वेद शास्त्र फाउंडेशन ने "हिंदुत्व के आधार स्तंभ पुरस्कार-2024" देकर सांसद गोपाल शेट्टी को किया सम्मानित ...

वेद शास्त्र फाउंडेशन ने "हिंदुत्व के आधार स्तंभ पुरस्कार-2024" देकर सांसद गोपाल शेट्टी को किया सम्मानित ...

वेद शास्त्र फाउंडेशन ने "हिंदुत्व के आधार स्तंभ पुरस्कार-2024" देकर सांसद गोपाल शेट्टी को किया सम्मानित ...

- पूर्व राज्यपाल, पूर्व मुख्यमंत्री और सनातनी दिग्गजों की विशेष उपस्थिति में भव्य आयोजन

* अमित मिश्रा

    देहरादून : वेदशास्त्र रिसर्च फाउंडेशन औऱ डॉ. वैदेही तामण द्वारा धर्म रक्षा, सेवा और समर्पण के लिए आयोजित विशाल हिन्दू सम्मेलन में उत्तर मुम्बई के लोकप्रिय सांसद गोपाल शेट्टी को "हिंदुत्व के आधार स्तंभ पुरस्कार-2024" देकर सम्मानित किया गया।

    जनता के कार्यों के लिए जागरूकता और कर्मठता, समाज के उत्थान के लिए किए जा रहे ठोस प्रयासों , राष्ट्र के विकास में योगदान देने के साथ-साथ श्रीमद्भागवत गीता को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल कराए जाने से लेकर विशाल पैमाने पर उसके पठन-पाठन,  प्रचार-प्रसार के सराहनीय प्रयत्नों के लिए उत्तर मुम्बई के लोकप्रिय सांसद गोपाल शेट्टी को राष्ट्रीय स्तर का यह सम्मान देकर सम्मनित किया गया है।

    इस सम्मान समारोह में महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रहे तीरथ सिंह रावत, स्वामी हरि कृपालु जी महाराज, स्वामी उमाकांतानंद जी महाराज तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल जी महाराज ने सांसद गोपाल शेट्टी को शॉल, श्रीफल तथा स्मृति चिन्ह देकर उनका सम्मान किया। 

   सांस्कृतिक विभाग ऑडिटोरियम, हरिद्वार बायपास रोड विधानसभा कॉलोनी, देहरादून, उत्तराखंड में हुए इस भव्य सम्मान समारोह का देश के अनेक न्यूज़ चैनलों पर प्रसारण किया गया था। इस दौरान सांसद गोपाल शेट्टी के साथ वरिष्ठ भाजपा नेता और समाजसेवी डॉ. योगेश दूबे साथ थे।

     पुरस्कार ग्रहण करने के उपरांत सांसद गोपाल शेट्टी ने अपना मनोगत व्यक्त करते हुए कहा कि  "हिंदू धर्म कोई पंथ नहीं बल्कि एक जीवन पद्धति है। मेरे लिए हिंदुत्व एक सांस है। सनातनी दिग्गजों की उपस्थिति में और पूर्व राज्यपाल महामहिम भगत सिंह कोश्यारी जी के कर-कमलों से मुझे "हिंदुत्व के आधार स्तंभ" पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए मैं वेद शास्त्र फाउंडेशन और वैदेही तामण जी का आभारी हूं। मेरा मानना है की यह व्यक्तिगत रूप से मेरा सम्मान नहीं है, बल्कि मुझे शिक्षा देने वाले उन सभी वैचारिक गुरुओं का , राजनीतिक और सामाजिक जीवन में शामिल मेरे सहयोगियों का, मेरे परिवार जनों का जिन्होंने मेरा समर्थन किया और सदा मेरे पीछे खड़ी रहने वाली उत्तरी मुंबई की आम जनता का यह सन्मान है। इस पुरस्कार को मैं विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूं।"