मंडपेश्वर गुफा में खंडित मूर्तियों के स्थान पर भगवान शिव-पार्वती की मूर्ति तथा शिवलिंग की स्थापना करने देने की गोपाल शेट्टी ने की मांग !
मंडपेश्वर गुफा में खंडित मूर्तियों के स्थान पर भगवान शिव-पार्वती की मूर्ति तथा शिवलिंग की स्थापना करने देने की गोपाल शेट्टी ने की मांग !
- पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर जनरल को लिखा पत्र
- मंडपेश्वर गुफा के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण की कछुआ चाल से भी खुश नहीं हैं गोपाल शेट्टी
- हिन्दू समाज ने गोपाल शेट्टी के प्रयासों को बताया "अद्भुत"
* अमित मिश्रा
बोरीवली (मुम्बई) : सनातनी परंपरा भी रही है और हिन्दू धर्म में इस बात का स्पष्ट दिशानिर्देश भी है कि अपने आराध्य देव की खंडित मूर्तियों का पूजन नहीं किया जाता है। बोरीवली की मंडपेश्वर गुफा से लेकर देशभर में अनगिनत ऐसे प्राचीन मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन हैं जिनके गर्भगृह में विभिन्न देवताओं की खंडित मूर्तियां अब भी हैं जिनके स्थान पर नई मूर्तियों की स्थापना हो ऐसा इंतजाम करने में दिक्कत जैसा प्रश्न उपस्थित हो रहा है। प्राचीन मंदिरों और उनके भीतर की खंडित मूर्तियों के जतन की जिम्मेदारी पुरातत्व विभाग की है, ऐसे में विभाग की, नियमानुसार कार्यशैली और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के कारण भी ऐसी खंडित मूर्तियों को हटाकर वहां नई मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा में अड़चन आ रही है।
ऐसा ही हाल बोरीवली की प्राचीन मंडपेश्वर गुफा के भीतर स्थित शिव मंदिर का है। जिसकी जीर्ण अवस्था और खंडित मूर्तियों को ध्यान में रखते हुए तथा हिन्दू जन-मानस की भावनाओं का ख्याल करते हुए उत्तर मुम्बई के सांसद गोपाल शेट्टी ने पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर जनरल वाय.एस. रावत को सम्पूर्ण हिन्दू समाज की ओर से विस्तार से पत्र लिखकर मांग की है कि बोरीवली पश्चिम स्थित मंडपेश्वर गुफा के भीतर गर्भगृह में स्थित खंडित मूर्तियों के स्थान पर भगवान शिव-पार्वती की मूर्ति तथा वहां शिवलिंग स्थापित कर उनकी प्राण-प्रतिष्ठा की अनुमति दी जाए।
बता दें कि इस गुफा में स्थित प्राचीन शिव मंदिर में सांसद गोपाल शेट्टी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में त्रिपुरारि पूर्णिमा और महा-शिवरात्रि के अवसर पर अत्यंत भव्य और विशाल स्तर पर पूजन- अर्चन और उत्सव का आयोजन होता है, जिसमें हजारों हिन्दू श्रद्धालुओं की उपस्थिति रहती है। इस वर्ष भी महा-शिवरात्रि के अवसर पर मंडपेश्वर गुफा स्थित शिव मंदिर में सांसद गोपाल शेट्टी द्वारा चांदी के चलत शिवलिंग की स्थापना और त्रिदिवसीय उत्सव न सिर्फ बोरीवली बल्कि सम्पूर्ण उत्तर मुम्बई का गौरव बना था।
सांसद शेट्टी का मानना है कि देशभर के ऐसे सभी प्राचीन मंदिरों की खंडित मूर्तियां, जो पुरातत्व विभाग के अधीन हैं , पुरातत्व विभाग उन मूर्तियों को कहीं भी अपनी सुविधानुसार स्थानांतरित और संरक्षित कर दे तथा उसी पूर्व स्थान पर हिन्दू धर्म के नागरिकों द्वारा उसी देवता की नई मूर्ति स्थापित करने और उनकी प्राण-प्रतिष्ठा करने देने की उन्हें अनुमति दे।
अब देखना ये है कि पुरातत्व विभाग इस महत्वपूर्ण विषय पर क्या निर्णय लेता है और सांसद गोपाल शेट्टी के प्रयास को कितनी सफलता मिल पाती है। फिलहाल हिन्दू समाज की निगाहें पुरातत्व विभाग के निर्णय पर टिकीं हैं।