तीसरी बार ‘मोदी सरकार’ के शपथ ग्रहण के उपरांत केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने संवाद समारोह में अधिकारियों व कर्मचारियों को किया संबोधित
तीसरी बार ‘मोदी सरकार’ के शपथ ग्रहण के उपरांत केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने संवाद समारोह में अधिकारियों व कर्मचारियों को किया संबोधित
- 'नये भारत की नयी खादी’ को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए रोडमैप तैयार
* संवाददाता
मुम्बई : खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के मुंबई स्थित मुख्यालय में बुधवार को आयोजित संवाद समारोह में अधिकारियों व कर्मचारियों को संबोधित करते हुए आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि विगत 10 वर्षो में केवीआईसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान तथा वोकल फॉर लोकल अभियान के माध्यम से ‘विकसित भारत के निर्माण’ की आधारशिला रखी है। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में ‘नये भारत की नयी खादी’ को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए रोडमैप तैयार कर लिया गया है। भारत की राष्ट्रीय धरोहर खादी जल्द वैश्विक स्तर पर नये भारत की पहचान बनेगी।
मनोज कुमार ने दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुसार वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए केवीआईसी गांव-गांव तक ‘खादी ग्राम स्वराज अभियान’ को सशक्त बनाने की योजना पर कार्य कर रहा है। खादी को लोकल से ग्लोबल करने का पूरा रोडमैप तैयार कर लिया गया है। खादी ग्रामोद्योग आयोग इसके अतिरिक्त कारीगरों के कौशल विकास के लिए विभिन्न योजनाओं पर भी काम कर रहा है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामोद्योग और रोजगार के क्षेत्र में समृद्धि के लिए प्रयास किया जा रहा है। इस क्रम में महिलाओं के लिए सिलाई समृद्धि योजना विशेष रूप से शामिल है, जिसे जल्द लांच करने की तैयारी है। आयोग द्वारा विभिन कार्यक्रमों के अंतर्गत जन सामान्य को रोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं, जिससे ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में आर्थिक सुधार हुआ है। साथ ही, खादी उत्पादों की उत्पादन में वृद्धि के नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं।
मनोज कुमार ने जोर देकर कहा कि ‘मोदी सरकार की गारंटी’ ने खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाया है और ‘नये भारत की नयी खादी’ ने ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को नयी दिशा दी है। जिसके परिणामस्वरूप इस कालखंड में खादी उत्पादों की बिक्री में चार गुना से अधिक की बिक्री दर्ज की गई है। खादी की उत्पादन और बिक्री बढ़ने से ग्रामीण भारत के कारीगर आर्थिक रूप से समृद्ध हुए हैं। कारीगरों की पारिश्रमिक में पिछले 10 वर्षों में 233 फीसदी से अधिक की वृद्धि ने कारीगरों को खादी के काम की ओर आकर्षित किया है, जबकि 'वोकल फॉर लोकल' और 'मेक इन इंडिया' मंत्र ने युवाओं के बीच खादी को लोकप्रिय बनाया है।
समारोह में खादी और ग्रामोद्योग आयोग के वित्तीय सलाहकार के साथ ही आयोग के वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।