रेल पटरियों के किनारे बसे नागरिकों को भी एसआरए की तर्ज पर पक्के मकान दिलाने के सांसद श्री गोपाल शेट्टी के प्रयास को रेल मंत्रालय की हरी झंडी !
रेल पटरियों के किनारे बसे नागरिकों को भी एसआरए की तर्ज पर पक्के मकान दिलाने के सांसद श्री गोपाल शेट्टी के प्रयास को रेल मंत्रालय की हरी झंडी !
_ रेल राज्य मंत्री राव साहब दानवे का राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश
_ ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद अब राज्य सरकार की राहें भी हुईं आसान
_ सांसद श्री शेट्टी के इस प्रयास से रेलवे सीमा की पूरी तरह से बदल जायेगी सूरत
_ यात्रियों की यात्रा अब जल्द से जल्द होगी बेहद सुखद .....
* अमित मिश्रा
मुंबई 9 अप्रैल : रेलवे सीमा में रेल पटरियों के किनारे झोपड़ियों में बसे, कठिन नारकीय जीवन बिताने को मजबूर तथा पूरी तरह से उपेक्षित पड़े नागरिकों के हित के लिए आगे आए उत्तर मुंबई के सांसद श्री गोपाल शेट्टी के प्रयासों को अब रेल मंत्रालय से हरी झंडी मिल चुकी है। सांसद श्री शेट्टी का स्पष्ट मत और प्रयास रहा है कि रेलवे सीमा में पटरियों के किनारे बसे नागरिकों को भी एसआरए योजना की तरह ही पक्के मकान आबंटित करवाते हुए रेलवे परिसर को झोपड़ामुक्त और साफ सुथरा करवाकर हरियाली से आल्हादित और आक्षादित करवाया जाए। इस प्रकार एक ओर जहां महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे सीमा में पटरियों के किनारे बसे लोगों का पुनर्वसन करवाकर उन्हें एसआरए जैसी योजना का लाभ दिलाने का मन बनाया है वहीं रेल राज्य मंत्री श्री राव साहब दानवे ने पत्र द्वारा उत्तर मुंबई के सांसद श्री गोपाल शेट्टी को सूचित भी किया है कि राज्य सरकार इसके लिए हर उचित प्रयास कर सकती है।
इस क्रम में पहले उत्तर मुंबई के बीजेपी सांसद गोपाल शेट्टी ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर रेलवे की जमीन पर बसे हुए लोगों को पक्का घर देकर उनके पुनर्वसन की मांग की थी। परंतु रेलवे विभाग ने इसे राज्य सरकार का मामला बताया था।
रेल राज्य मंत्री श्री रावसाहेब दानवे ने अब सांसद गोपाल शेट्टी को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि रेलवे की जमीन पर बसे लोगों के पुनर्वसन करने का काम राज्य सरकार अपनी योजनाओं के माध्यम से कर सकती है। हालांकि रेलवे विभाग की ओर से ऐसे लोगों के पुनर्वसन के लिए किसी प्रकार की राशि देने का प्रावधान नहीं है। केंद्रीय रेल राज्यमंत्री ने पत्र में उल्लेख किया है कि सुप्रीम कोर्ट ने 16 दिसंबर 2021 को दिए गए फैसले में रेलवे की जमीनों पर अतिक्रमण कर घर बनाने वालों को तत्काल हटाने का आदेश दिया था। राज्य सरकार चाहे तो ऐसे लोगों को अपनी किसी सरकारी योजना के तहत उनके पुनर्वसन का काम कर सकती है।