सांसद गोपाल शेट्टी द्वारा लिग्नोसेल्यूलोसिक इथेनॉल से जुड़े अतारांकित प्रश्न का प्राकृतिक गैस मंत्री ने दिया जवाब
सांसद गोपाल शेट्टी द्वारा लिग्नोसेल्यूलोसिक इथेनॉल से जुड़े अतारांकित प्रश्न का प्राकृतिक गैस मंत्री ने दिया जवाब
* नई दिल्ली संवाददाता
नई दिल्ली : उत्तर मुंबई के लोकप्रिय सांसद गोपाल शेट्टी ने माननीय सदन में अतारांकित प्रश्न उपस्थित करते हुए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री से उनके मंत्रालय से जुड़े कुछ सवाल पूछ कर विस्तार से जानकारी मांगी थी। सांसद श्री शेट्टी ने पूछा था कि क्या पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन के मद्देनजर पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर निर्भरता कम करने, गन्ना किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करने और पेट्रोलियम उत्पादों में 10% एथेनॉल मिलाने का प्रस्ताव है ? यदि हां , तो तब संबंधी ब्योरा क्या है ? क्या सरकार गन्ने की खोई, चावल की भूसी , गेहूं और कपास के भूसे और लकड़ी तथा बांस के चिप से प्राप्त लिग्नोसेल्यूलोसिक
इथेनॉल के उपयोग को मंजूरी देने का प्रस्ताव है ? अगर हां, तो इसका विवरण क्या है ?
सांसद गोपाल शेट्टी द्वारा उपस्थित अतारांकित प्रश्न (1303) के उत्तर में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने जवाब दिया है कि सरकार आयात में निर्भरता में कमी करने , रोजगार का सृजन करने, किसानों को बेहतर पारिश्रमिक प्रदान करने, संबंध पर्यावरण संबंधित लाभों, अपशिष्ट प्रबंधन पद्धतियों को बढ़ावा देने के व्यापक उद्देश्यों से जैव ईंधनों को बढ़ावा दे रही है। सार्वजनिक क्षेत्र की ओएमसीज में इथेनॉल आपूर्ति (इ.एस.वाय) 2021-22 के दौरान पेट्रोल में 10% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य पहले ही हासिल कर लिया है।
राज्य मंत्री श्री तेली ने आगे जानकारी दी कि राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 में एथेनाल के उत्पादन हेतु भावी फीडस्टॉक के रूप में चावल का भूसा, कपास के डंठल ,मक्के के भुट्टे, लकड़ी का बुरादा और खोई आदि जैसे कृषि और वन संबंधी अवशेषों की पहचान की गई है। इसके अलावा सरकार ने लिग्नोसेल्यूलोसिक
बायोमास तथा अन्य नवीकरणीय फीडस्टॉक का इस्तेमाल करने वाली दूसरी पीढ़ी (2G) इथेनॉल परियोजनाओं की स्थापना हेतु वित्तीय मदद उपलब्ध करवाने के लिए प्रधानमंत्री जी-वन ( जैव ईंधन - वातावरण अनुकूल फसल अवशेष निवारण) योजना अधिसूचित की है।