हे भगवान ! सोनी सब के ‘अलीबाबा दास्तान-ए-काबुल’ में मरियम खुद को गुलामों के व्यापारियों से कैसे बचाएगी?

हे भगवान ! सोनी सब के ‘अलीबाबा दास्तान-ए-काबुल’ में मरियम खुद को गुलामों के व्यापारियों से कैसे बचाएगी?

हे भगवान ! सोनी सब के ‘अलीबाबा दास्तान-ए-काबुल’ में मरियम खुद को गुलामों के व्यापारियों से कैसे बचाएगी?

 

 * बॉलीवुड रिपोर्टर

             सोनी सब का ‘अलीबाबा दास्तान-ए-काबुल’, हर बार नए खुलासे के साथ मनोरंजक ट्विस्ट और टर्न से भरपूर होता जा रहा है। इसकी हाल की कहानी में दिखाया गया है कि शहजादी मरियम, जमातखाना में कैद हो गई है।  अलीबाबा और उसके बच्चों की मदद से खुद को गुलाम व्यापारियों से आजाद करने की उम्मीद में, मरियम इस पूरे मामले को अपने हाथों में ले लेती है और एक सफर पर निकल पड़ती है।

     एक तरफ अली, जमातखाना में सुल्तान की आत्मा के लिये दुआ करता है और वहीं दूसरी तरफ, खुशकिस्मती से मरियम को अली और उसके बच्चों से थोड़ी मदद मिल जाती है, जिससे उसे बच निकलने की उम्मीद नजर आती है। अली के बच्चे अनजाने में गुलाम व्यापारियों से मरियम को बचाते हैं, वह एक आदमी का वेश बनाकर उन्हें चकमा देती है। पहली बार अली और जोरावर का गैंग, खतरनाक व्यापारियों को खदेड़ने के लिये एकजुट होते हैं, क्योंकि मरियम खुद को जीवन की नई मुसीबतों के लिये तैयार करती है।

    क्या मरियम गुलाम व्यापारियों के चंगुल से भाग निकलने में कामयाब हो पाएगी? क्या यह उसकी किस्मत में लिखी और भी मुसीबतों की बस शुरूआत है ?

    मरियम का किरदार निभा रहीं, तुनिशा शर्मा कहती हैं, “इसमें मेरा सबसे पसंदीदा पार्ट है जब बच्चे मरियम को बचाते हैं, जोकि जमातखाना में एक आदमी के वेश में है। अली की हिम्मत और मरियम का साहस इस बात का सबूत है कि दोनों एक-दूसरे के साथ के लिये बने हैं। मैं खुद भी यह देखने के लिये बहुत उत्सुक हूं कि मरियम किस तरह खुद को शैतानों के चंगुल से छुड़ाती है।” 

_‘अलीबाबा दास्तान-ए-काबुल’, सोमवार से शुक्रवार, रात 8 बजे, सिर्फ सोनी सब पर देखा जा सकता है।