ड्योढ़ा सवैया - हिन्दी दिवस

ड्योढ़ा सवैया - हिन्दी दिवस

   ड्योढ़ा सवैया - हिन्दी दिवस

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(1)
भारत नाम सुशोभित कर जग झूम रही सिरमौर है हिन्दी।
देश विदेश करे गुणगान अकाशहिं में शशि सौर है हिन्दी।
बालक ज्ञान विज्ञान सिखावत दीप निशाचर भोर है हिन्दी।
राज करें वहिं राज सिंहासन राजन कौ वहि चौर है हिन्दी।।

(2)
भूमि भरत उपवन क संस्कृति जीवन कौ संस्कार है हिन्दी।
भाव कलश अरु वर्ण भंडार दिदार लिलार श्रृंगार है हिन्दी।
शारद संस्कृति की दुहिता सुर तालन कै रसधार‌ है हिन्दी।
दीप क छंद विधान विहान व मानुष स्नेह दुलार है हिन्दी।।

(3)
राहुल प्रेम व पंत निराला बच्चन कौ गुणगान है हिन्दी।
नीरज शंकर अरु विद्यापति दिनकर कौ सम्मान है हिन्दी।
श्याम नरायन आह भिखारी के लेखन कौ वरदान है हिन्दी।
दीपहिं छंद निबंध प्रबंधहिं साधक कौ अभिमान है हिन्दी।।

* कवि : विनय शर्मा दीप ( मुंबई )