आह से उपजा होगा गान : काव्य सृजन की मासिक काव्य गोष्ठी संपन्न ....

आह से उपजा होगा गान : काव्य सृजन की मासिक काव्य गोष्ठी संपन्न ....

आह से उपजा होगा गान : काव्य सृजन की मासिक काव्य गोष्ठी संपन्न ....

_ कई अपनों को खोने की पीड़ा से दुःखी कवियों को श्रद्धांजली से करनी पड़ी गोष्ठी की शुरुवात !

संवाददाता

       मुंबई :  काव्य सृजन नामक संस्था  हर माह काव्य गोष्ठी एवम विविध सांस्कृतिक आयोजन करती आई है, परन्तु इस बार संस्था से जुड़े लोगों के अनेक परिजन तथा साहित्य क्षेत्र में असंभावित और दुखद घटनाक्रम के चलते सभी संवेदनशील कवि मर्माहत थे। संस्था के वरिष्ठ मार्गदर्शक हौशिला प्रसाद "अन्वेषी " की पूज्य माताश्री गोलोकवासी हुईं थीं, वहीं संस्था की पूर्व राष्ट्रीय महिला मंच अध्यक्षा डॉ. संगीता शर्मा अधिकारी ने अपने जीवन साथी को खो दिया था। कवि,पत्रकार विनय शर्मा "दीप"  ने जहां अपनी सुपुत्री को हमेशा के लिए खो दिया था, वहीं संस्था के प्रारंभिक पूर्व सचिव संजय उपाध्याय की माताजी ,प्रख्यात कवि संजय द्विवेद्वी के अनुज के महाप्रयाण से दुखी परिवार पर वज्रपात हुआ था। जाने माने मँच संचालक व्यंग्यकार डॉ. अनन्त श्रीमाली के स्वर्गवास के समाचार ने भी साहित्य जगत को स्तब्ध कर दिया था।

    गोष्ठी में आमंत्रित कवियों ने सर्वप्रथम ऐसी सभी गोलोक वासी पुण्यात्माओं का स्मरण करते हुए उन्हें अपनी-अपनी शब्दाँजलि अर्पित की। योगिराज श्रीकृष्ण विद्यालय, साकीनाका,मुम्बई में आयोजित गोष्ठी के दौरान पहले सभी ने दो मिनट का मौन रखकर स्वर्गलोक प्रयाण कर गए लोगों को श्रद्धांजलि दी, जिसके उपरांत काव्य गोष्ठी प्रारंभ की गई।

     "आत्मिक"श्रीधर मिश्र  की अध्यक्षता एवं लाल बहादुर यादव " कमल " के संचालन में , केपीएम स्कूल,साकीनाका के प्रधानाचार्य डॉ. मिथिलेश पाण्डेय के मुख्य आतिथ्य और श्रीकांत साहित्य मंच की अध्यक्षा अलका जैन " आनंदी " की गरिमामय उपस्थिति में सर्वश्री पं. शिवप्रकाश " जमदग्निपुरी , "हौशिला प्रसाद अनवेशी, प्रा. अंजनी कुमार द्विवेदी "अनमोल रसिक ", माता प्रसाद शर्मा, एड. राजीव मिश्र, सौरभ दत्ता "जयंत ", विजय यादव और ऋतू कुशवाहा आदि कवियों ने अपनी स्तरीय और यादगार रचनाओं के माध्यम से  सभी परलोक गमन कर गए लोगों को सम सामयिक शब्दाँजलि के साथ ही पुष्पाँजलि भी समर्पित की।

    मुख्य अतिथि डॉ. मिथिलेश पाण्डेय ने इन विषम परिस्थितियों में भी मानवीय संवेदना की काव्यमय अभिव्यक्ति की सराहना की। उन्होंने सामाजिक सुख - दुःख से जुड़े आयोजनों को इस संस्थारूपी परिवार की विशेषता बताया और कहा कि आज यहाँ ' आह से उपजा होगा गान...' वाली पंक्तियाँ चरितार्थ होते दिखी हैं..।
     अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में आदरणीय श्रीधर मिश्र ने सभी कवियों की प्रस्तुतियों की सुन्दर विवेचना करते हुए इस प्रकार से मानव जीवन से जुड़ने को ही साहित्य का मूल लक्ष्य बताया।

      गोष्ठी के अंत में एड.राजीव मिश्र ने आगामी स्वतंत्रता दिवस पर होनेवाले प्रतिस्पर्धात्मक कविता पाठ की सूचना देते हुए आयोजन में पधारे कवियों तथा अतिथियों का आभार व्यक्त किया और गोष्ठी का समापन किया।