1008 दंडी स्वामी श्री देवानंद सरस्वती जी महाराज का बोरीवली,भायंदर समेत अन्य क्षेत्रों में हुआ अभूतपूर्व स्वागत
1008 दंडी स्वामी श्री देवानंद सरस्वती जी महाराज का बोरीवली,भायंदर समेत अन्य क्षेत्रों में हुआ अभूतपूर्व स्वागत
_राजपुरोहित समाज जालौर छात्रावास के लिए धन का सहयोग करें - देवानंद महाराज
_ बोरीवली में अजयराज पुरोहित , नटवर पुरोहित और भरत पुरोहित ने दंडी स्वामी का किया भव्य सत्कार
* अमित मिश्रा
बोरीवली : श्री श्री 1008 दंडी स्वामी देवानंद जी सरस्वती महाराज के मुंबई आगमन पर दक्षिण मुंबई समेत बोरीवली, भाईंदर तथा अन्य क्षेत्रों में राजपुरोहित समाज के लोगों ने उनका अभूतपूर्व स्वागत किया। स्वामी जी अपने कुछ अनुयाइयों के घर पधारकर पगलिया भी कर उन्हें आशीर्वाद दिया।
बोरीवली में प्रसिद्ध समाजसेवी अजयराज पुरोहित के आयोजन में उपस्थिति दर्ज कराते हुए दंडी स्वामी श्री देवानंद जी महाराज ने शिक्षा सारथी आत्मानंद जी महाराज चौक पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की।
यहां प्रसिद्ध समाजसेवी अजयराज जी पुरोहित, नटवरलाल पुरोहित तथा भरत पुरोहित सहित पुरोहित समाज के अनेक दिग्गज उनके स्वागत में उपस्थित रहे। समाज के इन गणमान्य नागरिकों ने दंडी स्वामी श्री देवानंद जी तथा बोरीवली पश्चिम स्थित अंबाजी धाम के महंत श्री बाबूजी महाराज का यहां भव्य सत्कार किया।
बोरीवली के बाद स्वामी देवानंद जी महाराज भायंदर के कमलाकर पाटिल हॉल पहुंचे, जहाँ श्री समस्त राजपुरोहित समाज ,सुनतर परगना ने पुष्पों की पंखुड़ीयों व जयकारों के साथ उनका भव्य स्वागत किया।
श्री देवानंद महाराज ने आयोजन में उपस्थित समाज को बताया कि मेरे मुंबई आने का मुख्य उद्देश्य जालौर स्थित स्वामी आत्मानंद जी सरस्वती गुरु मंदिर ट्रस्ट अंतर्गत स्वामी आत्मानंद सरस्वती राजपुरोहित शिक्षा संस्थान,राजेंद्र नगर , जालौर के नव निर्माणाधीन छात्रावास हेतु आर्थिक मदद के लिए राजपुरोहित समाज को जागृत करना है।
महाराज जी ने समाज को सम्बोधित करते हुए कहा कि जालौर राजपुरोहित समाज के छात्रावास का 75% प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है अब सिर्फ 25% प्रतिशत निर्माण कार्य ही शेष है। इसके लिए आप जैसे समाज की विभूतियों से आर्थिक सहयोग जरूरी है। आपके सहयोग से ही शेष कार्य पूर्ण किया जा सकता है।
गुरुदेव ने आगे बताया कि निर्माणाधीन छात्रावास में कमरा निर्माण के लिए 6 लाख रूपये व छात्रावास में आजीवन सदस्य बनने के लिए एक लाख एक हजार रूपये दान राशि का प्रावधान रखा गया है।
गुरुदेव ने इस अवसर पर सबसे फैशन व व्यसन से दूर रहने तथा अपने माता पिता की सेवा करने की अपील भी की। वहां उपस्थित महिलाओं को भी उन्होंने कहा कि आप अपने पति देव की सेवा कर उनकी मर्यादा रखें। गुरुदेव ने शिक्षा सारथी श्री आत्मानंद जी महाराज की जीवनी पर भी प्रकाश डाला व उनके द्वारा किए गए शिक्षा के क्षेत्र में कार्यों के बारे मे विस्तार से सबको बताया।
राजपुरोहित समाज के लोगों ने महाराज जी की अपील के तुरंत बाद निर्माण कार्य के लिए बढ़ चढ़कर धन का सहयोग करते हुए समाज को गौरवान्वित किया।
आयोजन में प्रतापराज पुरोहित जेतपुरा, प्रमोद पुरोहित जसवंतपुरा, नरेंद्र पुरोहित धानोल, देवीलाल पुरोहित,एडवोकेट नेनसीह राजपुरोहित ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
आयोजन में जालौर छात्रावास के ट्रस्टी श्री खेतेश्वर भवन के लक्ष्मीचंद पुरोहित,एडवोकेट नेनसीह राजपुरोहित सांकरना, शिवनाथसिंह धनजी वाड़ा, एडवोकेट नेनसीह सांथू, एडवोकेट गोपालसीह राजपुरोहित साकरणा, लालसीह राजपुरोहित भागली, ब्रह्मधाम कलंदरी के अध्यक्ष कन्हैलाल पुरोहित तंवरी का दुपट्टा पहनाकर सत्कार किया गया।
सुरेश पुरोहित धनपुरा राजस्थान प्रकोष्ठ अध्यक्ष भाजपा मीरा भायदर, पुखराज सांकरना,गोरजी वेरठ,दिनेश पुरोहित आलासन,अर्जुनसीह डूडसी, कल्याणसीह साकरना,दिनेश पुरोहित सांथू,गणपतसिंह रेवतडा , मुकेशसिंह पराखिया, मांगीलाल सांकरना, रूपराज पुरोहित बीरबलसर, विक्रम पुरोहित सिलदर, नारायण जेला, दिलीप भटाना, झालमसीह ऑडवाड़ा, जोरसिंह रेवतडा, हितेश डूंगरी, जवाराराम फतापुरा, रमेश डूंगरी, बगदाराम जोशी, हरीश वाड़ा, मंगलाराम रानीवाडा, लक्ष्मण डूंगरी, पदमाराम पुरोहित, नरपत पोदरवाल, रघुवीर फतापुरा, जसवंत रोड़ा,समेराराम भगत, देवाराम मढवी,जयंतीलाल रिदुआ,ईश्वर रिदुआ, प्रकाश डूंगरी, महेंद्र जेतपुरा, दिनेश मनना, कालूराम डूंगरी, प्रहलाद डूंगरी,देवीलाल घासेड़ी,मूलचंद करड़ा, हरीश सिरोला ढाणी, भगवानाराम मनोरा, सोहनलाल मामावली,पारस मामावली, माधाराम धानोल, गवराराम धानोल,सुरेश दातराई, कमलेश फूंगनी तथा विनोद मेऱ मंडवाड़ा समेत राजपुरोहित समाज बंधु इस आयोजन में विशेष रूप से उपस्थित थे।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर एडवोकेट नेनसीह राजपुरोहित ने बताया कि दंडी स्वामी देवानंद महाराज जी का चातुर्मास चेन्नई में होने जा रहा है ,अतः आप सभी राजपुरोहित समाज मुंबई के लोग भारी संख्या में वहां आएं यही अपील है।