कविता : मौसम है आशिकाना

कविता : मौसम है आशिकाना

कविता : मौसम है आशिकाना ....

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गर्मी से राहत मिली,

मौसम मंद बयार
चिप-चिप छोड़े साथ तो,

किच-किच की हुंकार
किच-किच की हुंकार,

गा रहे नदिया-नाले
टप-टप पतरा छुवे,

मेघ छाए हैं काले
कह सुरेश कविराय

समुंदर की बेशर्मी
नदिया गले मिली,

दिखा रहा अब गर्मी

* कवि : सुरेश मिश्र

           ( मुंबई )