फिजिक्सवाला ने ऑफलाइन लर्निंग में रखा कदम
फिजिक्सवाला ने ऑफलाइन लर्निंग में रखा कदम
~ देश का 101वां यूनिकॉर्न स्टार्टअप; कोटा में खोला पहला सेंटर
* बिजनेस रिपोर्टर
एक बड़ा कदम उठाते हुए देश के किफायती फीस और सबकी पहुंच वाले एड-टेक प्लेटफॉर्म पीडब्ल्यू (फिजिक्सवाला) ने राजस्थान के एजुकेशन हब कोटा में अपना पहला पूर्ण रूप से ऑफलाइन कोचिंग सेंटर पीडब्ल्यू विद्यापीठ शुरू किया है। इंजीनियरिंग और मेडिकल में करियर बनाने के इच्छुक विद्यार्थियों को 24 घंटे शंका समाधान की सुविधा के साथ बेहद प्रतिस्पर्धी और शिक्षण के अनुकूल माहौल प्रदान करने के लिए इस सेंटर की स्थापना की गई है। हर कक्षा में 125 स्टूडेंट्स पर एक शिक्षक रखा गया है, ताकि हर विद्यार्थी पर पर्याप्त ध्यान दिया जा सके।
स्टूडेंट्स की मांग पर फिजिक्सवाला ने कोटा में अपना पहला ऑफलाइन सेंटर खोलने का यह बड़ा कदम उठाया है। हालांकि कोरोना महामारी के दौरान ऑनलाइन कक्षाएं विद्यार्थियों के लिए बहुत ही प्रभावी रही हैं, लेकिन ऑफलाइन क्लासरूम सीखने का एक बेहतर वातावरण तैयार करता है। अब कोराना की परिस्थितियां सामान्य हो जाने के बाद विद्यार्थी कक्षा में उपस्थित रहकर सीखना चाहते हैं ताकि पसंदीदा करियर की तरफ जल्दी बढ़ सकें। फिजिक्सवाला ने नया सेंटर इसी विजन के साथ खोला है। यह सेंटर मौजूदा समय के स्टूडेंट्स की बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है, ताकि उनको ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों का फायदा मिल सके। यूनिकॉर्न क्लब में शामिल होने के बाद पीडब्ल्यू की ओर से यह पहली बड़ी घोषणा है। इसमें 1,000 से ज्यादा प्रवेश पहले ही किए जा चुके हैं।
फिजिक्सवाला के संस्थापक और सीईओ अलख पाण्डेय ने कहा, ‘हमने कोटा का चुनाव कई कारणों से किया है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाएं पास करने में स्टूडेंट्स की मदद करने के मामले में कोटा का अटूट ट्रेक रिकॉर्ड है। इस शहर ने सर्वश्रेष्ठ शिक्षण के मामले में देशभर के स्टूडेंट्स और अभिभावकों का भरोसा जीता है। सर्वेक्षण 2011 के मुताबिक कोटा की औसत साक्षरता दर 82.80 फीसदी है जो राष्ट्रीय औसत 74.04 फीसदी से भी अधिक है।’
उन्होंने कहा, ‘पीडब्ल्यू की स्थापना से ही हमारी कोशिश शिक्षा को किफायती और सबकी पहुंच में बनाने के लिए प्रयासरत हैं। हम आने वाले वर्षों में भी इन दोनों प्रमुख पहलुओं पर जोर देते रहेंगे और कोटा में सेंटर खोलना हमारी इस प्रतिबद्धता के प्रति गंभीरता को दर्शाता है। दरअसल, यह हमारे फुर्तीले स्वभाव और नई शिक्षण कला को अपनाने की तीव्रता को दर्शाता है ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षण को ज्यादा रुचिकल और आनंददायक बनाया जा सके।’