादा आजमाए गए तरीकों में से एक है। योग मेरे लिये उपचार के रूप में काम करता है। आप सबको योग के शानदार दिवस की शुभकामनाएं।“

       फरहाना फातिमा उर्फ एण्डटीवी के ‘और भई क्या चल रहा है?‘ की शांति मिश्रा कहती हैं, ‘‘योग ने मुझे नकारात्मक विचारों से लड़ने का संपूर्ण तरीका दिया है। योग एक बेहतरीन माध्यम है, जिसने जीवन की मुश्किलों से आसानी से लड़ने और मुझे हमेशा आशावादी और एकाग्र बने रहने में मेरी मदद की। योग का अभ्यास शुरू करने से अब मैं एक बेहतर परफाॅर्मर बन गई हूं। योग करने से मेरा बाॅडी पोश्चर, हिम्मत और एकाग्रता बढ़ी है। मेरा दिन आसन, प्राणायाम, ध्यान और जाप से शुरू होता है। अपने मन और शरीर के आराम के लिये योग सबसे आॅर्गेनिक और प्रभावी तरीका है। योग दिवस के मौके पर मैं सबसे यह कहना चाहूंगी कि अपनी भावनात्मक, शारीरिक और मानसिक सेहत के लिये अपने जीवन में थोड़ा योग शामिल करें। सबको योग दिवस की शुभकामनाएं।‘‘

       एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कटोरी अम्मा उर्फ हिमानी शिवपुरी कहती हैं, “सच कहूं तो, मैं योग का आनंद लेती हूं और हर दिन पंद्रह से बीस मिनट कमल मुद्रा या त्रिकोणासन करती हूं। मैं एक डायबिटिक हूं, और त्रिकोणासन करने से मुझे एक दवा के रूप में मदद मिलती है और मुझे इस शारीरिक दर्द को अपनी ताकत में बदलने में मदद मिलती है। जब आपकी उम्र बढ़ती है, तो आपको मजबूत या लचीला होने की आवश्यकता नहीं होती है; यह हमेशा अच्छा दिखने के बारे में नहीं है। लेकिन योग करना खुद का आकलन करने के बारे में भी है। यह एक बेहतर एवं स्थायी तरीके से खुद के लिये समय निकालने की बात है। मैं ध्यान में बहुत समय बिताती हूं, जो मुझे शांत रखता है और मुझे केंद्रित महसूस कराता है, जिससे मैं एक प्रोडक्टिव जीवनशैली की तरफ कदम बढ़ा पाती हूं। जब मैं योग कर रही होती हूं तो उससे अच्छा कभी महसूस नहीं करती।“

          विदिशा श्रीवास्तव, एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अनीता भाबी कहती हैं,‘‘मुझे याद है कि लोग मेरे गुस्से के बारे में बातें किया करते थे। इसलिये, इलाज के तौर पर मैंने योग को जीने के तरीके के रूप में अपनाया, इससे मैं शांत महसूस कर रही हूं। अपनी आंतरिक शांति बनाए रखने के लिये मैंने योग का अभ्यास शुरू किया। मुझे सूर्य नमस्कार करना पसंद है, क्योंकि इससे पूरा शरीर स्ट्रेच हो जाता है और दिमाग शांत होता है। योग एक अनंत विज्ञान है, क्योंकि यह बेहद फायदेमंद होता है और मुझे ऐसा लगता है कि हर किसी को योग का लाभ लेना चाहिए, जिस तरह मैंने लिया। इसके बारे में हमें सिर्फ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर ही बात नहीं करनी चाहिए, यह हमारे रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा होना चाहिए। मेरे लिये योगा मैट एक सेंचुरी, एक जादुई कालीन की तरह है। सही मायने में योग आपके जीवन में साल को जोड़ता है और आपके साल में जीवन का समावेश करता है।‘‘ 

     सिद्धार्थ अरोड़ा, एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ में महादेव, कहते हैं, “हम अनिश्चित समय में रहते हैं, जहां सामाजिक, पर्यावरणीय और वित्तीय अस्थिरता हमारे पूरे विश्व को झकझोर रही है। जीवन में कयामत और निराशा की ऐसी स्थिति के बीच, योग का अभ्यास करना मेरी “सीक्रेट चाबी“ रही है। मेरे जीवन के सबसे मुश्किल समय में, जब मेरी एकग्रता खोने लगती है