प्रथम हरियाणा कायस्थ समागम : नीरा शास्त्री को ‘प्रतिभा सम्मान’ से नवाजा गया
प्रथम हरियाणा कायस्थ समागम : नीरा शास्त्री को ‘प्रतिभा सम्मान’ से नवाजा गया
* गुरुग्राम संवाददाता
गुरुग्राम : गुरुग्राम सेक्टर 50 में आयोजित प्रथम 'हरियाणा कायस्थ समागम' में कायस्थों के कई दिग्गज जुटे और उनके संगठनों की एकजुटता भी देखने को मिली। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री की पुत्रवधु श्रीमती नीरा शास्त्री थीं। उन्होंने कहा कि बाबू राजेंद्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री, जयप्रकाश नारायण जैसी कई हस्तियों ने भारतीय राजनीति को एक ऊंचे मुकाम पर पहुंचाया है। कायस्थ बुद्धिजीवी वर्ग में गिने जाते हैं। आज देश की राजनीति में कायस्थों को अपनी पहले जैसी पहचान बनाने की जरूरत है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय चित्रगुप्त कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय प्रकाश श्रीवास्तव और राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र बच्चन ने श्रीमती नीरा शास्त्री को शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया। साथ ही उन्हें ‘प्रतिभा सम्मान’ से नवाजा गया। कार्यक्रम आयोजक लुधियाना पंजाब से आए सुधीर कुमार श्रीवास्तव और हरियाणा के तरुण भटनागर ने समारोह के विशिष्ट अतिथि व वरिष्ठ पत्रकार तथा समाज कल्याण फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेन्द्र बच्चन, कायस्थ चित्रगुप्त महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजीव कुमार रंजन एडवोकेट और अ.भा. कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेन्द्र नाथ श्रीवास्तव एडवोकेट का भी स्वागत-सम्मान किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। इस अवसर पर बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। खासकर एकल नृत्य में राधिका और सोलो डांस में मिथुन का अद्भुत प्रदर्शन देखने को मिला। मुख्य अतिथि नीरा शास्त्री और विशिष्ट अतिथि जितेन्द्र बच्चन ने सभी बच्चों की तारीफ की है। साथ ही उन बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया।
कायस्थों को संबोधित करते हुए विजय कुमार श्रीवास्तव ने जहां राजनीतिक पकड़ और मजबूत करने पर जोर दिया, वहीं जितेन्द्र बच्चन ने दहेज का विरोध करने, बेटियों को आत्मनिर्भन बनाने और कायस्थ एकता कायम करने का संदेश दिया। बच्चन ने कहा कि आज हमारे बंटे रहने के कारण नई पीढ़ी कमजोर होती नजर आ रही है। समाज में बिखराव दिखता है। राजनीति में भी कायस्थों का कोई खास दमखम नहीं नजर आ रहा है। हमें एकजुट रहकर इन खामियों को दूर करना होगा, तभी अपनी विरासत बचा पाएंगे।
अन्य वक्ताओं ने भी कायस्थ समागम को संबोधित किया। अंत में यह निश्चित हुआ कि शीघ्र ही एक बैठक दिल्ली में आयोजित की जाएगी, जिसमें सभी कायस्थ संगठनों और संस्थाओं के प्रमुखों को आमंत्रति किया जाएगा। उनसे विचार-विमर्श के पश्चात एक एजेंडा निर्धारित होगा। उसके बाद सहमति बनाकर आगे का कार्य किया जाएगा। कार्यक्रम में प्रणव भटनागर, मनीक्षी श्रीवास्तव और भावना भटनागर का विशेष सहयोग रहा।