लाखों छोटे व्यवसायियों के हित के लिए सांसद गोपाल शेट्टी पुनः एक्शन मोड पर ...!
लाखों छोटे व्यवसायियों के हित के लिए सांसद गोपाल शेट्टी पुनः एक्शन मोड पर ...!
_ निजी जमीनों पर छोटे व्यवसाय के लिए बने मंडपों पर मनपा के टैक्स के खिलाफ हैं सांसद
_ सुना दी दो टूक : गुजरात की राह पर चलो नहीं तो छोटे व्यवसायी भी मजबूर होकर न कर दें पलायन !
* अमित मिश्रा
बोरीवली (मुंबई ) : उत्तर मुंबई के लोकप्रिय सांसद गोपाल शेट्टी ने मुंबई मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल को पत्र लिखकर मुंबई शहर में निजी भूखंडों पर विभिन्न प्रकार का कार्य करनेवाले छोटे व्यवसायियों तथा कारीगरों द्वारा व्यवसाय करने पर मनपा द्वारा लगाए जाने वाले भारी टैक्स को समाप्त करने की दिशा में कदम उठाने की मांग की है। अगर सांसद गोपाल शेट्टी के इस विजन और प्रयास को सफलता मिल गई तो लाखों छोटे व्यवसायियों और कारीगरों की रोजी रोटी की समस्या में बीएमसी टैक्स की अतिरिक्त अड़चन की समस्या तो दूर होगी ही , उनके जीवन में भी बड़ा बदलाव आने की पूरी गुंजाइश है।
सांसद गोपाल शेट्टी ने मनपा आयुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि कई बड़े समाचार पत्रों के माध्यम से सबको पता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना" के लिए 13 हजार करोड़ का प्रावधान किया है ताकि छोटे व्यवसायियों और कारीगरों को सीधे लाभ पहुंचे। यानि इन छोटे व्यवसायियों और छोटे कारीगरों के जीवन में बदलाव के प्रयास में प्रधानमंत्री भी कितने गंभीर हैं।
सांसद शेट्टी ने पत्र में आगे लिखा है कि निश्चित रूप से हम सभी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस निर्णय पर उनको बधाई देनी चाहिए। यहां मुख्य रूप से मैं यह भी बताना चाहूंगा कि गुजरात में नगर निगम विभिन्न कारीगरों को व्यवसाय करने के लिए मुफ्त जगह उपलब्ध करा रहा है। लेकिन यह हमारे लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुंबई महानगरपालिका लाखों रुपये का टैक्स बटोरने में लगी है। अगर निजी (प्राइवेट) जमीनों पर छोटे व्यवसाय किए जा रहे हैं तो भला उनसे मंडप निर्माण पर भी टैक्स का प्रावधान क्यों रखा गया है।
सांसद गोपाल शेट्टी ने मनपा आयुक्त को दिए पत्र में आगे लिखा है कि मैं आपके ध्यान में लाना चाहूंगा कि पिछले दो वर्षों से बोरीवली में निजी भूखंड पर मंडप लगाकर विभिन्न प्रकार के छोटे व्यापारी और कारीगर अपना व्यवसाय कर रहे थे, लेकिन बोरीवली महानगरपालिका उनसे साढ़े चार लाख रुपए (मंडप निर्माण का) टैक्स वसूल करने पर अड़ गई। जैसे ही मुझे इसकी जानकारी मिली मैंने तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए इसकी जानकारी आपको ( मनपा आयुक्त को) दी और आवश्यक कदम उठाने की मांग की। आपने भी तत्काल डीएमसी ( उपायुक्त) गांधी को तत्काल इस संदर्भ में ध्यान देने के लिए निर्देशित किया।
इसके बाद मैंने मनपा उपायुक्त गांधी से मुलाकात की और उनसे पूछा भी कि आखिर निजी जमीन पर बने मंडप के लिए इतना भारी भरकम शुल्क क्यों लगाया गया है। तब मनपा उपायुक्त भी आश्चर्य और सोच में पड़ गए थे और उन्होंने भी अधिनस्थ अधिकारियों से इस संदर्भ में ध्यान देने का आदेश दिया। बाद में सीए फाइनेंस के यहां फाइल गई। अंत में साढ़े चार लाख टैक्स की रकम को ढाई लाख किया गया। लेकिन अंतिम मंजूरी ना मिलने से वह मामला अभी भी अधर में है। पैसे वापस पाने के लिए ऐसे छोटे व्यवसायी अब भी मनपा कार्यालयों के धक्के खा रहे हैं।
सांसद शेट्टी के अनुसार निजी जमीन पर बने मंडप के लिए इतनी बड़ी राशि का टैक्स वसूलना ही गलत है। ऊपर से अधिकारियों की मनमानी और तानाशाही छोटे और कमजोर तबके के व्यवसायियों की हिम्मत तोड़ दे रही है।
अंत में सांसद शेट्टी ने कहा है कि मुझे याद है कि जब मैं मनपा में नगरसेवक के रूप में काम कर रहा था, तो मनपा ने ऐसा कानून पारित किया था जिसमें विभिन्न सामान्य व्यवसायियों/कारीगरों को मुंबई जैसे बड़े बाजारों में अपने छोटे व्यवसाय करने के लिए चुंगी (जकात) कर से छूट दी गई थी।
लेकिन मनपा के भ्रष्ट अधिकारी सभी कानूनों को ताक पर रख कर येनकेन प्रकारेण लोगों का शोषण करने का काम अभी भी कर रहे हैं।
सांसद गोपाल शेट्टी ने कहा है कि उचित समय पर मैं इस मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के संज्ञान में भी लाऊंगा।
सांसद गोपाल शेट्टी ने अंत में लिखा है कि छोटे व्यवसायियों की इस समस्या पर अवश्य ध्यान देने का कष्ट करें इससे ना सिर्फ उनका फायदा होगा बल्कि आम नागरिकों को भी सस्ता सामान व्याजबी दाम में पाने में आसानी होगी।