' पुष्पा इम्पॉसिबल ’ की करुणा पांडे ने कहा- “मुझे लगता है कि यह रोल मिलना मेरी किस्मत में था...!’’
'पुष्पा इम्पॉसिबल’ की करुणा पांडे ने कहा - “मुझे लगता है कि यह रोल मिलना मेरी किस्मत में था...!’’
* विशेष संवाददाता
1. आप इस शो की ओर कैसे आकर्षित हुईं? आखिर किस एक वजह से आप इस शो का हिस्सा बनीं?
- शुरूआत में मुझसे इस शो में एक अलग भूमिका के लिये संपर्क किया गया था, लेकिन जब मैं ऑडिशन के लिये आई, तब मैंने पुष्पा के किरदार के बारे में थोड़ा सुना। मुझे यह किरदार तुरंत पसंद आ गया और कहानी भी, इतनी कि मैंने शोमेकर्स को इस रोल के लिये ऑडिशन करने के लिये मना लिया। मुझे लगा कि मैं पुष्पा को समझ सकती हूँ और उससे रिलेट कर सकती हूँ, इसलिये मैं यह रोल पाने के लिये ज्यादा आकर्षित हो गई। ऑडिशन के कुछ राउंड्स और लुक टेस्ट्स के बाद आखिरकार मुझे अच्छी खबर मिल गई। मेरा मानना है कि पुष्पा का रोल करना मेरी किस्मत में था।
2. क्या आप बता सकती हैं कि पुष्पा का किरदार कैसा है और आप खुद को उससे कितना जुड़ा हुआ पाती हैं?
- मैं पुष्पा के किरदार से मेल खाती हूँ, हम दोनों कपट से दूर और बेबाक हैं। लोगों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए मैं अपने दिल की बात कहती हूँ। मुझे लगता है कि इन पहलुओं में पुष्पा और मैं काफी एक जैसे हैं। उसमें मासूमियत है, वह सहज है और अपने दिल की बात सुनती है। हमारी परवरिश काफी अलग रही है, लेकिन हमारा स्पष्टवादी और आशावादी होना एक-दूसरे के जैसा है। मैं कई मायनों में पुष्पा जैसी हूँ।
3. भारतीय टेलीविजन पर ऐसे कई शो आ चुके हैं, जो माँ और महिलाओं पर आधारित हैं। ‘पुष्पा’ इनसे अलग कैसे है?
- पुष्पा का किरदार असल जिन्दगी की माँ पर आधारित है। वह कौशल्या की तरह परफेक्ट या कैकेयी की तरह बुरी नहीं है, लेकिन उसमें अच्छे गुण और कमियाँ हैं। उसमें मासूमियत है, लेकिन वह बेपरवाह भी है। वह सहज और जिम्मेदार है; वह अपने परिवार की सुरक्षा चाहती है और अपने परिवार के लिये कोई भी उपलब्धि हासिल कर सकती है। ज्यादातर माँ निस्वार्थ दिखाई जाती हैं, लेकिन वह अपने आत्मसम्मान को सबसे ऊपर रखती है। अपने परिवार के लिये वह झुक सकती है, लेकिन अनादर उससे सहन नहीं होगा। मुझे लगता है कि पुष्पा एकदम अलग हटकर है, क्योंकि लोगों ने स्क्रीन पर ऐसी माँ नहीं देखी है, जिसमें दोष न हो।
4. इस रोल के लिये आपको खास गुजराती लहजे में बोलना है, इसके लिये आपने कैसे तैयारी की?
- ईमानदारी से कहूं, तो मैं अभी भी सीख रही हूँ। मैं इससे पहले कभी पूरी तरह से एक गुजराती सांचे में नहीं रही, लेकिन मुझे गुजराती संस्कृति पसंद है और मैं लगातार उसे समझ रही हूँ। इस शो को हम किसी क्षेत्र पर केन्द्रित नहीं बना रहे हैं, क्योंकि इसे पूरे भारत में देखा जाएगा और हम चाहते हैं कि उत्तर और दक्षिण भारत के हमारे दर्शक भी इसे समझें और इसका मजा लें। इसके लेखक बेहतरीन हैं, उन्होंने काफी अच्छे डायलॉग और स्क्रीनप्ले लिखे हैं। इसके प्रोड्यूसर तो ईश्वर का उपहार हैं, वह सबसे जुड़े रहते हैं और शो को अपना 100% प्रदान करते हैं। ऐसा लगता है कि यह किरदार उनके दिमाग में कई साल से था। सेट पर सभी लोग तल्लीन होकर काम करते हैं और सहयोगी हैं। मैं भी कड़ी मेहनत कर रही हूँ और खुद को बेहतर बना रही हूँ।
5. आपके मुताबिक इस शो से दर्शक क्या पाएंगे?
