पटना में तीन दिवसीय साहित्य, संगीत एवं नाट्य समागम का समापन

पटना में तीन दिवसीय साहित्य, संगीत एवं नाट्य समागम का समापन

पटना में तीन दिवसीय साहित्य, संगीत एवं नाट्य समागम का समापन

 - साहित्यकारों और कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियों से दर्शक हुए मंत्रमुग्ध

* पटना संवाददाता

     पटना :  कला संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार के तत्वावधान में साहित्यिक संस्था सामयिक परिवेश द्वारा आयोजित तीन दिवसीय साहित्य, संगीत एवं नाट्य समागम का आज भव्य समापन हुआ। प्रेमचंद रंगशाला में अंतिम दिन कार्यक्रम का उद्घाटन कला संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार में निदेशक श्रीमती रूबी के कर कमलों  से हुआ। अपने उद्घाटन भाषण में श्रीमती रूबी ने  साहित्य, संगीत एवं नाट्य समागम जैसे आयोजन के लिए आयोजकों  की सराहना की और कहा कि कला संस्कृति विभाग  लगातार  कला, कलाकारों और संस्कृति और संस्कृतिकर्मियों को प्रोत्साहित करता रहा है। विभाग के माध्यम से सरकार स्तरीय कार्यक्रम को सहयोग भी करती है।  

   आखिरी दिन उद्घाटन अवसर पर श्रीमती ताबिशी बहल पांडे, सुमन कुमार, सामयिक परिवेश की संस्थापिका ममता मेहरोत्रा, सचिव अशोक कुमार सिन्हा, मुकेश महान तथा विभा सिंह सहित कई सम्मानित लोग  उपस्थित थे। 
     इस मौके पर सामयिक परिवेश की संस्थापिका ममता मेहरोत्रा ने कहा कि तीन दिनों का हमारा यह सांस्कृतिक महायज्ञ आज संपन्न हो रहा है। हम उन सभी साहित्यकारों कलाकारों को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने इसमें भाग लेकर कार्यक्रम को गौरव प्रदान किया। श्रीमती मेहरोत्रा ने सहयोग के लिए कला संस्कृति विभाग , बिहार सरकार का भी आभार प्रकट किया।

  इस समागम के अंतिम दिन कार्यक्रम की शुरुआत  लिटेरा पब्लिक स्कूल के बच्चों  की प्रस्तुति से हुई। बाल कलाकारों की प्रस्तुति ने वहां उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम के दूसरे चरण में  गजल गायन  की प्रस्तुति थी।

   राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिलब्ध शायर क़ासिम ख़ुरशीद के संयोजन  में ममता मेहरोत्रा , सुनील कुमार तंग, अनिरूद्ध  सिन्हा, शिव नारायण, दिलशाद नज़मी,सुशील साहिल  अराधना प्रसाद,गोरख प्रसाद  मस्ताना, अविनाश अमन  , अरूण कुमार आर्य और शबाना  इशरत ने अपनी गजल गायकी प्रस्तुत की। अंत में  मुहम्मद अली निर्देशित  नाटक पुनर्जन्म के सफल मंचन के  साथ इस तीन दिवसीय समारोह का समापन हुआ।