नागपंचमी पर वरिष्ठ पत्रकार अजय भट्टाचार्य की कलम से विशेष लेख "यह नाग पंचमी है खास"
नागपंचमी पर वरिष्ठ पत्रकार अजय भट्टाचार्य की कलम से विशेष लेख "यह नाग पंचमी है खास"
आज नाग पंचमी का प्रसिद्ध त्यौहार है। प्रचलित परंपरा के अनुसार, नाग पंचमी के दिन नागों और सर्पों की विशेष पूजा की जाती है। इस बार सावन के पवित्र महीने में इस पर्व के मौके पर कई दुर्लभ संयोग संयोग बन रहे हैं। जिनकी कुंडली में राहु और केतु ग्रह से जुड़ी कोई समस्या या ग्रह दोष है, तो नाग पंचमी के दिन नाग देवता की विशेष पूजा से दोष समाप्त हो जाता है। मान्यता है कि इस अवसर पर की गई पूजा से नाग और सांप से सपने से मुक्ति मिलती है, जीवन की मुश्किलें और चिंताएं दूर होती हैं। आध्यात्मिक शक्ति, सिद्धियां और धन प्राप्ति के नए रास्ते खुलते हैं।
. इस बार श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 8 अगस्त को रात में 12 बजकर 36 मिनट पर आरंभ होकर 9 अगस्त को रात में 3 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। इस बार नाग पंचमी के दिन सिद्धि योग और रवि पुष्य योग का शुभ संयोग हो रहा है। 6 वर्षों के बाद बना यह संयोग काफी फलदायी है।
मान्यता है कि जिन जातकों की कुंडली में राहु और केतु ग्रह की स्थिति सही न हो, उन्हें नाग पंचमी पर भगवान शिव और उनके गले में लिपटे नाग देवता की विशेष पूजा से लाभ होता है। इस बार की नाग पंचमी के दिन इन उपायों को विधिवत करने से लाभ होगा।
* शिवजी के नाग का पूजन
नाग पंचमी के दिन सुबह स्नान करके देवाधिदेव महादेव भगवान शिव का सच्चे मन और पूरी निष्ठा से स्मरण करें। स्नान-ध्यान के बाद मंदिर जाकर उनका विधिवत शीतल जल या गंगाजल से अभिषेक करें। फिर उन्हें सफेद चंदन के साथ बेलपत्र अर्पित करें। फिर शिवजी के गले में विराजमान नाग देवता की पूजा करें।
* घर पर करें ये उपाय
घर के मुख्य द्वार पर गोबर, गेरू और चिकनी मिट्टी के घोल से सर्प और नाग की आकृति बनाएं, इसकी भी पूजा करें। फिर इस सर्प और नाग आकृति को हल्दी, रोली, चावल और फूल अर्पित करें। यह उपाय बेहद प्रभावशाली है। इससे कुंडली के राहु और केतु के दोष से मुक्ति मिलती है।
* अजय भट्टाचार्य
( लेखक प्रसिद्ध पत्रिका 'भजन कीर्तन' के संपादक हैं )