हिंदी पत्रकारिता दिवस : भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ ने किया गोष्ठी का आयोजन
हिंदी पत्रकारिता दिवस : भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ ने किया गोष्ठी का आयोजन
- उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए पांच पत्रकारों को किया गया सम्मानित
* संवाददाता
गौतमबुद्ध नगर : भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ ने हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर एक गोष्ठी का आयोजन करने के साथ-साथ उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए पांच पत्रकारों को सम्मानित भी किया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि व वरिष्ठ पत्रकार जितेन्द्र बच्चन ने गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के आंदोलन में हिंदी पत्रकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। पत्रकार राष्ट्र के सच्चे प्रहरी होते हैं। वह सरकार को आइना दिखाने का काम करते हैं और आम जनमानस को जागरूक कर राष्ट्र निर्माण में अपना अहम योगदान देते हैं। लेकिन देश में विषम परिस्थितियों के चलते वर्तमान दौर में निष्पक्ष व निर्भीक पत्रकारिता करना चुनौती भरा कार्य हो गया है।
जितेन्द्र बच्चन ने कहा कि प्रेस, पब्लिक और प्रशासन सभी मिलकर सेतु का काम करते हैं, किंतु पीत पत्रकारिता एवं सरकारी निरंकुश्ता बेईमानी और भ्रष्टाचार आदि के द्वारा स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति अथवा प्रेस की आजादी पर कुठाराघात जारी है, जोकि विकसित भारत और समृद्ध भारत बनाए जाने में रुकावट का काम कर रहा है। मगर उन्हें उम्मीद है कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकार अपना अभियान जारी रखेंगे।
बच्चन ने आगे कहा कि करीब 198 वर्ष पूर्व 30 मई को कलकत्ता से संपादक जुगल किशोर शुक्ला ने हिंदी का जो पहला अखबार ‘उदन्त मार्तण्ड’ निकालकर विश्व में इतिहास रचा था, आज वही लोकतंत्र का चौथा स्तंभ ढहने के कगार पर है। हिंदी पत्रकारिता सदैव कार्यपालिका, न्यायपालिका और व्यवस्था को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है लेकिन आज पत्रकारों पर कोई भरोसा करने को तैयार नहीं है। शायद इसके लिए कहीं न कहीं हम खुद भी जिम्मेदार हैं। हमने अपनी कलम को धार तो दी पर पत्रकारिता का मूल उद्देश्य ‘सेवा भाव’ भूल गए। सरकार को भी चाहिए कि वह सकारत्मक रुख अखित्यार करे, तभी पत्रकार अपनी जिम्मेदारी का पूर्ण निर्वाह कर पाएंगे।
दनकौर स्थित बिलासपुर में आयोजित गोष्ठी में अपने विचार रखते हुए भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय सचिव व सामाजिक चिंतक नंद गोपाल वर्मा ने कहा है कि स्वस्थ पत्रकारिता से ही नए समाज और विकसित भारत का निर्माण हो सकता है। इसके लिए पत्रकारों की सुरक्षा और प्रेस की आजादी की गारंटी सरकार को देनी चाहिए, वरना उनकी पुख्ता सुरक्षा के बिना देश में लोकतंत्र बेईमानी है। उन्होंने विगत सात-आठ वर्षों में 250 पत्रकारों की हत्या पर चिंता जताते हुए इन्हें केंद्र व राज्य सरकारों के माथे पर कलंक बताया है।
कार्यक्रम का संचालन भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के प्रदेश सचिव राजेश शर्मा ने व अध्यक्षता भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ गौतम बुद्ध नगर जिलाध्यक्ष वीरेंद्र मलिक ने की।
इस अवसर पर संयोजक गजेंद्र भाटी, अनिल कौशिक, सुरेंद्र भाटी, हरिप्रकाश बाबा, एडवोकेट सोनू शर्मा, मुकेश सिंह समेत कई पत्रकार, कवि, साहित्यकार एवं अनेक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।