नवरात्रि पूजन विधि-विधान पर पंडित संजय द्विवेदी ने दी जानकारी 

नवरात्रि पूजन विधि-विधान पर पंडित संजय द्विवेदी ने दी जानकारी 

नवरात्रि पूजन विधि-विधान पर पंडित संजय द्विवेदी ने दी जानकारी 

* संवाददाता

       मुंबई : साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक राष्ट्रीय संस्था नव कुम्भ साहित्य सेवा संस्थान के पटल पर शुक्रवार दिनांक 23 सितंबर 2022 को सह-संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार राही की अध्यक्षता में नवरात्रि विशेष पर व्याख्यान की श्रृंखला में नवरात्रि विशेष पूजन विधि-विधान की जानकारी जैसे कि नवरात्रि का महत्व ,नवरात्रि में देवियों का पाठ आदि की ज्ञानवर्धक जानकारी दी गई।

    संस्था के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी विनय शर्मा दीप ने बताया कि संस्था के संयोजक और मुख्य सहयोगी संजय द्विवेदी जो कि कल्याण से हैं, आप एक हिंदी कवि, मंच संचालक, उत्कृष्ट साहित्यकार और विभिन्न विषयों के मर्मज्ञ हैं उन्होंने विस्तार से नवरात्रि से जुड़ी विशेष जानकारी विस्तार से उपलब्ध कराई।

   शारदीय नवरात्रि पर श्री द्विवेदी ने बताया कि 26 सितंबर 2022 से शारदीय नवरात्र का प्रारंभ हो रहा है। यह हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से मां आदिशक्ति की पूजा का काल आरम्भ हो जाता है। नवरात्र के पहले दिन विधि-विधान से घटस्थापना की जाती है। साथ ही इस दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की विधिवत पूजा की जाएगी। नवरात्र के नौ दिन मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है और परिवार के कल्याण के लिए उनके उज्जवल भविष्य की प्रार्थना की जाती है।

    उन्होंने आगे बताया कि नवरात्र महापर्व के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान कर लें और पूजा घर की साफ-सफाई करें। इसके बाद एक चौकी स्थापित करें और उसे गंगाजल से सिक्त कर दें। फिर चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं और उसपर माता के सभी स्वरूपों को स्थापित करें। इसके बाद मां शैलपुत्री की वंदना करते हुए व्रत का संकल्प लें और सफेद रंग का पुष्प अर्पित करें। इसके बाद अक्षत और सिंदूर अर्पित करें। इस बात का ध्यान रखें कि आप मां शैलपुत्री को सफेद रंग का वस्त्र अर्पित करें और गाय के घी से बने मिष्ठान का भोग लगाएं। अंत में घी का दीपक जलाएं और माता की आरती करें।इसी प्रकार नौ दिन तक देवी के प्रत्येक रूपों की पूजा विधि अलग-अलग तरीके से की जाती है ।