NAGPUR : ऑरेंज सिटी आईकॉन अवार्ड से डा. नम्रता आनंद हुईं सम्मानित

NAGPUR : ऑरेंज सिटी आईकॉन अवार्ड से डा. नम्रता आनंद हुईं सम्मानित

NAGPUR : ऑरेंज सिटी आईकॉन अवार्ड से डा. नम्रता आनंद हुईं सम्मानित

* संवाददाता

     नागपुर/ पटना :  दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापक और समाजसेवी डॉ. नम्रता आनंद को सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये  ऑरेंज सिटी आईकॉन अवार्ड से सम्मानित किया गया। महिमा बहुउद्देशीय सामाजिक संस्था,नागपुर द्वारा वसंतराव नाईक सभागृह, धरमपेठ , नागपुर में इस ऑरेंज सिटी आईकॉन अवार्ड का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर अलग-अलग क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले कई लोगों को सम्मानित किया गया। डा. नम्रता आनंद को  समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवा के लिए यह सम्मान राज्य मंत्री शेखर मुन्द्रा ने दिया। उन्हें स्मृति चिन्ह,  प्रशस्ति पत्र और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।

        डॉ. नम्रता आनंद ने इस सम्मान के लिये महिमा बहउद्देशीय सामाजिक संस्था की संसथापक-अध्यक्ष शीतल अमित पाटिल को धन्यवाद दिया है।

     इस अवसर पर डॉ. नम्रता आनंद ने कहा कि "जीवन में समाजसेवा से बड़ा कोई कार्य नहीं है। समाज के प्रत्येक नागरिक को अपने सामाजिक एवं पारिवारिक दायित्वों के साथ-साथ समाजसेवा के लिए भी समय अवश्य निकालना चाहिए। जीवन में संस्कारों का बड़ा महत्व है,ऐसा ही एक संस्कार है समाजसेवा का भाव। नि:स्वार्थ भाव से यथासंभव जरूरतमंद की मदद और समाजसेवा करना हमारे संस्कारों की पहचान कराता है। हमारा कर्तव्य बनता है कि सच्चे दिल से समाज की सेवा करें। हमारी कोशिश रहे कि लोगों के बीच अधिक से अधिक मदद पहुंचायी जा सके। सच्चे हृदय से की गयी समाज सेवा ही इस देश एवं इस पूरे संसार का कल्याण कर सकती है। समाज सेवा का जज्बा यदि इंसान के अंदर हो तब वह किसी भी मुश्किल का सामना कर सेवा कर ही लेता है। हम तन-मन धन सभी तरह से समाज की सेवा कर सकते हैं।"
     उल्लेखनीय है कि डॉ नम्रता आनंद को केन्द्रीय चयन समिति ने वर्ष 2004 में राष्ट्रीय विकास और सामाजिक सेवा में किये गये उत्कृष्ठ कार्य के लिये राष्ट्रीय यूथ अवार्ड सम्मान से सम्मानित किया था। वर्ष 2019 में उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के सर्वश्रेष्ठ 20 शिक्षकों में  से एक के रूप में सम्मानित किया। वर्ष 2020 में नम्रता आनंद ने कुरथौल के फुलझड़ी गार्डेन में संस्कारशाला की स्थापना की। संस्कारशाला के माध्यम से गरीब और स्लम एरिया के बच्चों का नि.शुल्क शिक्षा, संगीत, सिलाई-बुनाई और डांस का प्रशिक्षण दिया जाता है।