महर्षि विश्वामित्र जब भगवान श्रीराम और लक्ष्मण को संग लिए पहुंचे जनकपुर
श्री राम कथा के पांचवें दिन अनूठा प्रसंग
महर्षि विश्वामित्र जब भगवान श्रीराम और लक्ष्मण को संग लिए पहुंचे जनकपुर ....
* मुंबई ब्यूरो
दहिसर : श्री राम सत्संग समिति द्वारा दहिसर में आयोजित 10 वीं संगीतमय श्री राम कथा के पांचवे दिन ऋषि विश्वामित्र द्वारा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम और लक्ष्मण को साथ लेकर जनकपुर पहुंचने का मार्मिक चित्रण सुनकर रामभक्त भाव विभोर हो गए। राजा जनक ने जब कौशल्यानंदन को पहली बार देखा तो भगवान राम की सुंदरता और तेज देख सोचने लगे कि ऐसा महान तेजस्वी राजकुमार को काश वे अपना शिष्य बना पाते। पर फिर उन्होंने सोचा कि यह तो असंभव सा है क्योंकि ऋषि वशिष्ठ जिनके राजगुरु हों और ऋषि विश्वामित्र जैसे गुरु की जिनपर छाया और कृपा हो ऐसे राम उनका शिष्य क्यों बनने लगे। इसके बाद महाराज जनक के मन में खयाल आया कि क्यों ना अपनी पुत्री सीता का राम से विवाह करवा दें। ऐसे में उनसे और उनके परिवार से जन्मों तक का रिश्ता बंध जाएगा।
कथा वाचक प्रख्यात मानस मर्मज्ञ और प्रकांड विद्वान पंडित श्री सुधीर जी महाराज के श्रीमुख से यह प्रसंग इस खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया कि पूरा वातावरण राममय हो गया।
पांचवे दिन की कथा के अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी करुणाशंकर ओझा,संस्था के अध्यक्ष वरिष्ठ समाजसेवी ब्रह्मदेव तिवारी, महाराष्ट्र भाजपा के कार्यकारिणी सदस्य श्रीकांत पाण्डेय, प्रसिद्ध व्यवसायी और समाजसेवी हरिशंकर तिवारी, पंडित कमलाशंकर मिश्रा, राजेश दीक्षित, वरिष्ठ पत्रकार अमित मिश्रा....
.....जनार्दन दूबे, किरण सिंह, जितेंद्र चौबे, बी.एम. गुप्ता, सुनील चौरसिया, प्रेमशंकर पांडे,कमलाकांत त्रिपाठी, केशव पांडे, सतीश मिश्र,
प्रदीप चौबे, सुभाषचंद्र द्विवेदी, अमरबहादुर शुक्ला, परमानंद तिवारी, अनिरुद्ध तिवारी, ललित शुक्ला , हरिश्चंद्र विश्वकर्मा तथा लालचंद यादव सहित कई अन्य अतिथि तथा श्री राम सत्संग समिति के सभी पदाधिकारी एवं सदस्य भारी संख्या में उपस्थित थे। आयोजन का उत्कृष्ट संचालन राजीव मिश्रा ने किया।
बता दें कि 10 फरवरी 2023 तक चलनेवाली यह श्रीराम कथा जीएसबी ग्राउंड, एन एल कॉम्प्लेक्स, दहिसर पूर्व में आयोजित की गई है।