महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी का अविस्मरणीय कवि सम्मेलन संपन्न
महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी का अविस्मरणीय कवि सम्मेलन संपन्न
_मानवीय अनुभूतियों की सशक्त काव्यात्मक अभिव्यक्ति के दर्शन
_अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ. शीतला प्रसाद दुबे की अध्यक्षता और अकादमी की उपाध्यक्षा एवं लोढ़ा फाउंडेशन की अध्यक्षा डॉक्टर मंजू लोढ़ा की विशेष उपस्थिति से बढ़ी मंच की गरिमा
* विशेष संवाददाता
मुंबई : मानवीय संवेदनाओं,भावनात्मक अनुभूतियों तथा सामाजिक सरोकार एवं विसंगतियों को अभिव्यक्त करती विभिन्न प्रभावशाली काव्य रचनाओं की दमदार प्रस्तुतियों ने बुधवार, 10 मई, 2023 को आयोजित महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कवि सम्मेलन को अविस्मरणीय बना दिया।
यह शानदार कवि सम्मेलन महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा लोढ़ा फाउंडेशन की प्रमुख साहित्यिक संस्था "ज्ञान गंगोत्री मंच" के संयुक्त तत्वावधान में मुंबई के लोढ़ा पार्क स्थित सभागार में संपन्न हुआ। अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ. शीतला प्रसाद दुबे की अध्यक्षता और अकादमी की उपाध्यक्षा एवं लोढ़ा फाउंडेशन की अध्यक्षा डॉक्टर मंजू लोढ़ा की प्रमुख उपस्थिति में यह यादगार कवि सम्मेलन आयोजित किया गया था।
इस कवि सम्मेलन में देश के प्रतिष्ठित कवियों एवं महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के सदस्यों आनंद सिंह और गजानन महतपुरकर के साथ सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ. श्रीमती शैलेश श्रीवास्तव, श्रीमती सुमीता प्रवीण केशवा और श्रीमती अंजू क्वात्रा के अलावा स्वयं डॉ. शीतला प्रसाद दुबे और श्रीमती मंजू लोढ़ा ने मानवीय रिश्तों और सामाजिक सरोकार को बखूबी दर्शाती सशक्त काव्य रचनाऍं सुनाकर दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
कवि सम्मेलन में ज्ञान गंगोत्री मंच की कवयित्रियों प्रभा लोढ़ा, चंदर श्री, मुदिता अग्रवाल, शुभाबिंदु अग्रवाल, रेखा दोशी, मंजू भिमानी, विजयलता अग्रवाल, मंजू सुराणा, कला जैन, सरोज कोठारी, लता नोवाल एवं सीमा जैन ने भी विविध रसों में लबरेज अपनी काव्य रचनाऍं सुनाकर दर्शकों की वाहवाही लूटी।
प्रारम्भ में महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के सह निदेशक एवं सदस्य सचिव सचिन निंबालकर ने सभी आमंत्रित कविगणों को शाॅल एवं पुस्तक भेंट कर उनका स्वागत किया और अंत में सभी के प्रति आभार प्रकट किया।
कवयित्री श्रीमती सुमीता प्रवीण केशवा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। सम्पूर्ण कार्यक्रम का सुरुचिपूर्ण मंच संचालन महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के सदस्य गजानन महतपुरकर ने किया।
इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ शीतला प्रसाद दुबे ने कहा कि अब हिंदी भाषा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिल रही पहचान और मान्यता हम सभी के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने नई पीढ़ी के बच्चों में भी हिंदी के प्रति रुचि विकसित करने की आवश्यकता प्रतिपादित की, ताकि उन्हें हमारी गरिमापूर्ण संस्कृति से अवगत करवाया जा सके।
उन्होंने ज्ञान गंगोत्री मंच की मार्गदर्शक श्रीमती मंजू लोढ़ा की सराहना करते हुए कहा कि इस संस्था की प्रतिभाओं ने माता लक्ष्मी के साथ ,मॉं सरस्वती के सुंदर संगम को बखूबी प्रदर्शित किया है।
अपने उद्बोधन में महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी की उपाध्यक्षा और लोढ़ा फाउंडेशन की अध्यक्षा श्रीमती मंजू लोढ़ा ने कहा कि समाज में नारी- पुरुष समानता की वकालत की बजाय दोनों की अपनी- अपनी विशिष्ट भूमिकाओं को महत्व दिया जाना चाहिये, ताकि सामाजिक संतुलन का सिलसिला निर्बाध रूप से जारी रहे। उन्होंने लोढ़ा फाउंडेशन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं और गतिविधियों की जानकारी भी दी।