" अलीबाबा बनना किस्मत में लिखा था" सोनी सब के शो ‘अलीबाबा दास्तान-ए-काबुल’ में अलीबाबा बने शेहजान खान
" अलीबाबा बनना किस्मत में लिखा था " सोनी सब के शो ‘अलीबाबा दास्तान-ए-काबुल’ में अलीबाबा बने शेहजान खान
* संवाददाता
* इस शो की अनूठी बात क्या है?
- हम सभी ने जिंदगी में कभी-न-कभी अलीबाबा की कहानी तो सुनी ही है। हालांकि, हम आपके लिये अलीबाबा और खजानों से भरी गुफा के चालीस चोरों की घिसी-पिटी कहानी लेकर नहीं आये हैं। बल्कि हमारी कहानी दिलचस्प मोड़ों और नाटकीय घटनाओं से भरपूर है।
आपको हैरत में डालने वाली भव्य लोकेशन्स से लेकर रहस्यों से भरपूर कथानक तक, यह शो आपके लिये ऐसी चौंकाने वाली कहानियां लेकर आने वाला है और यह इतना भव्य है, जिसे शायद ही भारतीय टेलीविजन पर इससे पहले देखा गया होगा। इस शो की कहानी मंत्रमुग्ध करने वाले काबुल शहर की पृष्ठभूमि पर आधारित है, जो बड़े पर्दे की सिनेमाई भव्यता और आकर्षण से मेल खाता है।
* इस शो को करने के लिये आपको किस चीज ने प्रेरित किया? वह एक चीज क्या थी, जिससे आप इस शो में काम करने के लिये तैयार हुये?
- इस शो का हिस्सा बनकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। सच कहूं, तो ऐसी कोई एक चीज नहीं है, बल्कि ढेरों बातें हैं जिसने मुझे इस अद्भुत प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने के लिये प्रेरित किया। ‘अलीबाबा-दास्तान-ए-काबुल’ निश्चित रूप से एक भव्य शो है, जो दर्शकों को एक जादुई दुनिया में लेकर जायेगा। इस शो की कहानी तो दिलचस्प है ही, साथ ही यह शो आकर्षक विजुअल इफेक्ट्स और ऐक्शन, रोमांस एवं ड्रामा से भरपूर लोकेशन्स के साथ मनोरंजन की एक अतिरिक्त खुराक की पेशकश करता है। मुझे जब इस शो की कहानी सुनाई गई थी, मैं तभी अलीबाबा कि किरदार में खो गया था और मैं वाकई में खुद को खुशकिस्मत मानता हूं कि मुझे इस शो में प्रमुख किरदार को निभाने का मौका मिला है।
* आपकी सह-कलाकार तनीषा के साथ आपकी केमेस्ट्री कैसी है?
- तनीषा और मेरा एक खूबसूरत रिश्ता है और बेहद कम समय में ही हम दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई है। हमारी ऑन-स्क्रीन केमेस्ट्री की मजबूती की झलक असली जिंदगी में भी नजर आती है। हम दोनों बिना कुछ कहे ही एक-दूसरे की बातें समझ लेते हैं और एक-दूसरे की मदद करते हैं। सच कहूं, तो मैं तो मॉक शूट पर आधारित उसके काम को देखकर ही दंग रह गया था। मुझे खुशी है कि वह मरियम का किरदार निभा रही है, जिसके लिये वह बिल्कुल परफेक्ट है।
* लद्दाख में शूटिंग करने का आपका अनुभव कैसा रहा?
- यह बिल्कुल सपनों जैसा था। इसमें दर्शकों को अद्भुत पहाड़ों और सर्द रेगिस्तानों की झलक देखने को मिलेगी। ऊंची पहाड़ियों पर तल्ख मौसम में शूटिंग करने की वजह से लगभग हम सभी को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाना करना पड़ा, लेकिन हमारी टीम के जबर्दस्त जोश, मोटिवेशन और एक-दूसरे के लिये फिक्र ने हमारा हौसला बढ़ाया और हम आगे बढ़ते रहे। इस शूटिंग के परिणामों को देखने के बाद, हमें वाकई में लगा कि इस चीज को हासिल करने के लिये इतना तो बनता ही था।
* हमने एक और दिलचस्प बात देखी है कि आपने अपने सोशल मीडिया यूजरनेम में ‘बाबा’ शब्द को जोड़ा है। क्या इस बारे में आप हमें और कुछ बता सकते हैं?
- यह शो इस बात का खुलासा करने वाला है कि अलीबाबा को आखिरकार अलीबाबा क्यों कहा जाता है। वह 5 बच्चों के पालक हैं, जो उनके लिये उनकी दुनिया हैं। उनके बीच जो रिश्ता है, उसे देखकर मैं वाकई में भावुक हो गया हूं और खासतौर से ‘बाबा’ नाम ने मुझे हमेशा आकर्षित किया। चूंकि, मैं अपनी पहचान के रूप में इस किरदार के हर पहलू और इमोशन को शामिल करना चाहता हूं, इसलिये मुझे अपने इंस्टाग्राम हैंडल में ‘बाबा’ को जोड़ना उपयुक्त लगा।
* दर्शकों ने प्रोमो में आपको घुड़सवारी करते देखा है, वह अनुभव कैसा था?
- मैं कह सकता हूं कि घुड़सवारी अब मेरे लिये काफी सहज हो गई है। शुरूआत में मुझे यह चुनौतीपूर्ण लगा था, लेकिन कहते हैं कि ‘प्रैक्टिस इंसान को परफेक्ट बना देती है।’ तो हां, लगातार प्रैक्टिस करते रहना मेरे सहज घुड़सवारी कौशल का राज है और दर्शकों को शो को यह देखने को मिल रहा है। घुड़सवारी सीखना और ‘अलीबाबा-दास्तान-ए-काबुल’ जैसे एक भव्य शो में घुड़सवारी करना मेरे लिये ताउम्र याद रखने वाला अनुभव है।