संगीत साहित्य मंच की 93 वीं मासिक काव्यगोष्ठी सम्पन्न      

संगीत साहित्य मंच की 93 वीं मासिक काव्यगोष्ठी सम्पन्न      

संगीत साहित्य मंच की 93 वीं मासिक काव्यगोष्ठी सम्पन्न      

* संवाददाता           

       ठाणे : साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था संगीत साहित्य मंच के तत्वाधान में आनलाइन काव्यपाठ संपन्न हुआ। आयोजन में मुख्य अतिथि सुश्री आरती सैया 'हीरांशी', कवि विनय शर्मा 'दीप' की अध्यक्षता और उमेश मिश्र के संचालन में संगीत साहित्य मंच की 93 वीं काव्य गोष्ठी सम्पन्न हुई।

   संस्था द्वारा महीने के हर द्वितीय शनिवार को निरन्तर चलनेवाली काव्य गोष्ठी किसी कारणवश द्वितीय शनिवार को न होकर तृतीय शनिवार को बड़ी ही सफलता पूर्वक सम्पन्न की गयी।इस गोष्ठी में मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के पारंपरिक गीत,भक्ति गीत एवं श्रृंगार रस की रचनाओं की अधिकता देखने को मिली।

   कार्यक्रम का श्रीगणेश सदाशिव चतुर्वेदी मधुर की सरस्वती वंदना से हुआ। इसके बाद जाने माने मंच संचालक उमेश मिश्र "प्रभाकर" ने कवयित्री सुश्री आरती को आमन्त्रित किया।आरती ने बहुत ही सुन्दर सांध्य गीत "संध्या बेला आपके द्वार पर छेड़ रही है तान" को बड़ी ही खूबसूरत तरीके से प्रस्तुत किया।तत्पश्चात कवि अरुण प्रकाश मिश्र "अनुरागी"  ने एक श्रृंगार गीत "जीते थे हम कभी उनको ही देख कर" की सुन्दर प्रस्तुति कर महफ़िल को रंगीन बना दिया।

   इस काव्य महफिल में उत्कृष्ट रचना क्रम को आगे बढ़ाते हुए शारदा प्रसाद दुबे शरदचंद्र ने "कहाँ ढूढू कहाँ जाऊं, नहीं है यहाँ मेरा कोई ठाँव " , मां की ममता के परिपेक्ष्य में सुन्दर रचना प्रस्तुत की।

   सदाशिव चतुर्वेदी मधुर ने "नया वर्ष हो शुभ और मंगल" और "ऐ मेरे भारत के रहने वालों"नववर्ष 2023 के आगमन पर स्वागत गीत सुनाया।आनन्द पाण्डेय "केवल" ने "समय विधायक हो गया और मंत्री प्रारब्ध"इस प्रकार के कई धमाकेदार दोहे प्रस्तुत किये। संस्थापक,संयोजक रामजीत गुप्ता ने "जब उनसे नैना चार हुए फिरता हूँ चाँद सितारों में" श्रृंगार रस का रोमांटिक गीत पेश किया।तदनन्तर संचालक ने "हजार गम को ओ आँचल में छुपा लेती है,लाख गम सहके भी वह हमको खुशी देती है" माँ पर आधारित लाजवाब रचना प्रस्तुत की।

  संचालक के आमंत्रण पर कार्यक्रम अध्यक्ष विनय शर्मा दीप ने "चलो निर्माण करने हम चले दीवाल जो टूटी" की सुन्दर प्रस्तुति दी।इसके बाद हास्य कवि हरीश तिवारी ने "मिली चुनौती है यदि तुमको,उसको तुम स्वीकार करो"की विशेष रचना प्रस्तुत की। राजेश दुबे अल्हड़ असरदार ने"भारत माँ के माथे का जो मुकुट है आज चमकता है"भारत की आज की सैन्य क्षमता का वर्णन कर  खूब तालियाँ बटोरीं।कार्यक्रम के मध्य देहरादून से विधुभूषण त्रिवेदी ने कवियों को अपना आशीर्वाद और शुभकामना प्रदान किया।
   संस्था संयोजक रामजीत गुप्ता ने 15 जनवरी 2023 को काशीनाथ घाणेकर सभागृह, ठाणे में संस्था के वार्षिकोत्सव को संगीतमय ढंग से मनाने और बृहद स्तर पर भव्य कवि सम्मेलन की घोषणा की।

   कार्यक्रम के अध्यक्ष विनय शर्मा दीप ने अपने उदबोधन में कार्यक्रम को खूब सराहा और सभी कवियों का उत्साहवर्धन किया।

   संयोजक रामजीत गुप्ता ने कृतज्ञता व्यक्त की और गोष्ठी केअन्त में संस्था के सहसंयोजक सदाशिव चतुर्वेदी "मधुर" ने समीक्षात्मक शब्दों के साथ आभार व्यक्त करके कार्यक्रम का समापन किया।