"भारत माता की जय" के जयघोष को लेकर जब विदेशी कंपनी ने तोड़ी मर्यादा तब तत्कालीन सांसद गोपाल शेट्टी आए थे 'एक्शन मोड' पर !

"भारत माता की जय" के जयघोष को लेकर जब विदेशी कंपनी ने तोड़ी मर्यादा तब तत्कालीन सांसद गोपाल शेट्टी आए थे 'एक्शन मोड' पर !

"भारत माता की जय" के जयघोष को लेकर जब विदेशी कंपनी ने तोड़ी मर्यादा तब तत्कालीन सांसद गोपाल शेट्टी आए थे 'एक्शन मोड' पर !

- इस जयघोष से विसंवाद नहीं बल्कि सुसंवाद होता है स्थापित: कर्नाटक हायकोर्ट

- तत्कालीन सांसद गोपाल शेट्टी ने तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को जब लिखा था पत्र


* अमित मिश्रा

       बोरीवली : अहमदाबाद में एक विदेशी कंपनी द्वारा वर्ष 2016 में सिर्फ इसलिए अपने कर्मचारी को अनुशासनात्मक कार्रवाई की नोटिस थमा दी गई थी क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमन्त्री बनने पर उत्साहित इस कर्मचारी ने अपने अन्य साथियों के साथ भारी उत्साह में "भारत माता की जय" का जयघोष करने का साहस किया था।
इस नोटिस से आहत सुरेश कुमार, एम विनय कुमार, सुभाष , रंजन और धनंजय नामक देशप्रेमी नागरिकों ने उच्च न्यायालय की शरण लेते हुए एक रिट पिटीशन फाइल कर दी। जिसके जवाब में माननीय अदालत ने साफ शब्दों में कह दिया था कि "भारत माता की जय" के  जयघोष से विसंवाद नहीं बल्कि सुसंवाद होता है । 
    बात यहीं खत्म नहीं होती , आश्चर्य और दुःख का विषय यह भी रहा था कि भारतमाता की जय का जयघोष करने वाले लोगों में से 2 लोगों पर कुछ लोगों ने तीक्ष्ण हथियारों से हमला कर उन्हें बुरी तरह से घायल भी कर दिया था। इस वाकिये से पूरा देश सन्न रह गया था।
   पर इसे मात्र चर्चा औऱ दुःख का विषय न मानकर उत्तर मुम्बई के तत्कालीन सांसद गोपाल शेट्टी ने तुरंत उस कंपनी के कृत्य की बैंड बजाने के लिए और भविष्य में भी विदेशी कंपनियों द्वारा भारत माता की जय कहने वाले किसी भी भारतीय स्टॉफ के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने देने की बात तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के संज्ञान में पत्र द्वारा लाई ।
  अपने पत्र में तत्कालीन सांसद गोपाल शेट्टी ने यहां तक लिखा कि आजादी के 69 वर्षों बाद भी इस तरह का जुल्म अंग्रेजों के जमाने की याद दिलाता है। अगर भारत माता की जय बोलने वाले नागरिक को दंड मिलता है तो यह न सिर्फ़ आजादी पर कुठाराघात होगा बल्कि उस संविधान के मूल उद्देश्य के खिलाफ भी होगा जिसमें सबको  'बोलने की आजादी' के लिये स्पष्ट निर्देश निहित है।
   तत्कालीन सांसद गोपाल शेट्टी ने स्पष्ट लिखा कि वे विदेशी कंपनियों के भारत में व्यवसाय करने के खिलाफ नहीं हैं, परंतु जो विदेशी कंपनियां भारत में रहते हुए 'भारत माता की जय' कहने के खिलाफ हों उन्हें भारत में रहने का अधिकार ही नहीं है। अगर भारत में व्यापार करना है तो विदेशी कंपनियों को भारतीय संविधान और जन भावना का ख्याल रखना ही पड़ेगा। अंत में विदेश मन्त्री सुषमा स्वराज से उन्होंने आग्रह किया कि अहमदाबाद की उस विदेशी कंपनी को तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी करें।

  भारत माता की जय का जयघोष सिर्फ शब्दों में नहीं बल्कि हर भारतीय की आत्मा में रचा-बसा होता है यह उत्तर मुम्बई के पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी ने साबित कर  दिया। यह शेट्टी जी की ही दूर दृष्टि थी कि मामले को 2016 में ही विदेश मंत्रालय तक ले गए और फिर वर्ष 2019 में कर्नाटक हायकोर्ट ने भी वही बात कह दी जिस पर हर भारतीय को अभिमान होगा।
   उत्तर मुम्बई के कई प्रबुद्ध नागरिकों, व्यापारियों और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने विशेष बातचीत में पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी द्वारा अब तक किये गए जन-सेवा के हजारों कार्यों पर पूर्ण संतोष जताते हुए कहा है कि जन सेवक ऐसा ही होता है जिसका हर कार्य एक मिसाल बन सके। बात जब खाली पड़े मैदानों पर सुंदर उद्यान बनवाने की हो, उत्तर मुम्बई के कई जंक्शनों/सर्कल के निर्माण और सुशोभीकरण की हो , मुम्बई के विकास के लिए विभिन्न प्रयासों जैसे कि रास्तों के चौड़ीकरण और सीमेंटीकरण की हो , विभिन्न स्वतंत्रता सेनानियों, जन नायकों ,  राष्ट्रप्रेमियों की मूर्तियां स्थापित करवाने की हो, पाठ्यक्रम में श्रीमद्भगवतगीता को शामिल कराने की कोशिशें और कामयाबी की हो अथवा मुम्बई को झोपड़ामुक्त करवाने के प्रयास के साथ-साथ हर झोपड़ावासी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'हर किसी को उसके हक का पक्का घर' दिलाने के उद्देश्य को पूरा करने के लिए प्रयास और संघर्ष की बात हो , पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी ने जिस काम को करने की ठान लिया, उसे पूरा कराने तक वे न शांत बैठे ना आगे बैठेंगे। नागरिकों के अनुसार इसीलिए वे अपने पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी पर गर्व करते हैं और मानते हैं कि उत्तर मुम्बई को ऐसा कर्मठ और जुझारू जन सेवक मिला है जो यहां के निवासियों का यह सौभाग्य है।