छोटे भूखंड पर मकान निर्माण के लिए माॅडल प्लान बनाने हेतु सांसद गोपाल शेट्टी का भगीरथ प्रयास : लोकसभा में रखी मुद्दे की बात

छोटे भूखंड पर मकान निर्माण के लिए माॅडल प्लान बनाने हेतु सांसद गोपाल शेट्टी का भगीरथ प्रयास : लोकसभा में रखी मुद्दे की बात

छोटे भूखंड पर मकान निर्माण के लिए माॅडल प्लान बनाने हेतु सांसद गोपाल शेट्टी का भगीरथ प्रयास : लोकसभा में रखी मुद्दे की बात
- आवास और शहरी विकास कार्य मंत्री ने दिया संतोषजनक उत्तर
- छोटे भूखंड पर मकान बनाने की राह हुई आसान, नागरिकों का बचेगा समय और पैसा 

   * अमित मिश्रा

          नई दिल्ली : उत्तर मुम्बई के लोकप्रिय सांसद गोपाल शेट्टी ने लोकसभा में तारांकित प्रश्न रखते हुए कहा कि देश को स्वतंत्र हुए 75 वर्ष पूरे हो गए हैं, लेकिन तब भी यदि किसी व्यक्ति को अपनी ही भूमि पर अपने स्वयं के लिए घर बनाना हो तो उसे आर्किटेक्ट और नगरपालिका/महानगरपालिकाओं के अधिकारियों के यहां चक्कर काटने पड़ते हैं। इसके लिए उन्हें बड़ी राशि भी व्यय करनी पड़ती है, जो एक सामान्य जन के लिए बहुत ही कष्ट दायी है । 
   सांसद गोपाल शेट्टी ने लोकसभा में आगे कहा कि मुंबई शहर के 100, 150 और 200 वर्ग मीटर के भू-खंड पर लोगों को भवन निर्माण कार्य आसान करने के लिए सरकार द्वारा एक माॅडल प्लान बनाकर बगैर आर्किटेक्ट, नागरिक स्वयं नगरपालिका और महानगरपालिकाओं से अनुमति प्राप्त कर सकें, इसकी व्यवस्था की जाए। 
   सांसद गोपाल शेट्टी के इस प्रकार के सुझाव पर आवास और शहरी विकास कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संतोषजनक और सहयोगात्मक उत्तर दिया। जिसके बाद सांसद गोपाल शेट्टी ने उन्हें संबोधित करते हुए कहा कि आपने इस संदर्भ में जो अपनी सहमति प्रदान की है, इसके लिए मैं अपनी एवं सभी देश वासियों की ओर से आपका हार्दिक अभिनंदन करता हूं । 
    सांसद शेट्टी ने कहा था कि देश भर में छोटे भूखंड पर मकान निर्माण के लिए नागरिकों को न केवल बड़ी असुविधा हो रही है, बल्कि उन्हें समय भी व्यर्थ गंवाना पड़ता है और सबको आर्थिक क्षति भी होती है । इस संदर्भ में, मेरा आपसे अनुरोध है कि आप वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पूर्व पूरे देश में 100, 150, 200 वर्गमीटर के भू-खंड में यदि कोई स्वयं का घर बनाना चाहता है तो केन्द्र सरकार राज्य सरकार/नगरपालिका/महानगरपालिकाओं को इस तरह के भूखंड पर मकान का निर्माण कराए जाने के लिए एक माॅडल प्लान बनाए जाने हेतु निर्देशित किया जाना चाहिए, जिसमें आवेदक से उक्त भूखंड पर भवन निर्माण हेतु आवेदन करने के दौरान एक निश्चित की गई राशि वसूल कर उन्हें निर्माण की अनुमति दे दी जाए । इस तरह का माॅडल प्लान बनाए जाने से नागरिकों को आर्किटेक्ट और अधिकारियों के यहां बार-बार चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और वे अपने मकान का सरलता से निर्माण कर सकेंगे तथा उनकी भवन निर्माण की परेशानी भी समाप्त हो जाएगी । 
   सांसद गोपाल शेट्टी ने अंत में  आवास और शहरी विकास कार्य मंत्री से कहा कि मुझे आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि आप इस संदर्भ में समुचित निर्देश प्रदान करके,आगे की गयी कार्यवाही से मुझे भी अवगत कराने का कष्ट करेंगे ।