सेवा, समर्पण और सक्रियता के अपने बोधवाक्य को सार्थक करती संस्था "समन्वय संकल्प' का 38 वें वर्ष में प्रवेश....

सेवा, समर्पण और सक्रियता के अपने बोधवाक्य को सार्थक करती संस्था "समन्वय संकल्प' का 38 वें वर्ष में प्रवेश....

सेवा, समर्पण और सक्रियता के अपने बोधवाक्य को सार्थक करती संस्था "समन्वय संकल्प' का 38 वें वर्ष में प्रवेश....


* संवाददाता


  मुंबई : मुंबई की प्रमुख सामाजिक - साहित्यिक संस्था समन्वय संकल्प ने अपनी स्थापना के 38 वें वर्ष में प्रवेश कर लिया है । समाज के लिए कुछ रचनात्मक व सकारात्मक काम करने के उद्देश्य से इसकी स्थापना जून 1985 में की गई थी । संस्था ने समय - समय पर कई सामाजिक - साहित्यिक आयोजन किया है। जैसे कि कवि सम्मेलन , समीक्षा गोष्ठी , पुस्तक लोकार्पण समारोह , छात्रों की विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं , शिक्षकों का सम्मान व अभिनंदन समारोह आदि का आयोजन लगातार करते हुए संस्था ने साहित्य जगत एवम् समाज को अपनी सेवाएं दीं हैं । 

    समन्वय संकल्प ने विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिभाओं को समाज के सामने लाकर उनकी पीठ थपथपाने का अनवरत कार्य भी जारी रखा है । अनेक रचनात्मक कार्यों व कार्यक्रमों के माध्यम से संस्था ने अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है । यही कारण है कि इसे मुंबई के बुद्धिजीवियों का आशीर्वाद प्राप्त है । 

       संस्था के संस्थापक व प्रमुख ट्रस्टी वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध कुमार पांडे के अनुसार सीमित संसाधनों में भी हमने न केवल संस्था को लगातार 37 वर्षों तक जीवित रखा बल्कि 172 ऐसे कार्य व कार्यक्रम किए जिन्होंने लीक से हटकर आयोजित होने के कारण लोगों के दिलोदिमाग पर अपनी एक विशिष्ट छाप छोड़ी है । हर कार्यक्रम के बाद लोगों ने हमारे ईमानदार प्रयास की सराहना की है।
  सेवा, समर्पण व सक्रियता के अपने बोधवाक्य को सार्थक करती इस संस्था से जुड़े समन्वय प्रकाशन ने अब तक कुल 38 पुस्तकों के प्रकाशन में भी सफलता पाई है। हिंदी साहित्य जगत के अनेकों दिग्गजों व कवियों की पुस्तकों , जीवन चरित्र, कथा व काव्य संकलनों का इसमें समावेश है।