- मेरे हिसाब से दर्शक पुष्पा की ईमानदारी, हर चीज में कुछ अच्छा ढूंढने की कोशिश करने की उसकी कला और उसके अनोखेपन को पसंद करेंगे। पुष्पा की सोच परेशानी का हल निकालने वाली है। जिन्दगी ने उसे कई परेशानियाँ दी हैं, लेकिन वह हारी नहीं और ज्यादा ताकतवर बनकर उभरी और उसने परेशानियों के रचनात्मक समाधान सोचे। मुझे लगता है कि जिन्दगी के प्रति उसका रुख और जिन्दगी की हर परिस्थिति में खुशियाँ खोज लेने की उसकी कुशलता को दर्शक अपनाएंगे, खासकर महिला दर्शक। उन्हें पता चलेगा कि जिन्दगी को पुष्पा के चश्मे से कैसे देखा जा सकता है।
6. क्या आपको लगता है कि सम्मान या सफलता पाने के लिये शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है?
- मुझे लगता है कि शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर हमारे जैसे समाज में। आज के समय में अगर आप शिक्षित नहीं है, तो ऐसा लगता है कि जीवन में कुछ कमी है। शिक्षा आपका और आपके व्यक्तित्व का निर्माण करती है। वह आपको कुशलताएं और आत्मविश्वास देती है। मेरा पक्का मानना है कि शिक्षा की आत्मविश्वास पैदा करने और परिवार तथा समाज में सम्मान पाने में एक भूमिका होती है। शिक्षा से लोगों के लिये कई ज्यादा दरवाजे और अवसर खुलते हैं। शिक्षा से लैंगिक समानता भी आती है; सभी को समान रूप से अवसर मिलते हैं। लेकिन किसी व्यक्ति का महत्व और सम्मान केवल शैक्षणिक योग्यता पर निर्भर नहीं होना चाहिये।
7. किस महिला के व्यक्तित्व ने आपको प्रेरित किया है? कोई महिला, जिसने जीवन में सभी बाधाओं से लड़कर सफलता पाई है? जिससे आप सीखती हैं?
- मेरी माँ और दादी, मैं सोचती हूँ कि उन्होंने जीवन की सभी बाधाओं से मुकाबला किया है और उनकी ताकत मुझे सचमुच प्रेरित करती है। मैं रोजाना मिलने वाली महिलाओं से भी प्रेरित होती हूँ। सारी महिलाएं, चाहे कामकाजी हों या गृहिणी, अपने और अपने परिवार के लिये जीवन को अर्थपूर्ण बनाने के लिये कई चीजें संभाल रही हैं। वे किसी भी विपरीत स्थिति से जूझती हैं और मजबूत बनकर उभरती हैं। जब मैं ऐसी महिलाओं से मिलती हूँ, तब उनसे प्रेरित होती हूँ और मुझे मजबूत होने के लिये प्रोत्साहन मिलता है।
8. सोनी सब के ‘पुष्पा इम्पॉसिबल’ से जुड़ना कैसा लग रहा है?
- मैं सोनी सब के साथ इससे पहले ‘भूतवाला सीरियल’ शो में काम कर चुकी हूँ और इस चैनल के साथ यह मेरा दूसरा प्रोजेक्ट होगा। मुझे इस चैनल की एनर्जी और कंटेन्ट के साथ उनका बर्ताव पसंद है और मैं फिर से इस चैनल के साथ जुड़कर काफी खुश हूँ। मैं ‘पुष्पा इम्पॉसिबल’ का हिस्सा बनने को अपना सौभाग्य मानती हूँ, क्योंकि यह एक बेहतरीन कॉन्सेप्ट है और मेरा किरदार बहुत सकारात्मक, उत्साही और प्रेरक है। यह शो बतौर एक ब्राण्ड सोनी सब की छवि से पूरी तरह मेल खाता है। मैं इसका पूरा आनंद ले रही हूँ।
9. अपने दर्शकों और प्रशंसकों के लिये कोई संदेश?
- मेरे फॉलोअर्स, जो पहले मेरा काम देख चुके हैं, उनसे ‘पुष्पा इम्पॉसिबल’ देखने का आग्रह करती हूँ। यह नया और दिलचस्प काम है, जिसे मैंने पहले कभी नहीं किया। जो लोग पहली बार मेरा काम देखने जा रहे हैं, उन्हें कृपया किसी निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले इसके कुछ एपिसोड्स देखने चाहिये। यह काफी रोचक शो है। आप हंसेंगे और कई बार आहा! कहेंगे। मेरा वादा है यह शो आपको आपके समय की पूरी कीमत देगा।
- ‘पुष्पा इम्पॉसिबल’, सोमवार से शनिवार रात 9:30 बजे, सिर्फ सोनी सब पर।