भारत की 62% कंपनियों ने फ्रेशर्स को लेने की जताई इच्छा टीमलीज एडटेक
टीमलीज एडटेक की ‘कॅरियर आउटलुक रिपोर्ट’ में हुआ ये खुलासा !
भारत की 62% कंपनियों ने फ्रेशर्स को लेने की जताई इच्छा : टीमलीज एडटेक
मुंबई, 19 फरवरी : भारत की 62% कंपनियों ने फ्रेशर्स को लेने की इच्छा जताई हैं। फ्रेशर्स को लेने की सबसे ज्यादा इच्छा जताने वाले टॉप तीन उद्योगों में प्रौद्योगिकी (67%), इकॉमर्स और टेक्नोलॉजी स्टार्ट-अप्स (52%) और टेलीकम्युनिकेशंस (51%) शामिल हैं। इस बात का खुलासा टीमलीज एडटेक की ‘कॅरियर आउटलुक रिपोर्ट’ में हुआ है।
भारत में पढ़ाई के समाधान देने वाली अग्रणी कंपनियों में से एक टीमलीज एडटेक की यह रिपोर्ट भारत के रोजगार बाजार में कुछ महत्वपूर्ण ट्रेंड्स पर रौशनी डालती है। फ्रेशर्स को लेने में टीयर 1 शहरों में बेंगलुरु सबसे ज्यादा 75% रोजगारों के साथ टॉप पर है, जिसके ठीक बाद मुंबई (56%) और दिल्ली (47%) का नंबर आता है। डेवऑप्स, सप्लाई चेन मैनेजमेंट, डाटा इंजीनियरिंग, बिजनेस एण्ड कॉर्पोरेट लॉ में डिग्री और प्रमाणन संभावित नियोक्ताओं की मांग वाले कोर्सेस हैं।
कॅरियर आउटलुक रिपोर्ट विभिन्न सेक्टरों और क्षेत्रों में नियुक्ति के इरादे का गहन विश्लेषण प्रदान करती है।
इस रिपोर्ट के कुछ महत्वपूर्ण परिणाम इस प्रकार हैं:
वैश्विक मंदी के बावजूद, जुलाई से दिसंबर 2022 (59%) की तुलना में भारतीय कंपनियों की फ्रेशर्स को लेने की इच्छा थोड़ी (3%) बढ़कर 62% हो गई है।
भारत में सर्वे की गई 62% कंपनियाँ जनवरी से जून 2023 तक फ्रेशर्स को लेना चाहती हैं।
फ्रेशर्स को लेने में क्लाउड डेवलपर, इनवेस्टमेंट बैंकिंग असोसिएट, साइबरसिक्योरिटी इंजीनियर, मार्केटिंग एनालिस्ट, सोशल मीडिया स्पेशलिस्ट, कंटेन्ट राइटर, कैम्पेन असोसिएट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट और बायोमेडिकल इंजीनियर शीर्ष भूमिकाओं के रूप में उभरे हैं
कार्यक्षेत्र की डेवऑप्स, कॉर्पोरेट फाइनेंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कुशलताओं की ज्यादा मांग है।
टॉप रेटिंग वाले सॉफ्ट स्किल्स में शामिल हैं – नेगोसिएशन एवं पर्सुएसिव स्किल्स, कॉग्निनिटव फ्लेक्सिबिलिटी, जिज्ञासा/निरंतर सीखना और भावनात्मक बुद्धिमत्ता।
टीमलीज एडटेक के संस्थापक एवं सीईओ श्री शांतनु रूज ने कहा, “टीम हायरिंग को लेकर पूरी दुनिया में सुस्त रूझानों के बावजूद भारत में कई नियोक्ताओं ने फ्रेशर्स को लेने का इरादा जाहिर किया है; कुछ तो लंबी अवधि के सप्लाई चैनल बनाना चाहते हैं, जबकि दूसरे अपने महंगे संसाधनों की जगह नई और प्रशिक्षण के योग्य प्रतिभाएं रखना चाहते हैं। यह यूनिवर्सिटीज से आ रहे नये ग्रेजुएट्स के लिये अच्छी खबर है, लेकिन हमें आने वाले महीनों में इस इच्छा के वास्तविकता में बदलने का इंतजार करना चाहिये।”
टीमलीज एडटेक की प्रेसिडेंट और सह-संस्थापक नीति शर्मा ने कहा, “वैश्विक अशांति और आर्थिक मंदी की सुगबुगाहट के बीच फ्रेशर्स को लेने की इच्छा देखना दिलचस्प है। आकांक्षी ग्रेजुएट्स और फ्रेशर्स के लिये उन उद्योगों की पहचान करना महत्वपूर्ण है, जिनका दृष्टिकोण आशाजनक है। साथ ही उन्हें नौकरी के लिए जरूरी उन कौशलों पर भी ध्यान देना होगा, जिनकी भविष्य में अच्छी मांग रहेगी। नौकरी चाहने वालों के लिये यह बाजार के मौजूदा ट्रेंड्स के अनुकूल रहने और सही स्किल्स तथा कोर्सेस में निवेश करने का समय है, ताकि उनकी पहली नौकरी पाने की संभावनाएं बढ़ सकें।”