कविता : सम्मान तिरंगा है, कवि - डॉक्टर मलय तिवारी
कविता : सम्मान तिरंगा है
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जय जवान,जय किसान का प्रान तिरंगा है।
अक्षुण देश का ,गौरव शाली गान तिरंगा है।।
यह सभी देश वासियों को,प्राणों से प्यारा,
भारत मां के कण कण का,सम्मान तिरंगा है।
यह भव्य अस्मिता का प्रतीक,
है पावन थाल आरती का,
नित नव संकल्पों से पोषित,
यह शोभित भाल भारती का,
करने को विश्व विजय का,अभियान तिरंगा है।
भारत मां के कण कण का,सम्मान तिरंगा है।।
यह देता अमरत्व शहीदों का,
शोणित इतिहास है,
यह देवत्व धरा के वैभव का,
स्वर्णिम आभास है,
दिग् दिगन्त में भारत की ,बढ़ती शान तिरंगा है।
यह जय जवान ,जय किसान का प्रान तिरंगा है।।
आओ मिलकर हम सब,
अब इसका मान बढ़ायें,
लेकर नूतन संकल्प प्रगति का,
घर घर इसको फहरायें,
"मलय"सनातन सन्स्कृति का,उत्थान तिरंगा है।
भारत मां के कण कण का,सम्मान तिरंगा है।।
* कवि : डॉक्टर मलय तिवारी
( बदलापुर , जौनपुर )