90% नई माताएँ थकान और चिड़चिड़पने की शिकार हैं: बेड्डी-मॉम्सप्रेसो सर्वे !

90% नई माताएँ थकान और चिड़चिड़पने की शिकार हैं: बेड्डी-मॉम्सप्रेसो सर्वे !


90% नई माताएँ थकान और चिड़चिड़पने की शिकार हैं: बेड्डी-मॉम्सप्रेसो सर्वे !


* संवाददाता

मुंबई, : वयस्क व्यक्ति को हर रात आठ घंटे की गहरी नींद मिलनी चाहिए। हालांकि, शिशु की परवरिश के साथ नींद का अभाव भी जुड़ जाता है। विशेषकर नई माताओं के साथ ऐसा होता है और इसकी वजह से उनमें थकान, चिड़ाचिड़ापन, और अवसाद तक की समस्‍या आ जाती है। नवजात शिशुओं की माताएँ अपनी नींद के साथ कितना न्याय कर पा रही हैं इसका पता लगाने के लिए बेड्डी शिशुओं के मैट्रेस के लिए सेंचुरी का ब्रांड एवं मॉम्सप्रेसो द्वारा किए गए सर्वेक्षण में इस बात का खुलासा हुआ है। 

इस सर्वे के अनुसार 90% माताओं ने बताया कि वे दिन ख़त्म होते-होते थकी-हारी और चिड़चिड़ा महसूस करने लगती हैं। वही, 85% ने बताया कि उन्हें कुछ और घंटे सोने की ज़रुरत महसूस होती है, जबकि 75% माताएँ अपने रोजमर्रा के काम मैनेज करने में मुश्किल महसूस करती हैं।

इस सर्वेक्षण से यह भी पता चलता है कि 53% माताओं ने अपनी नींद में आई बाधा के लिए अपने नवजात शिशु को साथ सुलाने को सबसे बड़ा कारण बताया। 76% माताओं ने बच्चे को अपने साथ सुलाने का सबसे बड़ा कारण यह बताया कि इससे उन्हें लगता है कि उनका बच्चा ज्यादा सुरक्षित रहता है। यह स्थिति द अमेरिकन एकेडमी ऑफ़ पीडियाट्रिक्स और कैनेडियन पीडियाट्रिक सोसाइटी जैसे अग्रणी चिकित्सकों द्वारा प्रदत्त दिशानिर्देशों के विपरीत है। इन दिशानिर्देशों में कहा गया है कि एक शिशु अपने पेरेंट्स के कमरे में ही उनके बेड के बगल में, लेकिन अलग पलंग पर सख्त मैट्रेस पर सबसे अधिक सुरक्षित रहता है। इस प्रकार क्रैंकी मॉम्स कैम्पेन का लक्ष्य माताओं की गहरी नींद और शिशुओं की पीठ को बेहतर सहारा तथा वृद्धि, दोनों के लिए शिशु के अलग बेड और मैट्रेस की आवश्यकता को रेखांकित करना है।

90% माताएँ इस बात से सहमत हैं कि चूँकि बच्चे का 50-70% समय सोने में व्यतीत होता है, इसलिए पीठ के सही सहारे तथा बच्चे के विकास में मैट्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अधिकाँश माताओं का मानना है कि आदर्श बेबी मैट्रेस को हवादार, तापक्रम नियंत्रक, जलरोधक, और प्राकृतिक पदार्थों से बना होना चाहिए - और संयोग से बेड्डी नेस्ट मैट्रेस में ये सभी गुण (और अनेक दूसरे भी) मौजूद हैं।

बेड्डी बाई सेंचुरी मैट्रेस की को-फाउंडर, सुश्री श्रुति मालानी ने कहा कि, “इस बार के मदर्स डे पर हम नई माताओं में नींद के कमी को प्रमुखता देना चाहते हैं। इस सर्वेक्षण को हमने मॉम्सप्रेसो के सहयोग से संचालित किया था। इस सर्वेक्षण से पता चला है कि नई माताओं को अधिक सहायता की आवश्यकता है और वे अक्सर थकी-थकी होने के अलावा नींद से वंचित रहती हैं। इस उद्देश्य के प्रति हममें से हर एक को व्यक्तिगत और व्यावसायिक रूप से कुछ योगदान करना चाहिए। एक ब्रांड के नाते सेंचुरी और बेड्डी दोनों ही अपने विशेषरूप से तैयार किये गये मैट्रेसेस के माध्यम से माताओं और शिशुओं के लिए बेहतर नींद और स्वास्थ्यकर जीवन के वादे को पूरा करने के लिए सदैव तत्पर हैं।”