Heart Attack पर संसद के शून्यकाल में सांसद गोपाल शेट्टी ने की नागरिकों के "दिल की बात"

Heart Attack पर संसद के शून्यकाल में सांसद गोपाल शेट्टी ने की नागरिकों के "दिल की बात"

Heart Attack पर संसद के शून्यकाल में सांसद गोपाल शेट्टी ने की नागरिकों के "दिल की बात"
_  हृदयाघात से हो रही मौतों पर चिंतित हैं सांसद गोपाल शेट्टी
_40 वर्ष के ऊपर के लोगों का प्रत्येक 6 माह में हृदय रोग संबंधित जांच अनिवार्य करने की मांग की
_ जो इसका खर्च उठाने में सक्षम नहीं उनकी केंद्र और राज्य सरकार  के सहयोग से हृदयरोग जांच कराने का सांसद शेट्टी ने सदन में दिया प्रस्ताव

* विशेष संवाददाता

   नई दिल्ली : उत्तर मुंबई के लोकप्रिय सांसद गोपाल शेट्टी आज के दौर में देश भर में बढ़ते प्रमाण में हृदयाघात ( हॉर्ट अटैक) से हो रही मौतों को लेकर बेहद चिंतित और खिन्न हैं। सांसद गोपाल शेट्टी ने शून्यकाल में सदन के समक्ष अपनी इस चिंता को दर्शाता प्रश्न रखते हुए कहा कि आज देशभर में हार्ट अटैक से बढ़ रही मौतों के प्रमाण देख ये एक 'साइलेंट किलर' साबित हो रहा है। देश भर में आज हर 10 में से 4 मौतें हार्ट अटैक से हो रहीं हैं। 
   सांसद श्री शेट्टी ने सदन से कहा कि देश में विगत 10 वर्षों में करीब सवा दो लाख मौतें हार्ट अटैक से हुई हैं। अकेले सन 2020 में 29 हजार नागरिकों की जानें हार्ट अटैक के कारण गईं,  जिनमें मरनेवाले 85 प्रतिशत नागरिक पुरुष थे।
    सांसद गोपाल शेट्टी ने चिंता प्रकट करते हुए कहा है कि विगत 10 वर्षों में हार्ट अटैक से होनेवाली मौतों के प्रमाण में 75 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारत में हर वर्ष करीब 13 से 14 लाख नागरिक दिल की बीमारी से पीड़ित हो जाते हैं, इनमें से 8 प्रतिशत लोगों की मौत हार्ट अटैक आने के 30 दिन के भीतर हो जाती है। 
   सांसद श्री शेट्टी ने माननीय सदन को बताया कि मुंबई में पिछले साल के 6 माह में कोरोना से उतनी मौतें नहीं हुईं जितनी हार्ट अटैक से हुई थी। एक आरटीआई से ये जानकारी सामने आई है कि मुंबई में पिछले साल जनवरी से जून तक कोरोना से कुल 10 हजार 289 मौतें हुईं थी जबकि इसी काल में हार्ट अटैक से कुल 17 हजार 880 मौतों की संख्या सामने आई।
   सांसद गोपाल शेट्टी ने शून्यकाल के दौरान उपस्थित अपने प्रश्न पर आगे कहा कि मेरा सरकार से अनुरोध है कि वह 40 वर्ष से ऊपर के नागरिकों के लिए हर 6 माह पर हृदयरोग संबंधित टेस्ट अनिवार्य कर दे।  मेरा ये भी आग्रह है कि हर 6 माह पर यह टेस्ट कराने में जो लोग सक्षम नहीं हैं उनके हृदयरोग टेस्ट के लिए केंद्र और राज्य सरकार इसमें सहयोग और व्यवस्था करे। श्री शेट्टी ने इस संदर्भ में नियमावली बनाने का माननीय सदन से अनुरोध किया है।